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…तो किसी को जबरदस्ती नहीं लगाई जा सकती कोरोना वैक्सीन!

नयी दिल्ली: कोरोना से बचाव के लिए देशभर में वैक्सीनेशन को काफी महत्व दिया जा रहा है। अभी तक 150 करोड़ से अधिक वैक्सीन के डोज लगाये जा चुके हैं। फिर भी कई लोग ऐसे हैं जिन्हें वैक्सीन नहीं लगी है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताते हुए केंद्र सरकार से जवाब मांगा था।
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि कोरोना वैक्सीनेशन की गाइडलाइन में किसी भी व्यक्ति को जबरदस्ती वैक्सीन लगाने की बात नहीं कहता है। कोर्ट में दाखिल किए गए अपने हलफनामे में केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा है कि भारत का कोरोना वैक्सीनेशन कैम्पैन दुनिया भर में सबसे बड़ा कैम्पैन है।
11 जनवरी 2022 तक कुल1,52,95,43,602 वैक्सीनेशन की डोज लगाई जा चुकी है। देश में 90 फीसदी से योग्य आबादी को पहली डोज लगाई जा चुकी है जबकि 61 फीसदी को दूसरी डोज लग चुकी है।

क्या कहा केंद्र सरकार ने?
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में स्पष्ट किया कि किसी को भी उसकी इच्‍छा के बिना जोर-जबरदस्‍ती से वैक्‍सीन नहीं लगाई जा सकती और न ही लगाई गई है।
इसके साथ केंद्र सरकार ने दिव्यांग व्यक्तियों के लिए वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट के मुद्दे पर कहा कि उसने कोई भी SOP जारी नहीं की है जिसमें ये कहा गया हो कि वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट ले जाना अनिवार्य है। केंद्र ने ये बातें अपने हलफनामा गैर सरकारी संगठन ”Evara Foundation” की एक याचिका के जवाब में कही है। ”Evara Foundation” ने अपनी याचिका में विकलांग व्यक्तियों के लिए डोर टू डोर जाकर कोरोना की वैक्सीन लगाने की मांग की गई है।

वैक्सीनेशन देश की जनता के हित में
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे में कहा, यह बताया जाता है कि भारत सरकार और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी निर्देश और दिशानिर्देश में किसी भी व्यक्ति की सहमति प्राप्त किए बिना जबरन वैक्सीन नहीं लगाई जाती है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने आगे कहा कि, ये भी जाहिर है कि मौजूदा महामारी की स्थिति को देखते हुए कोरोना के लिए वैक्सीनेशन देश की जनता के हित में है।
मंत्रालय ने कहा कि विभिन्न प्रिंट और सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के माध्यम से यह विधिवत सलाह दी जाती है कि सभी नागरिकों को वैक्सीनेशन करवाना चाहिए और इसकी सुविधा के लिए प्रणालियों और प्रक्रियाओं को पहले से तैयार रखा गया है।