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…अब ईडी ने प्रफुल्ल पटेल को भेजा समन, NCP नेता ने इकबाल मिर्ची से अपने संबंधों को किया इनकार

मुंबई, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नोटिस भेजा है। ईडी ने उन्हें 18 अक्टूबर को हाजिर होने को कहा है। उनसे सीजे हाऊस की परिसंपत्तियों को लेकर पूछताछ की जाएगी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ईडी को इस संपत्ति में प्रफुल्ल पटेल के साथ दाऊद इब्राहिम के करीबी सहयोगी रहे इकबाल मिर्ची की हिस्सेदारी के बारे में पता चला है।
ईडी के नोटिस के बाद प्रफुल्ल पटेल ने मंगलवार को अपने ऊपर लगे आरोपों को महज अटकलबाजी करार दिया। उन्होंने कहा, मीडिया में लीक हुए कुछ ऐसे कागजात की बात हो रही है, जो शायद मेरे ध्यान में कभी नहीं आए हैं। इकबाल मिर्ची से संबंधों के सवाल पर पटेल ने कहा, जब समय आएगा, तब मैं सभी सवालों का जवाब दूंगा।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रफुल्ल पटेल ने इकबाल मिर्ची की मौत के बाद उसकी पत्नी हाजिरा मेमन को सीजे हाउस में 2 फ्लोर दिए गए थे। पटेल ने कहा कि इस संपत्ति को उनके परिवार ने 1963 में ग्वालियर के महाराजा से खरीदा था। सह-मालिकों के बीच विवादों के चलते ये संपत्ति 1978-2005 से अदालत के रिसीवर में थी। उन्होंने कहा कि हाजिरा मेमन और उनके परिवार के बीच एक पैसे का भी लेन-देन नहीं हुआ है।

इकबाल मिर्ची के साथ प्रॉपर्टी में साझेदारी का आरोप
दाऊद इब्राहिम के सहयोगी इकबाल मिर्ची की 2013 में मौत हो गई थी। सूत्रों के मुताबिक, जांच एजेंसी को 2007 में इकबाल मिर्ची और प्रफुल्ल पटेल के बीच सीजे हाउस प्रॉपर्टी के संबंध में कॉन्ट्रैक्ट का पता चला है। इस दस्तावेज पर प्रफुल्ल पटेल ने साझेदार की हैसियत से हस्ताक्षर किए थे। संपत्ति विकसित करने के लिए जिस समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे, मीडिया में उसकी तस्वीरें लीक हुईं हैं।

प्रफुल्ल ने बताया बिल्डिंग का पूरा इतिहास
मैं चुनाव प्रचार में था, मगर मीडिया में जो आ रहा था उस पर सफाई देने के लिए मुझे प्रचार बीच में छोड़कर आना पड़ा। प्रफुल्ल ने कहा, सीजे हाउस नाम की एक बिल्डिंग है वर्ली में। उस बिल्डिंग के एक हिस्से में थर्ड फ्लोर पर एक शख्स रहता है। मुद्दा यह है कि वह वहां कैसे रह रहा है और सवाल यह है कि क्या उसका मुझसे या मेरे परिवार से संबंध है। प्रफुल्ल पटेल ने जमीन के इतिहास के बारे में बताते हुए कहा, इस जमीन को माधवराव जीवाजी राव सिंधिया ने 1963 में कुछ लोगों को बेचा था, जिसमें मेरे परिवार के 21 लोग भी शामिल थे। जहां सीजे हाउस है, वह प्लॉट एफ पर बनी है और 1970 में बनी थी। मेरे पिता के देहांत के बाद कुछ पारिवारिक विवाद हुए और जमीन का मुद्दा कोर्ट में चला गया। 1978 से यह बॉम्बे हाई कोर्ट की निगरानी में थी।
उन्होंने कहा, बिल्डिंग के पीछे कुछ लोगों ने अवैध इमारतें बना ली थीं। दरअसल वे दो रेस्ट्रॉन्ट थे। जिसका अवैध कब्जा था, उसका नाम एम. के. मोहम्मद था। हाईकोर्ट के रिसीवर ने 21 मार्च 1988 को 7 लाख रुपये सेटलमेंट देने को कहा और कोर्ट ऑर्डर के बाद से वह जमीन उसके पास चली गई। 4 अप्रैल 1990 को उसने कोर्ट की निगरानी में यह जमीन हजरा इकबाल मेमन को बेच दी। यह 1990 तक उस जमीन का इतिहास रहा।

कुछ संदिग्ध रहा होता तो तभी पता चल गया होता
प्रफुल्ल पटेल ने कहा, 2004 में जो जमीन की डील हुई, वह भी हाई कोर्ट के आदेश के अनुरूप हुई। हजरा इकबाल मेमन और हमारे बीच जो डीड हुई, वह सारे वैध दस्तावेजों के साथ हुई। इकबाल मेमन को लेकर कुछ भी संदिग्ध होता, तो उसी समय पकड़ में आ जाता। इकबाल मेमन की फैमिली आयकर देती थी, 1999 से उसके पास पासपोर्ट था और बिना रोक-टोक के यूएई आता-जाता था। चूंकि हम उस जमीन के टुकड़े के सहमालिक थे, इसलिए हम चाहकर भी लैंड डील से इनकार नहीं कर सकते थे। मैंने डील के समय अपने वकीलों से भी इकबाल मेमन के सभी दस्तावेजों की जांच करने को कहा था और उस वक्त ऐसा कुछ भी संदिग्ध सामने नहीं आया।

यह है प्रफुल्ल पटेल की फैमिली पर आरोप
बता दें कि एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल पर आरोप है कि उनकी फैमिली की ओर से प्रमोटेड कंपनी और ‘मिर्ची’ के नाम से कुख्यात दिवंगत इकबाल मेमन के बीच फाइनैंशल डील हुई थी। पटेल फैमिली की ओर से प्रमोटेड कंपनी मिलेनियम डिवेलपर्स प्राइवेट लिमिटेड और मिर्ची फैमिली के बीच हुए लीगल अग्रीमेंट की ईडी की ओर से जांच की जा रही है। सूत्रों का कहना है कि इस डील में पटेल फैमिली की कंपनी मिलेनियम डिवेलपर्स को मिर्ची फैमिली की ओर से एक प्लॉट दिया गया था। यह प्लॉट वर्ली में नेहरू प्लैनेटेरियम के सामने प्राइम लोकेशन पर मौजूद है। इसी प्लॉट पर मिलेनियम डिवेलपर्स ने 15 मंजिला कमर्शल और रेजिडेंशल इमारत का निर्माण किया है।

बीजेपी ने पूछा, पटेल फैमिली और दाऊद में क्या संबंध?
इस मामले में बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके एनसीपी और कांग्रेस को घेरा। संबित पात्रा ने कहा, आज हम टीवी पर देख रहे हैं कि महाराष्ट्र में यूपीए की जो पूर्व सरकार थी और केंद्र में जो यूपीए की सरकार थी, उस समय का बहुत बड़ा खुलासा आज कई चैनल कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर एनसीपी और डी कंपनी के लिंक का खुलासा हुआ है। दाऊद इब्राहिम, जो कि एक आतंकी सरगना है, उसका और एनसीपी का क्या लिंक है?