दिल्लीब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई शहरराजनीतिशहर और राज्य

महाराष्ट्र में शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस की सरकार, जानें न्यूनतम साझा कार्यक्रम की बड़ी बातें…

नयी दिल्ली/मुंबई: महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन पर मुंबई से लेकर दिल्ली तक हलचल तेज हो गई है। न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर सहमति बनने के बाद अब शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की साझा सरकार का रास्ता तकरीबन साफ नजर आ रहा है। इस बीच सूत्रों के हवाले से खबर है कि जल्द ही तीनों पार्टियों के नेता गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी से मिलकर राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश कर सकते हैं। वहीं, सरकार गठन को लेकर दिल्ली में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ अहमद पटेल की भी चर्चा हुई है। इस बीच एनसीपी मुखिया शरद पवार ने भी कहा है कि नई सरकार बनाने को लेकर प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।

शनिवार को सरकार का दावा!
शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के नेताओं ने राज्यपाल से शनिवार को मुलाकात का वक्त मांगा है। इस मुलाकात में किसानों के मुद्दे पर चर्चा की संभावना है। सूत्रों के मुताबिक तीनों पार्टियों के नेता इस दौरान सरकार बनाने का दावा भी पेश कर सकते हैं। आज पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी किसानों को राहत देने की मांग को लेकर राज्यपाल से मिले हैं।

राज्यपाल ने तीन बजे का दिया वक्त
एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा, महाराष्ट्र के राज्यपाल ने शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के नेताओं को मुलाकात के लिए कल दोपहर तीन बजे का वक्त दिया है। राज्यपाल के साथ किसानों के मुद्दे पर चर्चा की जाएगी। शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से किसानों को राहत देने की मांग को लेकर मिलेगा।

मुख्यमंत्री शिवसेना का होगा: राकांपा
राज्य में अगला मुख्यमंत्री शिवसेना की होगा। इस मुद्दे पर कांग्रेस और राकांपा में कोई दो राय नहीं है। न्यूनतम साझा कार्यक्रम तय करने के लिए हुई बैठक में शामिल राकांपा नेता नवाब मलिक ने कहा, मुख्यमंत्री पद के लिए ही शिवसेना भाजपा से अलग हुई है। इसलिए उनका स्वाभिमान और सम्मान बनाए रखना हमारी जिम्मेदारी है।

…तो 25 साल तक शिवसेना का सीएम रहे: राउत
वहीं, शिवसेना नेता और उद्धव ठाकरे के बेहद करीबी संजय राउत से जब मीडिया ने पूछा कि क्या शिवसेना का सीएम 5 साल के लिए होगा या शिवसेना-एनसीपी में ढाई-ढाई साल के लिए इसका बंटवारा होगा तो राउत ने जवाब दिया, हम तो चाहते हैं कि आने वाले 25 साल तक शिवसेना का सीएम रहे, आप 5 साल की बात क्यों करते हो?

बालासाहेब ठाकरे की पुण्यतिथि पर भी दावा संभव
चूंकि रविवार को शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे की पुण्यतिथि है, इसलिए उस दिन सरकार का दावा पेश किए जाने की अटकल भी चल रही है। उद्धव ठाकरे खुद आज बारिश से पीड़ित इलाकों के दौरे पर निकल पड़े हैं। शरद पवार पहले से ही दौरे पर हैं। ऐसा माना जा रहा है कि दिल्ली में सोनिया गांधी और पवार के बीच अंतिम बातचीत के बिना सरकार नहीं बनेगी।

शरद पवार बोले- 5 साल चलेगी सरकार
इससे पहले एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने नागपुर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए सरकार गठन की कवायद पर मुहर लगाई। पवार ने कहा, सरकार बनाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। सरकार पूरे पांच साल तक चलेगी। साथ ही उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के किसानों को बेमौसम बारिश की वजह से काफी नुकसान झेलना पड़ा है और केंद्र सरकार को उनकी मदद के लिए कदम उठाना चाहिए। पवार प्रमुख ने कहा, अतिवृष्टि के कारण संतरे को बहुत नुकसान हुआ है। संतरा किसानों से मैंने खुद निजी तौर पर चर्चा की है। 60 से 70 फीसदी तक उनकी फसल पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है। संतरा उत्पादक बहुत बड़े संकट से गुजर रहे हैं। महाराष्ट्र में किसानों की हालत दयनीय है और जो बची हुई फसल है उनमें भी घुन लगने की आशंका है।

सरकार गठन का संभावित फॉर्म्युला
राजनीतिक सूत्रों का कहना है कि सरकार गठन के फॉर्म्युले के तहत शिवसेना कोटे से 16 , एनसीपी कोटे से 14 और कांग्रेस कोटे से 12 कैबिनेट मंत्री बनाए जा सकते हैं। इसके साथ ही विधानसभा स्पीकर का पद कांग्रेस को दिया जा सकता है, वहीं डेप्युटी स्पीकर पोस्ट शिवसेना के हिस्से में जा सकती है। विधान परिषद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का पद एनसीपी और शिवसेना के खाते में जा सकता है। ऐसी अटकलें हैं कि सीएम का पद शिवसेना को देने के साथ ही एनसीपी और कांग्रेस की तरफ से एक-एक डेप्युटी सीएम बनाए जा सकते हैं। सरकार गठन को लेकर शिवसेना संस्थापक बालासाहेब ठाकरे की पुण्यतिथि यानी 17 नवंबर को कोई बड़ा ऐलान हो सकता है। शिवसेना ने अपने सभी विधायकों को 17 नवंबर को मुंबई में मौजूद रहने के लिए कहा है।

40 पॉइंट्स का न्यूनतम साझा कार्यक्रम
सूत्रों के मुताबिक शिवसेना-एनसीपी और कांग्रेस के बीच मैराथन चर्चा के बाद न्यूनतम साझा कार्यक्रम (सीएमपी) का जो ड्राफ्ट तैयार हुआ है, उसमें 40 पॉइंट लिए गए हैं। इसमें तीनों पार्टियों के चुनावी घोषणा पत्र में किए गए वादों को तरजीह दी गई है। सीएमपी के ड्राफ्ट में तीनों पार्टियों के चुनावी घोषणा पत्र में शामिल मुद्दों को लिया गया है। इसमें किसानों की कर्जमाफी, बेरोजगारी और महंगाई से निपटने के उपाय, छात्रों की समस्याओं को हल करने को महत्व दिया गया है।

सोनिया, उद्धव और पवार को भेजा गया ड्राफ्ट
इसके साथ ही अल्पसंख्यकों को शिक्षा में पांच फीसदी आरक्षण पर शिवसेना को विरोध न करने के लिए राजी किया गया है। इस मसौदे को सोनिया गांधी, शरद पवार और उद्धव ठाकरे के पास भेजा गया है। कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा है कि सीएमपी के ड्राफ्ट पर उनकी नेता सोनिया गांधी की मंजूरी मिलते ही राज्य में शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस सरकार बनेगी।