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लखनऊ: प्रियंका गांधी के साथ बदसलूकी या फिर झूठ, वीडियो से खुली पोल तो प्रियंका ने मारी पलटी!

सीओ बोलीं- “इन आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है। मैं उनकी (प्रियंका गाँधी) फ्लीट इंचार्ज थी। उनके साथ किसी ने भी अभद्रता नहीं की। मैंने सिर्फ अपनी ड्यूटी की। इस घटना के दौरान मेरे साथ धक्का-मुक्की की गई थी।”

नयी दिल्ली/लखनऊ: प्रियंका गांधी की तरफ से यूपी पुलिस पर लगाए गए आरोप के मामले ने खासा तूल पकड़ लिया है। जहां एक तरफ कांग्रेस पार्टी इस मामले पर फ्रंट फुट पर आने की कोशिश में हैं, वहीं बीजेपी ने पूरे घटनाक्रम को ‘नौटंकी’ करार दिया है। सोशल मीडिया पर भी इसे लेकर समर्थन और विरोध की बहस छिड़ी हुई है।

क्या है पूरा मामला?
दरअसल मामला शनिवार उस समय का है, जब कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा पूर्व आईपीएस एसआर दारापुरी और कांग्रेस प्रवक्ता सदफ जफर से मिलने जा रही थीं। बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में हुई हिंसा भड़काने तथा अन्य आरोप में पुलिस ने पूर्व आईपीएस एस.आर. दारापुरी, सोशल ऐक्टिविस्ट तथा कांग्रेस प्रवक्ता सदफ जफर को गिरफ्तार किया हुआ है। प्रियंका को पुलिस ने वहां जाने से रोक दिया। इस दौरान प्रियंका तेजी आगे बढ़ते हुए निकली।

प्रियंका ने लगाया गला दबाने का आरोप
प्रियंका गांधी ने यूपी पूलिस पर आरोप लगाते हुए कहा, मैं अपना प्रोग्राम खत्म करके, बगैर किसी को कहे ताकि तमाशा न हो और डिस्टर्बेंस न हो, हम 4-5 लोग गाड़ी में बैठकर यहां आ रहे थे दारापुरी जी के परिवार से मिलने। रास्ते में पुलिस एक गाड़ी आई और उन्होंने हमारी गाड़ी के आगे रोक दी। उन्होंने हमसे कहा कि आप नहीं जा सकते। हमने पूछा कि क्यों नहीं जा सकते? उन्होंने कहा हम आपको जाने नहीं देंगे। मैंने कहा कि मुझे रोकिए। मैं गाड़ी से उतर गई। मैंने कहा कि मैं पैदल जाऊंगी। मैं पैदल चलने लगी तो मुझे घेरा, मेरा गला दबाया, मुझे पकड़कर धकेला। ऐसा एक महिला पुलिसकर्मचारी ने किया। मैं गिर गई, उसके बाद मैं फिर चलती रही। थोड़ी देर बाद फिर मुझे रोका, फिर मुझे पकड़ा। उसके बाद मैं अपने कार्यकर्ता के साथ स्कूटी पर बैठकर चली गई। उसके बाद उन्होंने टूवीलर को भी घेरा। मैं फिर पैदल यहां तक आई हूं।

पुलिस का पहला बयान
लखनऊ के एसएसपी कलानिधि नैथिनी ने कहा, मॉर्निंग इंचार्ज डॉक्टर अर्चना सिंह ने अडिशनल सुपरींटेंडेंट को एक रिपोर्ट प्रस्तुत की है, जहां उन्होंने बताया है कि प्रियंका गांधी वाड्रा की गाड़ी तय रूट पर नहीं जा रही थी, किसी अन्य रूट पर थी।

