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अयोध्या: SC का बड़ा फैसला, राम मंदिर वहीँ बनेगा, मुस्लिम पक्ष को वैकल्पिक जमीन दी जाए…

70 वर्षों से लंबित राजनीतिक रूप से संवेदनशील राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की पीठ ने सुनाया फैसला।

नयी दिल्ली: देश के संभवत: सर्वाधिक चर्चित व विवादित अयोध्या के रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने आज शनिवार सुबह १०:३० बजे अपना ऐतिहासिक फैसला सुना दिया। सुप्रीम कोर्ट ने विवादित जगह को रामलला का बताया है। साथ ही कोर्ट ने कहा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद निर्माण के लिए वैकल्पिक जमीन दी जाए।

  • विवादित भूमि पर मंदिर के निर्माण के लिए केंद्र सरकार ट्रस्ट बनाए, 3 महीने की भीतर इसका नियम बनाए केंद्र: सुप्रीम कोर्ट
  • इस बात के सबूत हैं कि अंग्रेजों के आने के पहले से राम चबूतरा और सीता रसोई की हिंदू पूजा करते थे। रेकॉर्ड्स के सबूत बताते हैं कि विवादित जमीन के बाहरी हिस्से में हिंदुओं का कब्जा था: सुप्रीम कोर्ट
  • बाबरी मस्जिद का निर्माण खाली जगह पर हुआ था, जमीन के नीचे का ढांचा इस्लामिक नहीं था। ASI के निष्कर्षों से साबित हुआ कि नष्ट किए गए ढांचे के नीचे मंदिर था: सुप्रीम कोर्ट
  • हिंदुओं की यह आस्था और उनका यह विश्वास की भगवान राम का जन्म अयोध्या में हुआ था, यह निर्विवाद है: सुप्रीम कोर्ट
  • केस का फैसला महज ASI के नतीजों के आधार पर नहीं हो सकता। जमीन पर मालिकाना हक का फैसला कानून के हिसाब से होना चाहिए: सुप्रीम कोर्ट

सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) संदेह से परे है और इसके अध्ययन को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने निर्मोही अखाड़ा के दावे को खारिज किया। उसने देरी से याचिका दायर की थी।
फैसला पढ़ते हुए सीजेआई ने कहा कि बाबरी मस्जिद को मीर बकी ने बनाया था। कोर्ट धर्मशास्त्र में पड़े, यह उचित नहीं। प्लेसेज ऑफ वर्शिप ऐक्ट सभी धार्मिक समूहों के हितों की रक्षा के लिए भारत की प्रतिबद्धता को बताता है।

कोर्ट ने कहा- इतिहास बताता है अयोध्या में था जन्मस्थान
शीर्ष अदालत ने फैसला पढ़ते हुए कहा कि हिंदुओं का विश्वास और आस्था है कि भगवान राम का जन्म स्थान गुंबद के नीचे है। आस्था व्यक्ति विश्वास का मसला है। कोर्ट ने कहा कि मामले को आस्था और विश्वास के आधार पर नहीं बल्कि दावों के आधार पर तय किया जा सकता है। ऐतिहासिक तथ्य इस बात के प्रमाण देते हैं कि अयोध्या में ही भगवान राम का जन्मस्थान था।

बाहरी परिसर पर पहले से हिंदू पक्ष का कब्जा
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस बात के सबूत हैं कि सीता रसोई और राम चबूतरे की पूजा हिंदू अंग्रेजों के आने के पहले से करते रहे हैं। पुरातन रेकॉर्ड्स से पता चलता है कि विवादित परिसर के बाहरी हिस्से पर हिंदू पक्ष का कब्जा था।

CJI बोले, एएसआई की रिपोर्ट पर नहीं उठा सकते सवाल
आपको बता दें कि मुस्लिम पक्ष के वकीलों ने सुनवाई के दौरान एएसआई की रिपोर्ट पर यह कहते हुए सवाल उठाया था कि पुरातत्व विभाग के निष्कर्ष अनुमानों पर आधारित होते हैं और इन्हें वैज्ञानिक नहीं माना जा सकता। फैसले की शुरुआत में शीर्ष अदालत ने सबसे पहले बाबरी मस्जिद पर शिया वक्फ बोर्ड के दावे को खारिज कर दिया। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा- हम धर्म शास्त्र में नहीं जा सकते, तथ्य यही है कि बाबरी मस्जिद का निर्माण मीर बाकी ने कराया था।

अदालत को आस्था और विश्वास स्वीकार करना होगा
चीफ जस्टिस ने फैसला पढ़ते हुए कहा कि अदालत को लोगों की आस्था और विश्वास को स्वीकार करना होगा। कोर्ट को संतुलन बनाए रखना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि बाबरी मस्जिद का निर्माण खाली जमीन पर नहीं हुआ था। शीर्ष अदालत ने कहा कि इस मामले में एएसआई की रिपोर्ट को खारिज नहीं किया जा सकता।

यूपी में कड़े सुरक्षा इंतजाम, धारा 144 लागू
अयोध्या पर सर्वोच्च न्यायालय का शनिवार को फैसला आने की जानकारी के साथ ही प्रदेश में सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं। डीजीपी समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने वीडियो कांफ्रेंसिंग कर इसे लेकर सभी जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए। अयोध्या समेत अन्य संवेदनशील जिलों में अधिकारियों को सुरक्षा संबंधी सारे इंतजाम चौकस रखने को कहा गया है और सभी जिलों में किसी तरह की अप्रिय घटना न होने देने की ताकीद की गई है। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश में धारा 144 लागू कर दी गई है।
विशेष तैयारियों के तहत अयोध्या के आस-पास भी पर्याप्त संख्या में फोर्स तैनात कर दी गई है। इसे रिजर्व फोर्स के तौर पर रखा गया है जिसे आपात दशा में बुलाया जाएगा। हालात न बिगड़ने देने के लिए सोशल मीडिया पर खास ध्यान रखा जा रहा है।