दिल्लीब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई शहर शिवसेना के ‘धनुष बाण’ पर आज भी नहीं हुआ फैसला; चुनाव आयोग में अब 20 जनवरी को होगी अगली सुनवाई 17th January 202317th January 2023 Network Mahanagar 🔊 Listen to this नयी दिल्ली/मुंबई: शिवसेना का चिन्ह ‘धनुष बाण’ किसका? यह सवाल महाराष्ट्र की राजनीति में पिछले चार महीनों से गूंज रही है। इस दौरान शिवसेना के दोनों खेमों- उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे गुटों के बीच विवाद चरम पर पहुंच गया। इसी मुद्दे पर आज (17 जनवरी) चुनाव आयोग में सुनवाई हुई, लेकिन ‘धनुष बाण’ का चिन्ह किसे मिलेगा, इस पर फैसला आज भी नहीं हो सका। चुनाव आयोग के समक्ष इस मामले की अगली सुनवाई अब शुक्रवार (20 जनवरी) को होगी। चुनाव आयोग में सुनवाई के दौरान शिवसेना की पहचान बन चुके ‘धनुष बाण’ निशान पर शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) यानी उद्धव गुट और ‘बालासाहेबांची शिवसेना’ यानी शिंदे गुट दोनों ने ही अपना अपना दावा पेश करते हुए दलीलें दी। इस मसले पर चुनाव आयोग में सुनवाई के दौरान उद्धव गुट की तरफ से कपिल सिब्बल ने जोरदार तर्क दिया है। उधर, शिंदे गुट के वकीलों की एक बड़ी फौज भी जिरह के लिए मौजूद रही। वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा- शिंदे गुट द्वारा आयोग को दिए गए दस्तावेज पुराने है। उनके वकील जेठमलानी द्वारा किया गया दावा भी फर्जी है। शिवसेना में फूट का पार्टी पर कोई असर नहीं पड़ेगा इसलिए इस फूट को हल्के में लिया जाना चाहिए। यह फूट काल्पनिक हो सकती है। उद्धव ठाकरे की शिवसेना ही असली शिवसेना है। सिब्बल ने चुनाव आयोग के सामने दलील दी कि जब तक इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला नहीं आ जाता, तब तक आयोग की तरफ से भी कोई फैसला नहीं लिया जाना चाहिए। जेठमलानी ने तर्क दिया कि शिंदे गुट के पास पर्याप्त संख्या बल है। अगर कोई गुट छोड़कर जाता है तो इसमें क्या गलत है? हमारे पास विधायकों और सांसदों की संख्या अधिक है। बहुमत के लिए आंकड़े महत्वपूर्ण होते हैं। इसलिए चुनाव आयोग को इस पर फैसला लेना चाहिए। पिछली सुनवाई में क्या हुआ? इस बीच पिछले हफ्ते 10 जनवरी को चुनाव आयोग में दोनों पक्षों की ओर से जोरदार बहस हुई थी। शिंदे गुट ने दावा किया था कि पार्टी प्रमुख के रूप में उद्धव ठाकरे का पद अवैध था। जबकि ठाकरे गुट ने सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग से मांग की थी कि सत्ता संघर्ष पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने तक कोई फैसला नहीं लिया जाना चाहिए। गौरतलब हो कि जून 2022 में एकनाथ शिंदे और उनके सहयोगी विधायकों ने बगावत कर उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाविकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार को सत्ता से बेदखल कर दिया था. इसके बाद शिंदे के नेतृत्व में बीजेपी के समर्थन से महाराष्ट्र में नई सरकार गठित की, जिसमें एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बने। उसके बाद शिंदे समूह ने शिवसेना पर दावा ठोका और खुद को असली शिवसेना बताते हुए चुनाव आयोग और देश की शीर्ष कोर्ट में क़ानूनी लड़ाई शुरू की। इस बीच, चुनाव आयोग ने दोनों गुटों को नया नाम और चुनाव चिन्ह आवंटित किया। मुंबई पुलिस ने शिवसेना भवन के सामने से शिंदे का पोस्टर हटाया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 19 जनवरी को मुंबई दौरे से पहले शहर में पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के आवास के बाहर पीएम मोदी, शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के बड़े-बड़े कटआउट लगाए गए हैं। हालांकि, अब मुंबई पुलिस ने शिवसेना भवन के सामने से सीएम शिंदे के कटआउट, पोस्टरों को हटावा दिया है। Post Views: 176