सीओ बोलीं- मैंने अपनी ड्यूटी निभाई
लखनऊ की सीओ डॉक्टर अर्चना सिंह ने पूरे मामले पर अपनी बात रखते हुए कहा, यह बिल्कुल भी सच नहीं है। मैं उनकी (प्रियंका गांधी वाड्रा) की फ्लीट इंचार्ज थी। किसी ने भी उनके साथ बदसलूकी नहीं की थी। मुझे करीब साढ़े चार बजे सूचना मिली कि मैडम पार्टी कार्यालय ये अपने आवास पर जाएंगी। मैडम की फ्लीट तदानुसार रवाना की गई। फ्लीट का अगला हिस्सा उनके आवास की ओर मुड़ भी गया था, लेकिन मैम फ्लीट के साथ न जाकर सीधे जाने लगीं। मैं ये जानना चाहती थी कि मैडम कहां जाना चाहती हैं, ताकि उसे हिसाब से सुरक्षा इंतजाम किया जा सके। मैंने सिर्फ अपनी ड्यूटी निभाई है। इस दौरान मेरे साथ भी धक्का-मुक्की हुई है।

चचेरे भाई की मौत की खबर सुनकर भी की ड्यूटी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शनिवार को ही सीओ अर्चना सिंह को अपने चचेरे छोटे भाई की मौत की खबर मिली थी और वह उन्हें देखने के लिए जाना चाहती थीं। इसके लिए वह छुट्टी मांगने ही वाली थीं कि उन्हें प्रियंका की फ्लीट इंचार्ज के तौर पर तैनात कर दिया। भावनाओं पर फर्ज को तरजीह देते हुए अर्चना सिंह यह तय करने में जुट गईं कि किसी भी तरह से प्रियंका गांधी की सुरक्षा में कोई सेंध न लगे और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की सुरक्षा व्यवस्था को संभाला। हालांकि ड्यूटी के दौरान हुए विवाद और प्रियंका गांधी की ओर से बदसलूकी और धक्कीमुक्की के आरोपों से वह काफी आहत हैं।
बता दें कि प्रियंका गांधी की ओर से लगाए गए आरोपों को प्रशासन की ओर से भी खारिज किया गया था। लखनऊ के एसपी कलानिधि नैथानी ने कहा कि डॉ. अर्चना सिंह ने अडिशनल एसपी को सौंपी अपनी रिपोर्ट में प्रियंका गांधी की ओर से लगाए गए आरोपों को खारिज किया है।

‘गला दबाने’ वाले बयान से पलटी प्रियंका
कुछ समय बाद प्रियंका गांधी अपने ‘गला दबाने’ वाले बयान से पलट गईं। उन्होंने इस बार ‘गला दबाने’ की जगह ‘गले पर हाथ’ लगाने की बात कही।

बीजेपी ने बताया नौटंकी
पूरे घटनाक्रम को बीजेपी ने प्रियंका गांधी वाड्रा की ‘नौटंकी’ बताया है। बीजेपी नेता सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा, ‘पूरा परिवार झूठ पर फल-फूल रहा है। इस तरह के काम से उन्हें सिर्फ अस्थायी पब्लिसिटी मिलेगी वोट नहीं। प्रियंका वाड्रा की नौटंकी की निंदा होनी चाहिए।

प्रियंका से यूपी पुलिस की धक्का-मुक्की- रॉबर्ट वाड्रा ने की निंदा
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के पति रॉबर्ट वाड्रा ने रविवार को अपनी पत्नी के साथ उत्तर प्रदेश पुलिस के व्यवहार की कड़ी निंदा की। रॉबर्ट ने रविवार को ट्विटर पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए लिखा-महिला पुलिसकर्मियों ने प्रियंका से जैसी धक्का-मुक्की की है, मैं उससे बहुत व्यथित हूं। जहां एक महिला पुलिसकर्मी ने उनका गला पकड़ लिया, वहीं दूसरी महिला पुलिसकर्मी ने उन्हें धक्का मार दिया, जिससे वह गिर गईं।
वाड्रा ने अपने इस ट्वीट में आगे लिखा-लेकिन वह दृढ़ थीं और वह पूर्व आईपीएस अधिकारी एसआर दारापुरी से मिलने दोपहिया वाहन से गईं। जरूरतमंद लोगों से मिलने जाने और इस दयालुता के लिए प्रियंका, मुझे आप पर गर्व है। आपने सही किया और परेशान व्यक्ति का साथ देने में कोई बुराई नहीं है।