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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव-2019 उम्मीदवारी देने में सभी दलों ने की कंजूसी, कम हुए 880 उम्मीदवार

मुंबई, महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में पिछले दो विधानसभा चुनावों की तुलना में इस बार उम्मीवारों की संख्या में काफी कम हुई है। इस साल चौदहवीं विधानसभा में पहुंचने केे लिए 3 हजार 239 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं, जबकि बीते विधानसभा चुनावों में कुल 4 हजार 119 उम्मीदवार चुनावी अखाड़े में उतरे थे। इस बार उम्मीदवारों की संख्या कम होना भी राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बना हुआ है।

पिछले चुनाव के मुकाबले कम हुए 880 उम्मीदवार
विधानसभा चुनावों के लिए नामांकन वापस लेने की अंतिम तारीख 7 अक्टूबर थी। तब तक कुल 1 हजार 504 उम्मीदवारों ने अपना नामांकन वापस ले लिया। अब राज्य की 288 विधानसभा सीटों के लिए कुल 3 हजार 239 उम्मीदवार मैदान में डटे हुए हैं। साल 2014 के विधानसभा चुनावों की तुलना में इस बार मैदान में 880 उम्मीदवार कम हैं। उम्मीदवारों की संख्या में कमी की एक बड़ी वजह यह है कि इस बार शिवसेना-भाजपा और कांग्रेस-राकांपा ने गठबंधन कर लिया है। युति के उम्मीदवार सभी 288 सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं। दूसरी ओर कांग्रेस ने 146 और राकांपा ने 117 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं। वंचित आघाड़ी ने भी 242 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं। मनसे भी 104 सीटों पर किस्मत आजमा रही है।

आर्थिक मंदी से चंदा का धंधा मंदा
आर्थिक मंदी भी उम्मीदवारों की कमी की एक वजह बताई जा रही है। चुनाव लड़ने के लिए भले ही उम्मीदवारों के लिए अधिकतम खर्च की सीमा 28 लाख रुपए ही है, लेकिन वास्तव में उम्मीदवारों को इससे काफी ज्यादा रकम खर्च करनी पड़ती है। मंदी के चलते चंदा नहीं मिलने से भी कई उम्मीदवारों ने पैर पीछे खींच लिए हैं। उम्मीदवारों का मानना है मतदाता भी अब पहले जैसे नहीं हैं । बदलते समय के साथ चुनाव लड़ना काफी महंगा लगने लगा है।

कब, कितने उम्मीदवार
साल कुल उम्मीदवार
1999 2006
2004 2678
2009 3559
2014 4119
2019 3239