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3 घंटे शहर में ऑटो से घूमता रहा गैंगस्टर, उज्जैन के एएसपी बोले थे- आई होप..विकास कानपुर न पहुंचे!

कानपुर: कानपुर पुलिस हत्‍याकांड का मुख्‍य आरोपी विकास दुबे बेहद शातिराना अंदाज में तीन राज्‍य क्रॉस करते हुए मध्‍य प्रदेश के उज्जैन पहुंचा था। एनकाउंटर में मारे जाने से पहले पूछताछ में विकास ने पुलिस को कई अहम जानकारियां दीं।
फरीदाबाद के एक होटल में जब उसे खबर मिली कि यहाँ पुलिस रेड करने आ रही है तो वह वहां से निकल लिया। इसके बाद उसने कार के रास्‍ते दिल्‍ली पार किया, फिर राजस्‍थान के अलवर होते हुए झालावाड़ पहुंच गया। यहां से उसने उज्‍जैन के लिए बस पकड़ी।
पुलिस के अनुसार, उज्‍जैन तक विकास दुबे के दो साथी उसके साथ थे जो बाद में गायब हो गए।व‍िकास यह बताने को तैयार नहीं हुआ कि ये दोनों साथी कौन थे। बहरहाल, विकास उज्‍जैन में अपने परिचित के यहां रुका और भोर में निकल गया।

स्‍नान किया और पहुंचा महाकाल मंदिर
एक तरफ यूपी पुलिस विकास दुबे के लिए चप्पे-चप्पे की ख़ाक छान रही थी और वह बेफिक्र होकर उज्‍जैन शहर घूम रहा था। उसने बंटी नाम के एक ऑटोवाले को साथ लिया और करीब 3 घंटे तक शहर घूमा। इसके बाद उसने अमृतमयी शिप्रा नदी के रामघाट पर स्‍नान किया। विकास दुबे यहां से सीधे ऑटो से महाकाल मंदिर पहुंचा जहां उसने 250 रुपये की पर्ची कटाई। वह सुबह करीब 7:30 बजे मंदिर पहुंचा था। पहले पूछताछ में उसने अपना नाम शुभम बताया, उसका आईडी भी दूसरे नाम से था। जब सख्‍ती की गई तो उसने अपना असली नाम बताया। फिर कानपुर पुलिस से संपर्क किया गया। फिलहाल, विकास के मूवमेंट को लेकर उज्जैन पुलिस अब पूरे शहर में सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है। मंदिर क्षेत्र से मिले फुटेज में यह सामने आया कि विकास ऑटो में बैठकर महाकाल मंदिर दर्शन करने पहुंचा था। पुलिस ऑटोवाले बंटी को हिरासत में लेकर उससे पूछताछ कर रही है।

विकास 3 घंटे ऑटो में घूमा, 7.30 बजे सुबह महाकाल मंदिर पहुंच गया
कंठाल क्षेत्र निवासी ऑटो ड्राइवर से उज्जैन पुलिस और उत्तर प्रदेश की एसटीएफ टीम ने पूछताछ की। ड्राइवर ने बताया कि सुबह करीब 4:30 बजे नानाखेड़ा बस स्टैंड के पास विकास को ऑटो में बैठाया और रामघाट क्षेत्र में गया था। करीब 3 घंटे तक उसने ऑटो में घुमाया और सुबह 7:30 बजे उसे महाकाल मंदिर के बाहर उतार दिया। ऑटो ड्राइवर ने कहा कि विकास अकेला था, लेकिन उसके ऑटो में बैठने के बाद एक लाल रंग की कार लगातार उसे फॉलो कर रही थी। रामघाट क्षेत्र में भी वही कार घूमती रही।

मास्‍क और गमछे से छिपाई शक्ल
गैंगस्टर विकास दुबे का चेहरा नैशनल मीडिया पर छाया हुआ था। ऐसे में उसे खुले में घूमते आसानी से पहचाना जा सकता था। पहचान छिपाने के लिए विकास ने मास्‍क और गमछे का इस्‍तेमाल किया, साथ ही आंखों पर चश्‍मा लगा रखा था। वह कंधे पर एक बैग टांगे रखता था। विकास ने रास्‍ते में चुपचाप सफर पूरा किया। किसी से कोई बातचीत नहीं ताकि कोई शक न करे। पूछताछ में विकास ने बताया कि वह मोबाइल नहीं इस्‍तेमाल कर रहा था, इसलिए बस स्‍टैंड या होटल पर खाना खाते समय टीवी पर खबर देखता था।

