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अयोध्या विवाद मामले की सुनवाई जनवरी तक के लिए टली

नई दिल्ली , अयोध्या राम मंदिर- बाबरी मस्जिद जमीन विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट में जनवरी तक के लिए सुनवाई टाल दिया गया है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस मामले की सुनवाई टालते हुए कहा कि जनवरी में उपयुक्त बेंच इस मामले की सुनवाई करेगा। उन्होंने इस मामले पर तुरंत सुनवाई की पक्षकारों की दलील को अनसुना कर दिया।

सरकार के वकील तुषार मेहता ने इस मामले में कोर्ट से अपील किया कि कोर्ट बताए कि इस मामले की जनवरी में कब से सुनवाई शुरू होगी। इस पर बेंच ने कहा कि यह सब फैसला नई पीठ करेगी। कोर्ट के इस आदेश के बाद अब सुनवाई कब से होगी, रोजना होगी या नहीं इस पर नया बेंच ही फैसला लेगा।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस अब्दुल नजीर की पीठ ने आदेश दिया था कि विवादित भूमि के मालिकाना हक वाले दीवानी मामले की सुनवाई तीन जजों की पीठ 29 अक्टूबर से करेगी। पीठ ने नमाज के लिए मस्जिद को इस्लाम का अनिवार्य अंग नहीं मानने वाले इस्माइल फारूकी मामले में 1994 के फैसले के अंश को पुनर्विचार के लिए सात जजों की पीठ को भेजने से इनकार कर दिया था।

जानें, कोर्ट में क्या-क्या हुआ : कोर्ट में चीफ रंजन गोगोई जस्टिस की पीठ में दोनों पक्षकारों ने दलील थी कि नंवबर में सुनवाई शुरू हो जाए लेकिन चीफ जस्टिस ने कहा कि इस मामले को जनवरी के लिए पहले हफ्ते के लिए टाला जाता है। तभी ये तय होगा कि कौन सी बेंच मामले की सुनवाई करेगी और सुनवाई की तारीख क्या होगी। कोर्ट ने कहा कि बेंच जनवरी में तय करेगा कि सुनवाई जनवरी में हो कि फरवरी या मार्च में। जल्द सुनवाई की दलील पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमारी अपनी प्राथमिकता है ये उचित बेंच तय करेगा कि सुनवाई कब से हो।

हिंदू पक्षकार ने SC के आदेश पर यह कहा : हिंदू पक्षकार संत धर्मानंद ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर नाराजगी जताते हुए कहा कि यह सही नहीं हुआ है। उन्होंने कहा, ‘चुनाव को देख डेट नहीं बढ़ना चाहिए। यह प्रॉपर्टी का मामला है। अब हमें इंतजार ही करना होगा। हमें आंदोलन नहीं करना है। हम चाहते थे कि इस मामले में जल्द निर्णय हो। यह हिंदू-मुसलमान का केस नहीं है। कानून बनाने की बात करने वाले जनता को भ्रम में डालते हैं।

यूपी के उपमुख्यमंत्री का टिप्पणी से इनकार : ‎उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने सुप्रीम कोर्ट अयोध्या मामला टलने पर किसी प्रकार की टिप्पणी से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, यह सुप्रीम कोर्ट का निर्णय है और मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता हूं। हालांकि इसके टलने से अच्छा संदेश नहीं गया है।