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‘ॐ’ में है चमत्कारी शक्ति, इसके जाप से मिलेगी हर कष्ट से मुक्ति: अंजू दीदी

मुंबई: माहिम के कॉजवे में गुरुवार को ‘ओम मण्डली शिवशक्ति अवतार सेवा संस्थान’ की ओर से अंजू दीदी के सानिध्य में भाई-बहन के अटूट प्रेम व स्नेह के पावन पर्व रक्षाबंधन से पूर्व भाई-बहनों के माथे पर तिलक लगाकर उनकी कलाई पर ‘ॐ’ नाम की राखी बांध व मिठाई खिलाकर अच्छे स्वास्थ्य और लम्बी उम्र की कामना की गई.
वहीँ इस मौके पर बड़ी संख्या में मौजूद लोगों को ‘ॐ’ शब्द की विशेषता व उच्चारण के बारे में सही जानकारी दी गई. अंजू दीदी ने प्रवचन में कहा कि बिना ओम (ॐ) के सृष्टि की कल्पना भी नहीं हो सकती है. ‘ॐ’ शब्द नहीं है, बल्कि ध्वनि है. जब हम इसका जाप करते हैं तो बोलते समय उत्पन्न हुई उस ध्वनि से ही हमें कई तरह के अचूक फायदे होते हैं. ये ऐसा चमत्कारिक शब्द है जो कुछ ही दिनों में आपकी तमाम परेशानियों को बिना पैसे खर्च किये जड़ से खत्म करके आपके पूरे जीवन को बदलकर रख देगा.

‘ॐ’ सिर्फ एक पवित्र ध्वनि ही नहीं, बल्कि अनन्त शक्ति का प्रतीक है
आगे उन्होंने कहा कि धार्मिक रूप से ‘ॐ’ शब्द को बहुत शक्तिशाली माना गया है. धार्मिक दृष्टि से यह भी माना जाता है कि ‘ॐ’ में त्रिदेवों का वास होता है इसलिए सभी मंत्रों से पहले इस मंत्र का उच्चारण किया जाता है जैसे ‘ॐ’ नमो भगवते वासुदेव, ‘ॐ’ नमः शिवाय! ओम (ॐ) के बिना किसी घर की पूजा पूरी नहीं होती.

सारी समस्याओं का एक ही समाधान ‘ॐ’ ध्वनि…!
उन्होंने बताया, मान्यता है कि इसमें पूरा ब्रह्मांड समाया हुआ है. जब हम किसी मंत्रोच्चारण से पहले इस शब्द को बोलते हैं तो उस मंत्र का प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है. ‘ॐ’ शब्द बोलते समय हमारे गले और शरीर में एक तरह का कंपन होता है, इसकी वजह से थायरॉयड, बीपी, लंग्स, पेट की समस्याएं ठीक होती हैं और शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा बेहतर होती है. मानसिक रोगों के लिए तो ‘ॐ’ का उच्चारण करना कमाल का असर करता है. कुछ समय तक लगातार ‘ॐ’ का उच्चारण करने पर आप पाएंगे कि आपका तनाव रफूचक्कर हो चुका है. ‘ॐ’ का उच्चारण आपके मन और आत्मा को बिल्कुल शांत कर देता है, जिससे आपकी व्याकुलता यानी घबराहट अपने आप ही चली जाती है.
देश-विदेश के तमाम वैज्ञानिक ‘ॐ’ के उच्चारण से निकलने वाली ध्वनि तरंगों पर शोध कर चुके हैं और उनका भी मानना हैं कि ‘ॐ’ के नियमित जाप से तनाव, डिप्रेशन, गुस्सा, अनिद्रा जैसी कई समस्याएं काफी नियंत्रण में आ जाती हैं.
तमाम लोगों का ये कहना होता है भागदौड़ की जिंदगी में उन पर काम का बोझ इतना ज्यादा है कि वे चाहकर भी भगवान के ध्यान, पूजा पाठ, योग व प्राणायाम के लिए समय नहीं निकाल पाते. ऐसे लोगों को ‘ॐ’ का जाप अवश्य करना चाहिए.
माना जाता है कि सृष्टि के आरंभ में एक ध्वनि गूंजी ‘ॐ’ और पूरे ब्रह्माण्ड में इसकी गूंज फैल गयी. पुराणों में भी ऐसी कथा मिलती है कि इसी शब्द से भगवान शिव, विष्णु और ब्रह्मा प्रकट हुए. इसलिए ‘ॐ’ को सभी मंत्रों का बीज मंत्र और ध्वनियों एवं शब्दों की जननी कहा जाता है. ‘ॐ’ मंत्र के जप से मनुष्य ईश्वर के करीब पहुंचता है और मुक्ति पाने का दावेदार बन जाता है.

सरला दीदी ने कहा कि ‘ॐ’ शब्‍द का उच्‍चारण करते वक्‍त एक विशेष ध्‍वनि उत्‍पन्‍न होती है जिससे शरीर के अलग-अलग भाग में कंपन होता है. जब आप उ बोलते हैं तो आपके शरीर के मध्‍य भाग में कंपन होता है. इससे आपके सीने, फेफड़ों और पेट पर बहुत अच्‍छा असर पड़ता है. वहीं जब आप म बोलते हैं तो इसकी ध्‍वनि से मस्तिस्‍क में कंपन होता है. इससे दिमाग की सारी नसे खुल जाती हैं. शरीर के महत्‍वपूर्ण ऑर्गेंस इन्‍हीं दोनों हिस्‍सों में होते हैं. ‘ॐ’ के स्‍वर से जो कंपन होता है वह शरीर को अंदर से शुद्ध करता है. इतना ही नहीं यह आपकी स्‍मरण शक्ति और ध्‍यान लगाने की क्षमता को बढ़ाता भी है.
ओम शब्‍द तीन अक्षरों से मिलकर बना है. यह अक्षर है अ, उ और म. इसमें अ का अर्थ है उत्‍पन्‍न करना, उ का मतलब है उठाना और म का अर्थ है मौन रहना, यानी जब यह तीनों शब्‍द मिलते हैं तो उसका अर्थ होता है ब्रह्मलीन हो जाना. इसलिए आप जब भी ‘ॐ’ का उच्‍चारण करें तो इन तीन अक्षरों को ध्‍यान में रखकर करें. कारण इसी में सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड का सार समाया है.
कहते हैं कि अगर आप ‘ॐ’ का उच्‍चारण कर इसके लाभ उठाना चाहते हैं तो आपको सुबह सूर्य उदय होने से पूर्व किसी शांत जगह पर सुखासन मुद्रा में बैठकर ‘ॐ’ का उच्‍चारण करना चाहिए. ध्‍यान रहे कि जब आप ॐ का उच्‍चारण करें तो इसकी संख्‍या 108 होनी चाहिए.