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मुंबई: आरे कॉलोनी मामले में मेट्रो निर्माण कार्य पर सुप्रीम कोर्ट का रोक लगाने से इनकार

नयी दिल्‍ली, सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मुंबई की आरे कॉलोनी में मेट्रो कारशेड के निर्माण कार्य पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। जस्टिस अरुण मिश्रा और दीपक गुप्‍ता की पीठ ने मुंबई मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (MMRCL) से बीएमसी की आरे कॉलोनी इलाके में वृक्षारोपण, ट्रांसप्‍लांटेशन और पेड़ों की कटाई पर तस्‍वीरों के साथ स्थिति रिपोर्ट मांगी।
सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्‍ट्र सरकार से पूछा कि इस प्रोजेक्‍ट में कितने पेड़ काटे गए हैं और उनके बदले में कितने नए पौधे लगाए गए हैं। अदालत ने यह भी पूछा कि इलाके में कितने पेड़ बचे हैं। सर्वोच्‍च अदालत ने महाराष्‍ट्र सरकार को यह भी निर्देश दिया कि उसने जो आदेश दिए हैं, उनका समुचित पालन होना चाहिए। इस पर बीएमसी की ओर से सॉलिस‍िटर जनरल तुषार मेहता ने शीर्ष अदालत को आश्‍वस्‍त किया कि आरे कॉलोनी में कोई पेड़ नहीं काटा जा रहा है।
BMC की ओर से यह भी बताया गया कि शीर्ष अदालत की ओर से जारी सभी आदेशों का पालन किया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि मुंबई मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (MMRCL) की परियोजना पर किसी तरह का स्टे नहीं लगाया गया है। मामले की अगली सुनवाई 15 नवंबर को होगी। मालूम हो कि मुंबई की आरे कॉलोनी में मेट्रो कारशेड बनाने में वृक्षों की कटाई का आम लोगों से लेकर दिग्‍गज हस्तियां विरोध कर रही हैं।
दरअसल, बीते चार अक्‍टूबर को बॉम्बे हाई कोर्ट ने आरे कॉलोनी को जंगल घोषित करने से इनकार कर दिया था और पेड़ों की कटाई पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। इसके बाद MMRCL की ओर से बड़ी संख्‍या में पेड़ों के काटे जाने की रिपोर्टें आईं। पेड़ों की कटाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली गई थी। बीते सात अक्‍टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश जारी किया था कि आरे कॉलोनी में मेट्रो कारशेड (Metro shed project) के निर्माण कार्य में आगे कोई पेड़ नहीं काटे जाएं।