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उद्धव सरकार में मंत्रालय के बंटवारे को लेकर रार, एनसीपी रखना चाहती है तिजोरी की चाबी, कांग्रेस को नहीं आ रहा रास…

मुंबई: राज्य में महाविकास आघाड़ी की सरकार के गठन केे साथ जिस जोश के साथ नागपुर में विधानमंडल का शीतकालीन अधिवेशन हुआ वह जोश अब कम पड़ता दिखने लगा है। आघाड़ी में शामिल शिवसेना अपने नेचर के विपरित एकदम शांत दिख रही है। जबकि राकांपा व कांग्रेस की अंदरुनी नाराजगी खुलकर सामने आने लगी है और बैठकों का दौर जारी है। महाराष्ट्र सरकार पूरी तरह से काम नहीं कर पा रही है। विभाग के बिना मंत्री कोई भी काम नहीं कर पा रहे हैं।
बीते दिनों कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष व मंत्री बालासाहब थोरात अचानक राकांपा के खिलाफ में बोले। थोरात ने कहा कि गठबंधन सरकार में कोई रिमोट व कंट्रोल नहीं होता है। राकांपा के अध्यक्ष शरद पवार को समझना चाहिए। उसके बाद कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक चव्हाण की नाराजगी सामने आयी। उन्होंने राकांपा के नेता अजित पवार को खरी-खोटी सुना दी। चव्हाण व अजित के बीच का विवाद खूब चर्चा में आया। बहरहाल सवाल उठना लाजिमी है कि कांग्रेस व राकांपा के बीच अनबन क्यों बढ़ रही है। दरअसल पूरा मामला राज्य की तिजोरी से जुड़ा है।
कांग्रेस व राकांपा 15 साल तक साथ-साथ सरकार चला चुकी है। लेकिन दोनों में टसन भी पूरे 15 साल रही। राकांपा ने आरंभ से ही वित्त विभाग अपने पास रखा। अजित पवार, दिलीप वलसे पाटील, जयंत पाटील राकांपा के कोटे से कांग्रेस राकांपा आघाड़ी की सरकार में वित्त मंत्री थे। तब कांग्रेस के मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख, सुशीलकुमार शिंदे, अशोक चव्हाण व पृथ्वीराज चव्हाण को वित्त मामले में अपनी ही सरकार में अड़चन का सामना करना पड़ा। अब कांग्रेस जानती है कि फिर से वित्त मंत्रालय राकांपा के पास ही रहा तो सरकार पूरी तरह से राकांपा पर ही केंद्रित हो जाएगी।
गौरतलब है कि राज्य में सभी विभागों को मिलाकर वार्षिक बजट 2 लाख 76 हजार करोड़ का है। उसमें से अंदाजन 2 लाख 24,342 करोड के बजट के विभाग राकांपा के हिस्से में ही आया है। सन 2019-20 के बजट के प्रावधान के अनुसार जलसंपदा के लिए 15246 करोड, अन्न व आपूर्ति विभाग के लिए 9515 करोड,वित्त विभाग 91556 करोड़, नियोजन विभाग 25436 करोड़, सामाजिक न्याय 13276 करोड, गृहनिर्माण विभाग 7197 करोड, सहकार व पणन 5769,सार्वजनिक स्वास्थ्य 11242 करोड,ग्राम विकास 11895 करोड़, गृह 2429 करोड़, कामगार कल्याण विभाग का बजट 256 करोड़ का है। ये सभी विभाग राकांपा के हिस्से में आए हैं।