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शरद पवार बोले- अब पुलवामा जैसी घटना ही महाराष्ट्र में लोगों का मूड बदल सकती है…!

औरंगाबाद, महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के तारीखों का ऐलान होने से ठीक एक दिन पहले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार का एक विवादास्पद बयान सामने आया है। पवार ने शुक्रवार को औरंगाबाद में एक सभा के दौरान कहा कि राज्य में देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली सरकार के प्रति लोगों में नाराजगी है, ऐसे में केवल पुलवामा जैसी घटना ही लोगों का मूड बदल सकती है।
पवार ने कहा- लोकसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ गुस्से और तनातनी का माहौल था। हालांकि, सीआरपीएफ जवानों पर पुलवामा में हुए हमले ने पूरे परिदृश्य को बदल दिया था।

जानबूझ कर किया गया पुलवामा हमला: पवार
पवार ने आगे कहा- अब महाराष्ट्र में लोगों के मूड को एक और पुलवामा जैसी घटना से रोका जा सकता है। पवार ने यह भी दावा किया कि जब उन्होंने इस साल फरवरी में पुलवामा हमले के बारे में पूछताछ की तो उन्हें संदेह था कि यह जानबूझकर किया गया था।

कांग्रेस के कारण राज ठाकरे संग नहीं हुआ गठबंधन: पवार
उन्होंने आगे कहा- हम धर्मनिरपेक्ष ताकतों को (चुनाव के लिए) लाने की कोशिश कर रहे हैं। कांग्रेस और राकांपा एक साथ आए हैं। हम बहुजन विकास अघाड़ी, समाजवादी पार्टी और अन्य छोटे दलों को अपने साथ लेने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि राकांपा राज ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के साथ हाथ मिलाने को तैयार थी, लेकिन कांग्रेस इसके लिए तैयार नहीं थी।

सत्ता में नहीं होने के बावजूद बारामती का विकास हुआ
अपनी पार्टी के नेताओं के पलायन के बारे में पवार ने कहा- इन नेताओं ने कहा कि वे अपने निर्वाचन क्षेत्रों के विकास को सुनिश्चित करने के लिए सत्तारूढ़ भाजपा या शिवसेना में शामिल हो रहे हैं। लेकिन, 52 साल के अपने करियर के दौरान, मैं लंबे समय तक सत्ता में नहीं था। फिर भी बारामती (पवार के पूर्व निर्वाचन क्षेत्र) के विकास में बाधा नहीं आई।

मोदी सरकार ने किया जांच एजेंसीज का दुरुपयोग
पवार ने कहा- मोदी सरकार के कार्यकाल के दौरान लोगों ने ईडी और सीबीआई जैसी जांच एजेंसियों के अस्तित्व के बारे में जाना। मैंने कई प्रधानमंत्रियों के साथ काम किया है, लेकिन इस तरह के दुरुपयोग (एजेंसियों का) पहले नहीं देखा गया था।
आर्थिक मंदी पर पवार ने कहा कि निवेश को आकर्षित करने के लिए एक नीतिगत निर्णय होना चाहिए, लेकिन ऐसे कोई कदम नहीं उठाया जा रहे हैं।