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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव: शिवसेना के चुनावी वादे पर शरद पवार का तंज-राज्य चलाना है खाना नहीं पकाना…

सोलापुर, शनिवार को राकांपा प्रमुख शरद पवार ने दस रुपये में भोजन उपलब्ध कराने के चुनावी वादे को लेकर शिवसेना का उपहास उड़ाते हुए याद दिलाया है कि पूर्व में ‘झुणका भाकर’ केन्द्र शुरू किए गए थे जो बाद में लुप्त हो गए।
बता दें कि महाराष्ट्र में 21 अक्टूबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर शिवसेना ने गरीब लोगों को 10 रुपये में भरपेट भोजन उपलब्ध कराने का वादा किया है।
सोलापुर जिले के बारशी में एक चुनावी रैली में पवार ने याद दिलाया कि 1990 के दशक में पहली शिवसेना-भाजपा गठबंधन सरकार ने रियायती मूल्य पर झुणका-भाकर पकवान की बिक्री के लिए केन्द्र खोले थे। उन्होंने कहा कि किसी को भी कभी यह पता नहीं चला कि ये केंद्र कब बंद हो गए।
पवार ने पूछा- और अब 10 रुपये में यह भोजन योजना। लोग आपसे राज्य चलाने के लिए कह रहे हैं या भोजन पकाने के लिए। उन्होंने मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के बयानों का भी जिक्र किया जिनमें कहा गया था कि इस चुनाव में विपक्ष किसी तरह की लड़ाई में नहीं है।
पवार ने कहा, मुख्यमंत्री ने कहा है कि उनके पहलवान तैयार है, लेकिन कुश्ती के लिए कोई नहीं है। कुश्ती पहलवान से लड़नी चाहिए, न कि ऐसे लोगों से। राकांपा प्रमुख ने पूछा, अगर इन चुनावों में कोई मजबूत प्रतिद्वंदी नहीं है, तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नौ रैलियों, गृहमंत्री अमित शाह की बीस रैलियों की आवश्यकता क्यों है?’
पवार ने कहा, ‘बेरोजगारी, कृषि मुद्दों, महिलाओं की सुरक्षा और गांवों के विकास संबंधी लोगों के सवालों का शाह अपने चुनाव प्रचार के भाषणों में केवल एक ही जवाब दे रहे है कि अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को हटाया गया है।
उन्होंने कहा, सुबह से रात तक वह अनुच्छेद 370 के बारे में बात करते है। आपने इसे निरस्त किया, हम खुश हैं, हम इसका समर्थन करते हैं। पूर्वोत्तर राज्यों को लेकर अनुच्छेद 371 है (जिसमें 370 की तरह ही इन राज्यों के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं)। आप अनुच्छेद 371 को क्यों नहीं हटा रहे है?
पवार ने किसानों को 50 हजार करोड़ रुपये का पैकेज उपलब्ध कराए जाने संबंधी फडणवीस के दावे पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा, जब मैं केन्द्रीय कृषि मंत्री था तो मैं पूरे महाराष्ट्र में घूमता था। मुझे कोई नहीं मिला (लाभार्थी) वास्तव में, इस अवधि के दौरान 16 हजार लोगों ने आत्महत्या की।
पवार ने कहा, बेरोजगारी, कृषि मुद्दों, महिलाओं की सुरक्षा और गांवों के विकास संबंधी लोगों के सवालों का शाह अपने चुनाव प्रचार के भाषणों में केवल एक ही जवाब दे रहे है कि अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को हटाया गया है।