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सऊदी अरब के बाद भारत में भी हुआ चांद का दीदार, कल से शुरू होगा माह-ए-रमजान का मुकद्दस महीना

नयी दिल्ली: सऊदी अरब, यूएई और ऑस्ट्रेलिया सहित कई देशों में शुक्रवार को ही रमजान का चांद नज़र आ चुका है। चांद दिखते ही इन देशों में रमजान का महीना आज से शुरू हो गया है। भारत में सऊदी अरब की तुलना में एक दिन बाद चांद दिखाई देता है। ऐसे में भारत में शनिवार को चांद दिखाई दिया और यहां रविवार से रोजा रखा जाएगा।
चांद दिखने वाली शाम को तरावीह की विशेष नमाज अदा की जाती है और अगले दिन सुबह से रोजे रखे जाते हैं। तरावीह से पहले एशा की नमाज अदा की जाती है। बता दें कि रमजान इस्लामिक कैलेंडर का 9वां महीना है और इसे पवित्र-पाक महीना माना जाता है।
दुनिया के कई देशों में मुसलमान सऊदी अरब के हिसाब से रमजान का महीना शुरू करते हैं। जिस दिन सऊदी अरब में चांद दिखता है, उसी दिन से इन देशों में भी रमजान का महीना आरंभ हो जाता है। इन देशों में अफगानिस्तान, अल्बानिया, अरमेनिया, ऑस्ट्रिया, अजरबैजान, बहरीन, बेल्जियम, बोलविया, बुल्गारिया, बुरकीना फासो, चेचन्या, डेनमार्क, फिनलैंड, जॉर्जिया, हंग्री, आइसलैंड, इराक (यहां का सुन्नी समुदाय सऊदी अरब के नियम का पालन करता है), इटली, जापान, जॉर्डन, कजाख्सतान, कुवैत, किर्गीस्तान, लेबनॉन, मॉरीतानिया, नीदरलैंड्स, फलीस्तीन, कतर, रोमानिया, रूस, सिंगापुर, सूडान, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, सीरिया, ताइवान, तजाकिस्तान, टोगो, तुर्कमेनिस्तान, यूएई, यूके, उज्बेकिस्तान और यमन आदि शामिल हैं।

क्यों अहम होता है चांद का दिखना?
रमजान शुरू होने की तारीख हर साल बदलती रहती है क्योंकि इस्लामिक कैलेंडर चांद के साइकल पर आधारित होता है। ऐसे में किसी भी महीने की शुरुआत या अंत चांद के दिखने पर आधारित होती है। इस साल, भारत में रमजान 2 अप्रैल से शुरू हो रहा है।
इस्लाम धर्म में रमजान महीने का बहुत महत्व है। पूरे एक माह तक मुस्लिम समाज के लोग रोजा रखते हैं। इस दौरान दिन के समय न कुछ खाया जाता है और न ही पिया जाता है। रमजान के महीने में रोजा रखने के पीछे तर्क दिया जाता है कि इस दौरान व्यक्ति अपनी बुरी आदतों से दूर रहने के साथ ही खुद पर संयम रखता है।

बताया जाता है कि इस्लाम धर्म पांच स्तम्भों पर टिका हुआ है। पांचों स्तम्भों में माह-ए-रमजान का 30 रोजा शामिल भी है। इस्लामिक मान्यतओं के मुताबिक, अल्लाह पाक ने नबी साहब की उम्मत पर 30 रोजा फर्ज किया। उन्होंने बताया कि अल्लाह पाक ने माह-ए-रमजान का 30 रोजा उम्मत के लिए तोहफा दिया गया। माह-ए-रमजान रहमतों, बरकतों व मगफिरत का महीना है। माह-ए-रमाजान शुरू होने से घरों से लेकर अन्य स्थानों पर तैयारियां तेज हो गई हैं। चौराहों पर जहां खजूर, ड्राईफूड, फल अन्य की दुकानें सज गई हैं, वहीं मस्जिदों व घरों में भी तैयारियां जोरशोर से चल रही हैं। रमजान के स्वागत के लिए हर तरफ तैयारियां चल रही है। सहरी व इफतार के लिए बाजारों में दुकानें सज गई हैं। किराना की दुकानों पर लम्बी लाइन देखने को मिल रही है। इस दौरान लोग चना, मटर, बेसन, चिप्स, सेवई, ब्रेड व अन्य सामानों की खरीदारी किया। इसके अलावा इफ्तार के लिए खजूर, रूह अफजा, आम, संतरा, नीबू, लीची फ्लेवर का टैंगा व सूखे मेवे की खरीददारी किया।

बता दें कि देशभर में कोरोना संक्रमण के चलते लगी पाबंदियों की वजह से धार्मिक स्थल बंद थे और ‘तरावीह’ की विशेष नमाज़ मस्जिदों में नहीं हो रही थी, हालांकि, इस बार कोविड-19 के मामले कम होने के बाद पाबंदियों को हटा लिया गया है। जिसकी वजह से लोग खुलकर त्योहारों का आनंद ले सकेंगे।