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एक ही व्यक्ति के नाम पर 10 हजार सिमकार्ड, एटीएस इकट्ठे कर रहा आतंकी कनेक्शन के सुबूत

रांची , राजधानी रांची में कांटाटोली व कांके के दो ठिकानों से बरामद सिम बॉक्स के मामले में झारखंड आतंकवाद निरोधी दस्ता (झारखंड एटीएस) आतंकी कनेक्शन के सुबूत इकट्ठे कर रहा है। पाकिस्तान सहित दूसरे देशों को खुफिया सूचना लीक करने के मामले की भी जांच चल रही है। इस मामले में अब भी तीन संदिग्ध पुलिस की हिरासत में हैं, जिनसे बुधवार को दिनभर कोतवाली थाने में पूछताछ की गई। पुलिस अब तक किसी भी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच पाई है। इस पूरे प्रकरण में सीआइडी के एडीजी अजय कुमार सिंह ने बताया कि बरामद सिमबॉक्स मामले में नेटवर्क प्रोवाइड करने वाली कंपनी व आरोपित युवकों से पूछताछ जारी है। सभी सिमकार्ड एक ही कंपनी के हैं और एक ही व्यक्ति के नाम पर हैं। ये सिमकार्ड एक ही व्यक्ति के नाम से कैसे जारी हुए, इस मामले में भी जानकारी जुटाई जा रही है। जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक कुछ भी कहना उचित नहीं होगा।
रांची के कोतवाली थाने में तीनों संदिग्धों से बुधवार को एटीएस की टीम ने लंबी पूछताछ की। इनमें कांटाटोली के हसीबा इंक्लेव से जावेद व एक अन्य तथा कांके के भीठा का फैसल शामिल है। जावेद जून से यहां रह रहा था, जबकि फैसल पिछले चार-पांच महीने से भीठा में रह रहा था। सभी आपस में रिश्तेदार बताए जा रहे हैं।
अधिकारियों ने बताया कि बल्क मैसेज के लिए भी टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) से स्वीकृति लेना आवश्यक है। इसके लिए लाइसेंस लेना पड़ता है। पूछताछ के लिए लाए गए तीनों संदिग्धों ने अब तक जांच एजेंसी को न तो रजिस्ट्रेशन पत्र ही दिखाया है और न ही ट्राई का स्वीकृति पत्र ही दिखाया है। युवकों का कहना है कि उनकी कंपनी पंजीकृत है। कागजात के लिए उन्होंने अपने मुख्यालय से संपर्क किया है।