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…जब हँसते-हँसते लोटपोट हुए, टाटा कैंसर अस्पताल के कैंसर पीड़ित

मुंबई: एक अद्भुत और अविस्मरणीय नजारा था, जब कैंसर पीड़ित तालियां बजा- बजाकर हँस रहे थे, लोटपोट हो रहे थे और उनके साथ आए परिजन अपनी आँखों के आँसू छुपाने का प्रयास कर रहे थे। सारे मरीज भूल गए थे कि वे असाध्य बीमारी की चपेट में हैं। ये अविश्वसनीय-सा माहौल बना था टाटा मेमोरियल कैंसर अस्पताल के गोल्डेन जुबली आडिटोरियम में।
हास्य कवि सुरेश मिश्र के संचालन में डाक्टर रजनीकांत मिश्र, राना तबस्सुम, मुकेश गौतम और प्रकाश पपलू ने अपनी कविताओं से श्रोताओं को लोटपोट कर दिया। इससे पूर्व राजभाषा की विभिन्न स्पर्धाओं में विजयी अस्पताल के कर्मचारियों को पुरस्कार प्रदान किए गए। मुख्य अतिथि प्रो. डॉ. दयानंद तिवारी ने अपने सार्गभित वक्तव्य में हिंदी के प्रचार-प्रसार पर बल दिया। कैंसर पीड़ितों के लिए इस अद्भुत कार्यक्रम का आयोजन डॉ. एस. एच. जाफरी ने राजभाषा के तत्वावधान में किया था।

इस अवसर पर अस्पताल परिवार की तरफ से निकलने वाली साहित्यिक पत्रिका ‘स्पंदन’ का विमोचन किया गया। कार्यक्रम में दीपा शशि कुमार, डॉ. अमिता महेश्वरी, ए.एन.साठे,श्रीमती मनोरमा, श्रीमती दीपाली कुबेरकर, स्वाती म्हात्रे, श्रीमती नीलम गायकवाड़ सहित सैकड़ों कैंसर पीड़ित, उनके परिजन, डाक्टर्स और कर्मचारी उपस्थित थे। कार्यक्रम के बाद श्रोता के रूप में उपस्थित प्रत्येक मरीज को एक-एक कंबल, एक जोड़ी चादर, चटाई और दीपक प्रदान किया गया। अंत में डॉ. जाफरी ने सबके प्रति आभार व्यक्त किया।