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महाराष्ट्र: राष्ट्रपति शासन के बाद से बंद है मुख्यमंत्री सहायता निधि कार्यालय

मुंबई: महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगने के बाद मुख्यमंत्री वैद्यकीय चिकित्सा निधि के लिए अब मरीजों को दर-दर भटकना पड़ रहा है, क्योंकि मंत्रालय में छठवें मंजिल पर स्थित मुख्यमंत्री सहायता निधि कार्यालय को बंद कर दिया गया है। मामला सुर्खियों में आने के बाद सामान्य प्रशासन विभाग ने 15 नवंबर को एक शासनादेश जारी कर मरीजों को सहायता निधि उपलब्ध कराने के लिए तीन अधिकारियों की नियुक्ति की।
सहायता निधि उपलब्ध कराने के लिए जिनके नाम दिए गए हैं, उनमें सुभाष नागप को सहायक संचालक निधि व लेखा, मिलिंद काबाडी को सहायक सह सचिव लेखा और दीपक खानविलकर को सहायक लेखा अधिकारी बनाया गया है। हालांकि ये अधिकारी कहां हैं, इसकी कोई जानकारी देने को तैयार नहीं है। इस कारण 18 नवंबर तक सहायता कक्ष बंद था। कार्यालय के बाहर सुरक्षा में पुलिस की तैनाती कर दी गई है।
आर्थिक मदद का आवेदन देने के लिए राज्य के कोने-कोने से पुरुष और महिलाएं आ रही हैं। वहां मौजूद सुरक्षाकर्मी आवदेन देने आने वालों को बता रहे हैं कि अभी कार्यालय बंद है, शुक्रवार से खुलेगा। वहीं, आदेवन देने आने वालों का मानना है कि भले ही शुक्रवार को वे कार्यालय खुलने की बात कह रहे हैं, लेकिन यह अब सोमवार से पहले नहीं खुलेगा। राज्य में राष्ट्रपति शासन लगने के बाद मुख्यमंत्री वैद्यकीय सहायता कक्ष बंद होने की खबर बाहर आने के बाद पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिलकर इसे दोबारा शुरू करने का आवेदन किया था।
वहीं, एनसीपी नेता धनंजय मुंडे ने भी सहायता कक्ष को शुरू करने के लिए राज्यपाल के पास पत्र भेजा था। एक अनुमान के मुताबिक सहायता कक्ष बंद होने के कारण अब तक 8000 से अधिक लोग सहायता निधि से वंचित हो चुके हैं। जब तक यह खुलेगा, तब तक यह आंकड़ा 10 हजार को पार कर सकता है।
मुख्यमंत्री सहायता निधि कार्यालय पहले मंत्रालय में सातवें फ्लोर पर था, लेकिन वहां अभी मरम्मत का काम चल रहा है। वहीं छठवें फ्लोर पर स्थित कार्यालय को बंद रखा गया है। कार्यालय के गेट पर पहले नोटिस लगा दिया गया था कि कार्यालय बंद है, यहां पूछताछ न करें। अब उस नोटिस को हटा दिया गया है। मुख्यमंत्री पद से देवेंद्र फडणवीस के इस्तीफे के बाद मदद कक्ष पूरी तरह से बंद है। इससे हजारों लोग आर्थिक मदद से वंचित हो रहे हैं। एक आंकड़े के मुताबिक पिछले 5 सालों में मुख्यमंत्री सहायता निधि से 21 लाख मरीजों को 1600 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद दी जा चुकी है। गौरतलब है कि राज्य में 12 नवंबर को राष्ट्रपति शासन लगने के अगले दिन 13 नवंबर को एक आदेश जारी कर सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को अपने मूल विभाग में लौटने का आदेश दिया गया, जिसके बाद से सहायता कक्ष बंद है।