ब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई शहरराजनीतिशहर और राज्य

अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष हाजी अरफात शेख ने दिया इस्तीफा

मुंबई: राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष हाजी अरफात शेख ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफा देने का कारण उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मिलने के लिए समय नहीं देने का कारण बताया है।
बता दें कि हाजी अराफात शेख कभी शिवसेना में हुआ करते थे। जब भाजपा का क्रेज बढ़ा, तो उन्होंने शिवसेना को ‘जय महाराष्ट्र’ बोलकर भाजपा का दामन थाम लिया। तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अपनी पार्टी के कई नेताओं को नाराज करते हुए अराफात को सिर आंखों पर बिठाया और उन्हें राज्य अल्पसंख्यक आयोग का अध्यक्ष बना दिया। आयोग के अध्यक्ष को कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिला है। शेख ने 4 सिंतबर, 2018 को अपना पदभार संभाला था। राज्य में अब शिवसेना की सरकार बन गई है। ऐसे में, अराफात शिवसेना के आंख की किरकिरी बन गए हैं। बुधवार को हाजी अराफात शेख ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को अपना इस्तीफा भेज दिया। चार पन्ने के इस्तीफे में अराफात ने अपने कामकाज का विस्तृत ब्योरा दिया है। अराफात ने अपने इस्तीफे में लिखा है कि तंजीमुल मुस्लिमीन सोसायटी को मस्जिद के लिए दिए गए भूखंड को नौ बार बदला गया है। भूखंड के लिए जरूरी सरकारी मंजूरियों में स्थानीय पुलिस स्टेशन अड़चनें खड़ी कर रहा है। इस मामले में अदालत के आदेश का भी पालन नहीं हो रहा है। अराफात का कहना है कि ऐसे कई सारे मसले हैं जिसे लेकर वे मुख्यमंत्री ठाकरे से मिलकर अपनी बात रखना चाहते थे, लेकिन मुख्यमंत्री कार्यालय से बार बार संपर्क करने के बाद भी उन्हें समय नहीं दिया गया। मुझे लग रहा है कि ठाकरे सरकार अल्पसंख्यकों को न्याय देने के लिए गंभीर नहीं है। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक समाज की समस्याओं पर बातचीत के लिए वे ठाकरे से वक्त मांग रहे थे। इस्तीफे में शेख ने लिखा है कि अगर आपके पास अल्पसंख्यकों की समस्याएं हल करने के लिए समय नहीं है और अल्पसंख्यक समाज को न्याय नहीं मिलना है तो पद पर बैठे रहने की जगह मैं आपको इस्तीफा सौंप रहा हूं।