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महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर सियासी गहमागहमी तेज, राज्यपाल के न्योते पर BJP की बड़ी मीटिंग, शिवसेना भी कर रही इंतजार

मुंबई: महाराष्ट्र में आज सियासी गमहागहमी का दिन है। राज्यपाल भगत सिंह कोश्‍यारी की ओर से सरकार बनाने का न्योता मिलने के बाद अब सबकी नजरें बीजेपी की रविवार को होने वाली मीटिंग पर जा टिकी है। पार्टी कोर कमिटी की बैठक में इस बारे में अहम फैसला लेगी। इस बीच शिवसेना के तीखे तेवर अब भी कायम है और वह बीजेपी के कदम का इंतजार कर रही है। शिवसेना उस वक्त का इंतजार कर रही है, जब बीजेपी सरकार बनाने का आंकड़ा नहीं जुटा पाएगी। इस सियासी रस्साकशी के बीच एनसीपी-कांग्रेस भी सही वक्त के इंतजार में जुटी है।
बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने राज्यपाल की सरकार बनाने को लेकर भेजे गए खत की पुष्टि की। उन्होंने जानकारी दी है कि इस पर फैसला पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से इनपुट मिलने के बाद लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि यह खत बीजेपी की कोर कमिटी के सामने रविवार को रखा जाएगा। सरकार बनाने का दावा करने पर फैसला लेने से पहले बीजेपी नेतृत्व के निर्देशों का इंतजार किया जाएगा। राजनीतिक जानकारों की मानें तो बीजेपी के पास संभावनाएं बेहद कम हैं।

अभी तक किसी ने पेश नहीं किया दावा
महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव बीजेपी-शिवसेना महायुति और कांग्रेस-एनसीपी महागठबंधन ने मिलकर लड़ा था। मतदान 21 अक्टूबर को और मतों की गणना 24 अक्टूबर को हुई थी। चुनाव में बीजेपी ने सबसे ज्यादा 105 सीटें, शिवसेना ने 56 सीट, एनसीपी ने 54 और कांग्रेस ने 44 सीटों पर जीत हासिल की। चुनाव नतीजे आने के बाद मुख्यमंत्री पद और सत्ता में हिस्सेदारी को लेकर बीजेपी और शिवसेना के बीच विवाद हो गया। इसके चलते किसी ने सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया क्योंकि बहुत के 145 विधायक किसी के पास नहीं थे।

इंतजार करेगी शिवसेना
बहुमत का आंकड़ा किसी दल के पास नहीं होने से सरकार बनाने के लिए कोई भी दल आगे नहीं आया जिस पर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने नाराजगी व्यक्त की। राज्यपाल ने फडणवीस से सरकार पर बनाने पर इच्छा जाहिर करने की बात ऐडवोकेट जनरल आशुतोष कुंभकोनी से बातचीत करने के बाद की। वहीं, राज्यपाल के इस कदम के बाद शिवसेना अब बीजेपी के फैसले का इंतजार करने का मन बना रही है।
शिवसेना के एक वरिष्ठ नेता ने बताया है कि पार्टी बीजेपी के फैसला लेने के बाद ही अपने पत्ते खोलेगी। सूत्रों का कहना है कि शिवसेना उस वक्त का इंतजार कर रही है जब बीजेपी यह स्वीकार करेगी कि उसके पास बहुमत के लिए जरूरी आंकड़ा नहीं है। ऐसा करते ही शिवसेना बीजेपी से समझौते की स्थिति में आ जाएगी।

ताकि न हो विधायकों की खरीद-फरोख्त
दूसरी ओर, विपक्षी दलों कांग्रेस और एनसीपी ने बीजेपी को न्योता दिए जाने के कदम की सराहना की है लेकिन साथ ही यह सुनिश्चित करने को कहा है कि बीजेपी के पास जरूरी आंकड़े न होने पर वह विधायकों की खरीद-फरोख्त न करे। खासकर तब, जब शिवसेना उसके साथ मिलकर सरकार बनाते नहीं दिख रही है। एनसीपी के नवाब मलिक ने कहा है कि फ्लोर टेस्ट की स्थिति में एनसीपी बीजेपी के खिलाफ वोट देगी और अगर सेना भी ऐसा करती है तो दूसरे विकल्पों पर विचार किया जाएगा।