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मुंबई/वाराणसी में टाटा कैंसर अस्पताल से पूर्वांचलवासियों को राहत

मुंबई: वाराणसी में टाटा कैंसर अस्पताल शुरू होने से पूर्वांचलवासियों को इलाज में राहत मिल रही है। मुंबई के परेल स्थित टाटा कैंसर अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार, फिलहाल बनारस टाटा कैंसर अस्पताल में 500 बाल कैंसर मरीजों (पीडिएट्रिक कैंसर मरीज) का इलाज चल रहा है। इनमें तकरीबन 50 मरीजों को मुंबई से इलाज के लिए वहां भेजा गया है।
देश में बढ़ते कैंसर के मामलों को देखते हुए टाटा अस्पताल प्रबंधन ने नए सेंटरों पर फोकस किया हुआ है। इसी के अंतर्गत बनारस में दो कैंसर अस्पतालों की शुरुआत हुई है। टाटा अस्पताल के अकैडमिक प्रमुख डॉ। श्रीपद बनावली ने बताया कि बाल रोग कैंसर के बढ़ते मामलों को देखते हुए मुंबई के अलावा तीन जगहों पर पीडिएट्रिक कैंसर उपचार यूनिट की शुरुआत इस साल हुई। इनमें होमी भाभा कैंसर हॉस्पिटल वाराणसी, ‌विशाखापट्टनम और गुवाहटी के अस्पताल शामिल हैं।

गुवाहाटी और बनारस कैंसर अस्पताल में फिलहाल 1 हजार बाल कैंसर मरीजों का इलाज चल रहा है। अच्छी बात यह है कि इसमें कई मरीजों को मुंबई टाटा अस्पताल में जांच कराने के बाद उनके घर के पास शुरू हुए इन अस्पतालों में इलाज के लिए भेजा गया है।

बनारस में डेडिकेटेड पीडिएट्रिक हॉस्पिटल
टाटा अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार, बनारस के दो कैंसर अस्पतालों में से एक को बाल रोग कैंसर के लिए डेडिकेट किया जाएगा। महामना पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर सेंटर वाराणसी के पूरी तरह शुरू होने के बाद बनारस के लहरतारा में बने होमी भाभा कैंसर हॉस्पिटल को केवल बच्चों और ब्लड कैंसर के इलाज के लिए डेडिकेटेड किया जाएगा। फिलहाल, यहां बाल कैंसर के अलावा बड़ों का भी इलाज होता है।

5 हजार बच्चों को इलाज देने का लक्ष्य
डॉ. बनावली ने बताया कि फिलहाल हर साल टाटा में ढाई हजार बच्चों (15 साल से कम उम्र) को इलाज दिया जाता है। इस साल बनारस और गुवाहटी सेंटर के कारण इनकी संख्या 3,500 तक पहुंची है, जिसे अगले साल तक 5 हजार के पार ले जाना है। बच्चों में होने वाले कैंसर में इलाज की सफलता 80 प्रतिशत से अधिक है। ऐसे में जल्द से जल्द इसका पता चलने पर अभिभावक इलाज के लिए सामने आएंगे, तो आने वाले समय में बीमारी की चुनौती काफी कम होगी।