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शिवसेना के बागी विधायक मंगेश कुडालकर के दफ्तर पर गुस्साए शिवसैनिकों ने बोला हमला, साइन बोर्ड तोड़ने की कोशिश!

मुंबई: शिवसेना के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी (MVA) सरकार के हाथों से अब सत्ता फिसलती दिखाई रही है। इसका असर भी मुंबई में दिखने लगा है। शुक्रवार को शिवसेना कार्यकर्ताओं ने पार्टी विधायक मंगेश कुडालकर के कुर्ला स्थित नेहरूनगर दफ्तर के बाहर लगे पार्टी के साइन बोर्ड को तोड़ने की कोशिश की। सूचना पर पहुंची पुलिस ने लोगों को शांत कराया।
बताया जा रहा है कि राज्य के मुख्यमंत्री व शिवसेना पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे का गुट अब खुलेआम गुंडागर्दी पर उतर आया है। इसी कड़ी में कुर्ला से बागी शिवसेना विधायक मंगेश कुडालकर के दफ्तर में शिवसैनिकों ने तोड़फोड़ की है। इसका आरोप उद्धव के गुट वाले शिवसैनिकों पर लग रहा है। इसके अलावा भी राज्य में कई जिलों से शिंदे के साथ बागी विधायकों वाले होर्डिंग या बोर्ड को शिवसेना कार्यकर्ताओं द्वारा निशाना बनाने की कुछ घटनाएं सामने आई हैं। मुंबई पुलिस ने एकनाथ शिंदे के विद्रोह के बाद किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए शहर में शिवसेना की शाखाओं सहित कई स्थानों पर सुरक्षा बढ़ा दी है।
इस घटना की वीडियो भी वायरल हो रहा है। इसमें स्पष्ट देखा जा सकता है कि लाठी-डंडों और लोहे के औजारों के साथ कुछ लोग विधायक कुडालकर के ऑफिस के गेट पर पहुँचते हैं और वहाँ पर लगे हुए पार्टी के साइन बोर्ड में तोड़फोड़ करते हैं। इस मौके पर वहाँ पुलिस का एक जवान भी खड़ा होता है। हालाँकि, वो कुछ कर नहीं पाता।
बता दें कि महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महाविकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार में जारी राजनीतिक घमासान के बीच कैबिनेट मंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले बागी खेमे में सावंतवाड़ी से विधायक दीपक केसकर, चेंबूर से विधायक मंगेश कुडालकर और दादर से विधायक सदा सरवणकर 23 जून गुरुवार को सुबह मुंबई से गुवाहाटी पहुंचे थे। एकनाथ शिंदे के शिवसेना से अलग होने और कई विधायकों के समर्थन से एक विद्रोही गुट बनाने के बाद शिवसेना पार्टी टूटने के कागार पर है।
इधर शिवसेना भी बागी विधायकों पर कार्यवाही करने के मूड में आ गई हैं। शिवसेना प्रमुख व सीएम उद्धव ठाकरे ने 16 विधायकों को अमान्य करने के लिए विधानसभा के डिप्टी स्पीकर को चिट्ठी लिखी हैं। इसे शिवसेना की तरफ से एक नया दांव माना जा रहा है, क्योंकि एक तरफ शिंदे अपने पक्ष में 37 से अधिक शिवसेना विधायकों के होने का दावा ठोंक रहे हैं, वहीं शिवसेना सिर्फ 16 विधायकों की सदस्यता रद्द करवाने की पहल क्यों कर रही हैं? यह भी शिवसेना का एक साधा दांव माना जा रहा है।

उधर, महाराष्ट्र में तेजी से बदलते सियासी हालत को देखते हुए पुलिस अलर्ट हो गई है। पूरे महाराष्‍ट्र में श‍िवसेना कार्यकर्ताओं के व‍िरोध-प्रदर्शन और ह‍िंसक हमलों को लेकर खासकर मुंबई पुल‍िस ने जगह-जगह सुरक्षा व्‍यवस्‍था कड़ी कर दी है। राज्य के सभी पुलिस थानों को हाई अलर्ट पर रहने का आदेश दिया गया है। पुलिस का कहना है कि उन्हें सूचना मिली थी कि शिवसैनिक बड़ी संख्या में सड़कों पर उतर सकते हैं। शांति सुनिश्चित करने के लिए पुलिस को सतर्क रहने का आदेश जारी किया गया है।

गौरतलब है कि शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा था कि हमें चुनौती देने वाले एकनाथ शिंदे गुट को पता होना चाहिए कि शिवसैनिक अभी सड़क पर नहीं उतरे हैं। इस तरह की लड़ाई या तो कानूनी तरीके से लड़ी जाती है या सड़क पर। जरूरत पड़ी तो हमारे कार्यकर्ता सड़क पर उतरेंगे।