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काशी की देव दीपावली 2018 : जब पृथ्वी पर उतर आया पूरा देवलोक..!

वाराणसी (राजेश जायसवाल / अमन जायसवाल ) : बाबा भोलेनाथ की नगरी काशी यूं तो साल के बारहों महीने तीर्थयात्रियों, सैलानियों से गुलजार रहती है। लेकिन देशी-विदेशी पर्यटकों को कार्तिक पूर्णिमा यानी पूनम की रात देवताओं के संग दीपावली मनाने की तैयारी का विशेष रूप से इंतजार रहता है क्योंकि देव दीपावली के दिन असंख्य दीपों की रोशनी से नहाए हुए काशी के सभी घाट आसमान में टिमटिमाते तारों से नजर आते हैं !
कार्तिक पूर्णिमा की शाम जब लाखों दिए काशी की उत्तरवाहिनी गंगा किनारे एक साथ जलते हैं, तो रोशनी से सराबोर गंगा के घाट के घाट देवलोक के समान प्रतीत होते हैं। काशी में गंगा किनारे इसी बिहंगम छटा को देखने और अपने कैमरे में कैद करने के लिए लोग दुनिया के कोने-कोने से यहां पहुंचते हैं।
बता दें कि अतुल्य भारत के पन्नों में जगह बनाने वाले बनारस की देव दीपावली उत्सव , सोलर लाइटों से पहली बार सजे गंगा के घाट सरहदों की रक्षा में जिंदगी कुर्बान करने वाले अमर जवानों के नाम दीपों की सजावट से एकजुटता का संदेश देने वाला ऐतिहासिक उत्सव रहा। गंगा तट से लेकर शहर के सभी कुंड-तालाबों, मंदिरों में शहीदों की याद में लाखों दीप प्रज्जवलित किये गए थे।
देव दीपावली उत्सव की खासियत है कि इसका आयोजन सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से होता है। इस बार यूपी सरकार ने ५० लाख की आर्थिक मदद की पेशकश भी की लेकिन आयोजन से जुड़ी समितियां सरकारी धन के बजाए पहले की तरह कंपनियों-संस्थाओं से मिलने वाले सहयोग से ही आयोजन की तैयारी में जुटी रहीं।
वहीँ यूपी के राज्यपाल राम नाईक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ देव दीपावली उत्सव की छटा निहारने के लिए काशी पहुंचे। फिल्म अभिनेता अनिल कपूर भी इसके गवाह बने।
राजघाट से अस्सीघाट के बीच दीपों की जगमगाहट के साथ ही काशी की धर्म, कला और संस्कृति भी झलक भी देखने को मिली। इसके लिए संस्कृति विभाग और पर्यटन विभाग ने खास तैयारियां की थी। 16 घाटों पर संस्कृति विभाग की ओर से एकल और समूह नृत्य का आयोजन किया गया था। पुलिस – प्रशासन ने भारी भीड़ को देखते हुए सुरक्षा – व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किये थे।