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विधानसभा चुनाव: आपराधिक रेकॉर्ड का विज्ञापन न देने वाले उम्मीदवारों पर गिरेगी गाज

नयी दिल्ली: महाराष्ट्र व हरियाणा विधानसभा के लिए 21 अक्टूबर को मतदान होना है। चुनाव आयोग के फरमान के अनुसार आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों को अपने आपराधिक रेकॉर्ड का विज्ञापन टीवी चैनल और बड़े अखबारों में कम से कम तीन बार देना अनिवार्य है। ऐसा नहीं करने वाले उम्मीदवारों के खिलाफ चुनाव आयोग कड़ी कार्रवाई की तैयारी में हैं। विज्ञापन नहीं देने वाले उम्मीदवारों के पास अब शनिवार तक का वक्त रह गया है।
इस संबंध में चुनाव आयोग ने 10 अक्टूबर 2018 को नोटिस जारी किया था कि जिन उम्मीदवारों की आपराधिक पृष्ठिभूमि है उन्हें इसकी जानकारी अखबार और टीवी के माध्यम से वोटर को देना होगा। यह विज्ञापन उम्मीदवारों को किसी साप्ताहिक, पाक्षिक अखबार या मैगजीन नहीं बल्कि ए ग्रेड के दैनिक अखबार में अलग-अलग तीन दिन प्रमुखता से देंने होंगे। इसके अलावा उन्हें इसी तरह से टेलीविजन में भी अलग-अलग तीन दिन विज्ञापन देना पड़ेगा।

यह निर्देश आयोग ने सभी उन उम्मीदवारों के लिए अनिवार्य किया है जिनका आपराधिक पृष्ठभूमि रही है। विज्ञापन में उम्मीदवारों को यह बताना होगा कि उन पर कौन-कौन से आपराधिक मामले दर्ज हैं। विज्ञापन देने का खर्च उम्मीदवार को वहन करना होगा। अखबार में छपी और टीवी में आए विज्ञापन की प्रति उम्मीदवार को चुनाव आयोग के पास जमा करनी होगी।

उम्मीदवार हो जाए सावधान!
इस संबंध में पूछने पर चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि इस बारे में उम्मीदवारों को ज्यादा कुछ जानकारी नहीं है। हमारे लोग उन्हें इसकी जानकारी दे रहे हैं। जिन उम्मीदवारों ने विज्ञापन में अपनी आपराधिक पृष्ठभूमि के बारे में नहीं बताया है उनके पास बहुत ही कम मौका रह गया है। शनिवार 19 अक्टूबर की शाम पांच बजे चुनाव प्रचार खत्म हो जाएगा। उससे पहले उम्मीदवारों को विज्ञापन देना होगा।