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मुंबई: विजय सिंह मामले में मानवाधिकार आयोग ने शुरू की जांच…

मुंबई: महाराष्ट्र राज्य मानवाधिकार आयोग ने वडाला ट्रक टर्मिनस पुलिस स्टेशन में पुलिस हिरासत में हुई विजय सिंह की मौत जांच शुरू कर दी है। आयोग के आईजी स्तर के पुलिस अधिकारी अब्दुल रहमान के नेतृत्व में जांच होगी। आयोग ने पहली सुनवाई की तारीख 14 नवंबर रखी है। सुनवाई में विजय सिंह पुलिस हत्याकांड मामले से संबंधित कोई भी व्यक्ति अपना बयान दर्ज करा सकता है। आयोग के पास अपने 10 वकील भी हैं, जो मामले की तह तक जाएंगे।
आयोग के सूत्र ने बताया कि जिस दिन यह मामला सामने आया उसके दूसरे ही दिन अखबारों और समाचार चैनलों की क्लिंपिंग को आधार बनाते हुए आयोग ने संज्ञान लिया और मामला दर्ज किया। संयोग से उसके दूसरे ही दिन राकांपा प्रवक्ता नवाब मलिक अपने टीम के साथ मानव अधिकारी आयोग में मामला दर्ज कराने पहुंचे। मलिक ने मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष एम.ए.सईद और अतिरिक्त सचित वी.के. गौतम से मिलकर हत्याकांड से संबंधित कई महत्वपूर्ण लिखित जानकारी मुहैया कराई। 14 नवंबर को सुनवाई के दौरान नवाब मलिक के वकील आनंद काटे खुद उपस्थित रहेंगे।

कोई भी बयान दर्ज करा सकता है
मानव आयोग की होने वाली 14 नवंबर की सुनवाई में संबंधित मामले में कोई भी अपना बयान सीधे दर्ज करा सकता है। उसके लिए किसी के सहारे की आवश्यकता नहीं है। विजय सिंह के भाई या माता-पिता भी चाहें तो उसी दिन बयान दर्ज करा सकते हैं, लेकिन सुनवाई से पहले मानव अधिकारियों की जांच टीम पुलिस स्टेशन, घटनास्थल पर जाकर उन सभी का बयान दर्ज करेगी, जो हादसे के दिन उपस्थित थे या जिन्हें इस घटना के बारे में कुछ भी जानकारी है। आयोग की टीम विजय सिंह के माता-पिता और भाई का भी बयान लेगी।

अब तक नहीं मिला है मुख्यमंत्री का चेक
विजय सिंह पुलिस हत्याकांड के बाद कई सारे उत्तर भारतीय नेता विजय के माता-पिता से मिले थे। दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री अमरजीत मिश्र, पूर्व कैबिनेट मंत्री नसीम खान, पूर्व राज्य मंत्री कृपाशंकर सिंह व अन्य नेताओं ने सीधे मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से बात कर पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपये की आर्थिक मदद देने की घोषणा भी की थी। बाद में मुख्यमंत्री ने खुद बताया कि विजय सिंह के माता-पिता को मदद के तौर पर 10 लाख रुपये देंगे। शुक्रवार शाम तक पीड़ित परिवार को सरकारी की तरफ से कोई भी चेक नहीं मिला था। हां, उत्तर भारतीय संघ की तरफ से संतोष आर.एन. सिंह ने तीन लाख रुपये का चेक दिया है।

हत्यारे को जेल में देखना चाहते हैं विजय के माँ- बाप
गुरुवार को विजय सिंह के माता-पिता और रिश्तेदारों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर पूरे हादसे की जानकारी दी कि पुलिस ने कैसे उनके चिराग की हत्या उनके आंखों के सामने की। बिलखते माता-पिता ने मुख्यमंत्री ने मांग की कि उन्हें पैसा नहीं, उन्हें उनके युवा बेटे की हत्या करने वाले पुलिसकर्मियों को जेल की सजा चाहिए। बूंद-बूंद की पानी के लिए तड़पाने वाले ऐसे अमानवीय पुलिसकर्मी जेल की बैरक में चाहिए। उस वक्त मुख्यमंत्री ने दोषी पुलिस वालों को कड़ी से कड़ी सजा देने का वादा किया। मामले की जांच क्राइम ब्रांच जोन-4 के तेज तर्रार वरिष्ठ निरीक्षक निनाद सावंत की टीम कर रही है।