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महाराष्ट्र: सीएम पद से इस्‍तीफे के बाद फडणवीस बोले- हमसे नहीं, एनसीपी से चर्चा करती रही शिवसेना

मुंबई: महाराष्ट्र के चुनावी नतीजों के बाद से जारी राजनीतिक बयानबाजी के बीच राज्य के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने आज अपना इस्तीफा राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को सौंप दिया। इस्तीफा देने के बाद फडणवीस ने शिवसेना पर जमकर हमला बोला। शिवेसना के फिफ्टी-फिफ्टी फॉर्म्युले के तहत ढाई-ढाई साल के लिए दोनों दलों के सीएम की मांग को गलत बताते हुए फडणवीस ने कहा कि इस पर कभी कोई फैसला हुआ ही नहीं था। सहयोगी शिवसेना पर तीखे हमले करते हुए फडणवीस ने कहा कि चुनाव हमारे साथ जीतकर आई शिवसेना एनसीपी से बातचीत करती रही। फडणवीस अभी कार्यकारी सीएम बने रहेंगे।
राजभवन में इस्तीफा देने पहुंचें देवेंद्र फडणवीस के साथ सुधीर मुंगन्टीवार, चंद्रकांत पाटिल, आशीष शेलार तथा बीजेपी के कई अन्य नेता भी मौजूद थे। शिवसेना की सीएम पद की मांग को लेकर गतिरोध जारी रहने के कारण यह स्पष्ट नहीं है कि अगली सरकार कौन बनाएगा?
हालांकि, बीजेपी के नेता लगातार दावा कर रहे हैं कि शिवसेना के साथ ही सरकार बनेगी और देवेंद्र फडणवीस ही दोबारा मुख्यमंत्री बनेंगे।

बातचीत फेल होने के पीछे सौ फीसदी शिवसेना जिम्मेदार है। वे मेरे फोन कॉल भी नहीं उठा रहे थे। उन्होंने बातचीत रोकी। अभी गठबंधन खत्म नहीं हुआ है, न हमने इसकी घोषणा की है और न ही शिवसेना ने। केंद्र में हमारा गठबंधन बरकरार है: फडणवीस

कभी नहीं हुई ढाई-ढाई साल सीएम की बात: फडणवीस
इस्तीफे के बाद फडणवीस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा, चुनाव में हमें थोड़ी कम सीटें आईं। उद्धव ठाकरे ने अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि वह सरकार बनाने को तैयार हैं। मेरा भी मानना है कि यह जनादेश एनडीए को मिला है। मैं यह स्पष्ट करना चाहूंगा कि ढाई-ढाई साल सीएम की कोई बात नहीं हुई थी। ना ही कभी यह तय हुआ कि ढाई-ढाई साल दो सीएम रहेंगे। मैंने पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और नितिन गडकरी से भी इस बारे में पूछा लेकिन उन्होंने भी सीएम पर 50-50 फॉर्म्युले पर किसी भी तरह के फैसले से इनकार किया।

फडणवीस ने आगे कहा- अगर ऐसी कोई बात होती तो हम बात करके उसका हल निकाल लेते लेकिन शिवसेना ने चर्चा ही रोक दी। शिवसेना सिर्फ सीएम पद को लेकर बात करना चाहती है। मेरे उद्धव ठाकरे जी से बहुत अच्छे संबंध हैं। मैंने उनको फोन किया लेकिन उन्होंने मेरे फोन का जवाब नहीं दिया। उन्होंने हमसे चर्चा करने के बजाय एनसीपी और कांग्रेस से चर्चा की। मुझे लगता है कि चुनाव नतीजे आने के बाद ही शिवसेना ने तय कर लिया था कि वह एनसीपी-कांग्रेस के साथ सरकार बनाएगी।

हम बालासाहब के खिलाफ कभी नहीं जा सकते
शिवसेना पर गलतबयानी का आरोप लगाते हुए फडणवीस ने कहा, नतीजे आने के बाद से ही शिवसेना के कुछ नेता जिस तरह की बयानबाजी कर रहे हैं, हम उससे सख्त भाषा में जवाब दे सकते हैं लेकिन हमारी संस्कृति यह नहीं है। हम बालासाहब ठाकरे के खिलाफ कभी सोच भी नहीं सकते। यहां तक कि मोदी जी ने भी कभी उद्धव ठाकरे के खिलाफ कुछ नहीं कहा। उन पर व्यक्तिगत टिप्पणी की गई फिर भी हमने कभी कुछ नहीं कहा। इससे हमें बहुत दु:ख हुआ है।
फडणवीस ने कहा कि राज्यपाल ने उनसे कार्यवाहक मुख्यमंत्री बने रहने को कहा है। साथ ही उन्होंने यह भी दावा किया कि जब भी महाराष्ट्र में सरकार बनेगी, वह बीजेपी के नेतृत्व में ही बनेगी। खरीद-फरोख्त के आरोप पर फडणवीस ने कहा कि जो भी इस तरह के आरोप लगा रहे हैं, वे आरोपों को साबित करके दिखाएं।

बीजेपी की ओर से जारी हैं प्रयास
दूसरी तरफ महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन से बचने के लिए बीजेपी ने आखिरी बचे कुछ घंटों में अंतिम प्रयास शुरू कर दिया है। संकटमोचक माने जाने वाले केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी मुंबई पहुंच गए हैं। उधर, शिवसेना और कांग्रेस बैठकों के जरिए मंथन में जुटी हैं। विधायकों को टूटने से बचाने के लिए शिवसेना ने एक दिन पहले ही गुरुवार को अपने विधायकों को होटल में शिफ्ट कर दिया था। अब खबर है कि कांग्रेस पार्टी आज अपने सभी 44 विधायकों को जयपुर भेज चुकी है।
सरकार गठन के लिए समय खत्म होता देखकर शिवसेना नेता संजय राउत एक बार फिर से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष शरद पवार से मिलने पहुंचे।