मंदिर में फोटो खींचने वाले फुटेज गायब, कार वाला भी पुलिस की गिरफ्त से दूर
विकास दुबे जब मंदिर में घूम रहा था, तब कोई उसके फोटो खींच रहा था। साथ ही वीडियो भी बनाए जा रहे थे। महाकाल मंदिर के जो सीसीटीवी फुटेज सामने आए हैं, उसमें खास समय के फुटेज गायब हैं। पुलिस को विकास को फॉलो करने वाली कार और उसमें बैठे लोगों का अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है। उत्तरप्रदेश की एसटीएफ टीम उज्जैन में विकास को पनाह देने वालों के बारे में जानकारी जुटाने के लिए पहुंची है।

विकास को शराब कंपनी के मैनेजर के घर तस्दीक के लिए ले गई थी पुलिस
एसटीएफ टीम में अधिकारी समेत 6 सदस्य शामिल हैं, जिन्हें हरी फाटक स्थित निजी होटल के दो कमरों में ठहराया गया है। एसटीएफ टीम ने ऑटो ड्राइवर और शराब कंपनी के मैनेजर समेत अन्य संदिग्धों से उज्जैन पुलिस के साथ मिलकर पूछताछ की। पूछताछ में यह बात भी सामने आई है कि गुरुवार को विकास को पुलिस शराब कंपनी के मैनेजर के घर भी तस्दीक के लिए लेकर गई थी। इधर, आईजी राकेश गुप्ता ने कहा कि विकास के उज्जैन में आने को लेकर की स्थिति का पता किया जा रहा है।

विकास का मोबाइल भी गायब!
विकास को लेकर पुलिस सब कुछ छुपा रही है। एसपी मनोज सिंह से किसी भी मामले को लेकर सवाल पूछा जा रहा तो एक ही जवाब मिल रहा है- हम जांच कर रहे हैं। फिर वो विकास के साथ आए लोगों को लेकर हो या खुद विकास के उज्जैन आने को लेकर। यही नहीं, विकास का मोबाइल भी गायब है। सामान के नाम पर भी कुछ नहीं बताया जा रहा है।

मंदिर के गार्ड, फूलवाले सब चुप, मोबाइल भी बंद?
गुरुवार को विकास के पकड़ाने के दौरान जो गार्ड और फूलवाले का नाम सामने आया था, उन्हें एसपी ने बुलवाया था। इसके बाद से वे चुप हैं और मोबाइल भी बंद हैं। विकास को पकड़कर लेडी सिंघम बनने वाली महाकाल मंदिर की सुरक्षा प्रभारी होमगार्ड प्लाटून कमांडर रूबी यादव को भी समझाइश के साथ चुप करवा दिया गया है। दिनभर उन्हें हटाए जाने की भी चर्चा थी, लेकिन कलेक्टर आशीष सिंह ने इससे इनकार कर दिया।

उज्जैन पुलिस पर विकास को कोर्ट में पेश नहीं करने पर सवाल?
इस पूरे घटनाक्रम में बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि उज्जैन पुलिस ने विकास को पकड़ा तो गिरफ्तार क्यों नहीं किया? उसे कोर्ट में पेश क्यों नहीं किया? यूपी पुलिस को सौंपने के पहले ट्रांजिट रिमांड क्यों नहीं लिया? बिना गिरफ्तारी के किसी भी व्यक्ति को पुलिस 7 घंटे तक अपने पास कैसे रख सकती है? एसपी मनोज सिंह का कहना था कि हमने विकास को अभिरक्षा में यूपी पुलिस को सौंपा था। उन्हें 24 घंटे के अंदर कोर्ट में पेश करना था, लेकिन उसके पहले ही विकास मारा गया। हालांकि, इतना सब हो जाने के बाद भी पुलिस कुछ भी खुलकर कहने से बचती रही।

कानपुर लाते समय हुआ विकास का एनकाउंटर
एसटीएफ अधिकारी विकास दुबे को लेकर सड़क के रास्‍ते कानपुर आ रहे थे। पुलिस के मुताबिक, शहर से करीब 17 किलोमीटर पहले शुक्रवार सुबह साढ़े छह बजे अचानक एक कार पलट गई जिसमें विकास दुबे था। जिसमें कई अधिकारी चोटिल हो गए। मौका देखकर विकास दुबे ने एक अधिकारी की पिस्‍टल छीनी और भागने लगा। पीछे आ रही गाड़ी में बैठे पुलिसवालों ने उसका पीछा किया तो विकास गोलियां चलाने लगा। चार पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी फायरिंग की जिसमें विकास दुबे बुरी तरह घायल हो गया। उसे हैलट अस्‍पताल ले जाया गया जहां डॉक्‍टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया। पोस्‍टमॉर्टम और जरूरी कानूनी कार्रवाई के बाद शुक्रवार शाम तक उसका अंतिम संस्‍कार कर दिया गया।