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रविजा सिंघल ने न सिर्फ नाशिक का बल्कि पूरे देश का नाम किया रोशन, ऑस्ट्रेलिया में आयरन मैन का खिताब..!

महाराष्ट्र के नाशिक की रविजा सिंघल ने न सिर्फ नाशिक का बल्कि पूरे देश का नाम रोशन किया है. ऑस्ट्रेलिया में आयरन मैन का खिताब अपने नाम करने वाली रविजा, एशिया की सबसे युवा महिला बन गई हैं. रविजा इस खिताब को अपने नाम करने वाली नाशिक की पहली महिला बन गई हैं. आपको बता दें कि रविजा नाशिक पुलिस आयुक्त डॉ. रविंद्र कुमार सिंघल की बेटी हैं. रविजा के पिता सिंघल ने भी इसी साल फ्रांस में आयरन मैन का खिताब जीता था. नाशिक में उनका जोरदार स्वागत किया गया था. हाफ मैराथन के दौरान केन्द्रीय गृहराज्यमंत्री किरण रिजिजू ने फ्रांस में आयोजित हुए आयरन मैन – 2018 स्पर्धा में भारत की ओर से मेज़बानी कर स्पर्धा को पूर्ण करने वाले नाशिक के पुलिस आयुक्त डॉ. रविंद्र कुमार सिंघल को सम्मानचिन्ह देकर सन्मानित किया था. सिंघल ने दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में आयोजित हाफ मैराथन एनएसजी में भागीदारी कर 10 किलोमीटर की दौड़ लगाई थी. सिंघल द्वारा 10 किलोमीटर की दौड़ पूरी किए जाने के लिए आय टी बी पी के डायरेक्टर जरनल आईएएस एस. एस. देसवाल ने सिंघल को पदक देकर उनका सम्मान किया, साथ ही हाफ मैराथन एनएसजी के विजिताओं को डॉ रविंद्र कुमार सिंघल के हाथों पदक और सम्मान चिन्ह दिलाकर जवानों का हौसला अफजाई किया गया था. १९ साल की रविजा भी इसी साल 18 फरवरी को नाशिक में हाफ आयरन मैन प्रतियोगिता जीती थी. इस प्रतियोगिता में 3.8 किमी स्विमिंग, 180 किमी साइकिलिंग और 42.2 किमी रनिंग 17 घंटों में पूरी करनी थी. रविजा ने 16 घंटे 5 मिनट और 45 सेकंड में इसे पूरा कर लिया. रविजा नैशनल लेवल की तैराक हैं.

“नेटवर्क महानगर” से बातचीत के दौरान रविजा ने कहा कि अपने पिता के नक्शेकदम पर चलकर अच्छा महसूस होता है. मेरे माता-पिता मेरे हीरो हैं, माता-पिता को गौरवान्वित देखकर मुझे खुशी होती है. मुझे इस बात की खुशी है कि मैं एशिया की यंगेस्ट फीमेल ऑयरन मैन हूं. मैं चाहती हूं कि लड़कियों को आगे बढ़कर ऐसी प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने चाहिए. मैं गर्ल पावर का समर्थन करती हूं. बता दें कि इस प्रतियोगिता में 18 से 90 साल तक के प्रतियोगियों ने हिस्सा लिया. इंडिया से 3 प्रतियोगी इस प्रतियोगिता में शामिल हुए. इसके अलावा चीन, जापान, फ्रांस और इंग्लैंड के खिलाड़ियों ने भी इस प्रतियोगिता में हिस्सा लिया. रविजा ने कहा, रेस के दौरान जिस चीज से मुझे आगे बढ़ने की प्रेरणा मिली वो थी कि मैं खुद को मैं बाकी दुनिया से अलग करके खुद पर फोकस करती हूं. मैं लगातार खुद से बात करती रही और खुद को समझाती रही कि मैं अपने कंधे पर तिरंगा लेकर फिनिश लाइन तक पहुंच सकती हूं. किसी भी और खेल की तरह इस खेल में भी 70% मानसिक और 30% शारीरिक क्षमता की जरूरत होती है. आपको खुद पर विश्वास रखना चाहिए. रविजा के कोच मुस्तफा टोपीवाला ने इवेंट से दो दिन पहले ही उन्हें आयरन मैन खिताब जीतने की घोषणा कर दी थी. फ्रांस की जमी पर आयरनमैन का खिताब जीतकर तिरंगा लहराने वाले नाशिक पुलिस आयुक्त रविंद्र कुमार सिंगल के नासिक आगमन पर नाशिकवासियों ने संध्या अभिमान के कार्यक्रम मे पूरे जोरदार स्वागत कर शुभकामनाएँ दी पुलिस प्रशासन जनप्रतिनिधियों से लेकर युवाओं और बच्चो ने भी गर्मजोशी के साथ आयरनमैन का स्वागत किया. सिंगल ने कहा की मन के हारे हार और मन के जीते जीत है बुलंद हौसलों से ही सफलता मिलती है हमे किसी भी कार्य को करने का जज्बा होना चाहिए असफल हो जाने पर निराश नही होना चाहिये और ना हि किसी कार्य को अधूरा छोड देना चाहिए मेरा पहला कर्तव्य नही मे लॉ इन आर्डर कानून व्यवस्था बनाये रखना और अपराध पर नियंत्रण रखना है.