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PMC BANK SCAM: जांच में सामने आया, बैंक ने मृतकों के नाम पर खोले फर्जी खाते…!

मुंबई, मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने PMC बैंक स्कैम की जांच करने के बाद बड़ा खुलासा किया कि बैंक में खोले गए अधिकतम खाते फर्जी हैं। इस जांच में 21049 खाते फर्जी पाए गए ताकि HDIL को दिए गए लोन पर पर्दा डाला जा सकेे। ये अधिकतम अकाउंट मृत व्यक्तियों के नाम पर खोले गए।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, आरबीआई को मार्च 2018 में जिन लोन अकाउंट्स की डिटेल्स दी गई उनमें से अधिकतम या तो मृतकों के नाम पर थे या फिर उनके नाम पर थे जो अपने खाते बंद कर गए। 45 दिनों के अंदर ही इन खातों को क्रिएट कर, इसकी पूरी जानकारी आरबीआई को सौंप दी थी। खातों में दी गई रकम की जानकारी HDIL और उसकी ग्रुप कंपनियों के दिए गए लोन से काफी कम थी। ये 21049 खाते कोर बैंकिंग सिस्टम में नहीं बनाए गए थे बल्कि इन्हें एडवांस मास्टर इंटेंड एंट्री के रूप में आरबीआई के सामने पेश किया गया।
आरबीआई ने अपनी शुरुआती जांच में HDIL के 44 में से सिर्फ 10 खातों को सही पाया है। आरबीआई बाकी बचे खाता धारकों की पहचान में लगा हुआ है। सूत्रों के मुताबिक, स्कैम का बैंक के रिजर्व पर काफी बुरा असर पड़ा है। फंड्स की कमी 3000 करोड़ से ज्यादा की हो सकती है।

क्या है पूरा मामला…?
पीएमसी बैंक पर नॉन परफॉर्मिंग एसेट और लोन वितरण के बारे में आरबीआई को गलत जानकारी देने का आरोप लगा है। इस मामले में बैंक के चेयरमैन एस वरयाम सिंह को मुंबई की आर्थिक अपराध शाखा ने शनिवार को हिरासत में ले लिया। वहीं बैंक के निलंबित प्रबंध निदेशक जॉय थॉमस को मुंबई की एक अदालत ने 12 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। जॉय थॉमस ने बताया था कि बैंक द्वारा दिए गए लोन का करीब 73 फीसदी हिस्सा सिर्फ एक कंपनी हाउिसंग डेवलपमेंट ऐंड इन्फ्रास्ट्रक्चर (HDIL) को दिया गया है। घोटाला सामने आने के बाद आरबीआई ने बैंक पर कई तरह की पाबंदियां लगा दी हैं। आरबीआई ने यह कार्रवाई बैंकिग रेलुगेशन एक्ट, 1949 के सेक्‍शन 35ए के तहत की है। बैंक में कोई नया फिक्‍स्ड डिपॉजिट अकाउंट नहीं खुलेगा। इसके अलावा बैंक के नए लोन जारी करने पर भी पाबंदी लगाई गई थी।