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मुंबई: एनसीपी प्रमुख शरद पवार बोले- आंदोलनकारियों को दिखाना होगा शांति का मार्ग…

मुंबई: एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने गुरुवार को गेटवे ऑफ इंडिया पर कहा कि मोदी सरकार की नीतियों और दमनकारी रवैये को लेकर देश में नाराजगी है। उन्होंने कहा कि इसके खिलाफ आज देश भर में युवा सड़कों पर हैं लेकिन हमें अपने युवाओं को बताना होगा कि विरोध और आंदोलन शांति से किया जाना चाहिए। पवार ने कहा कि सरकार की दमनकारी नीतियों का जवाब महात्मा गांधी द्वारा बताए गए अहिंसक तरीकों से दिया जाना चाहिए।
पवार पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा की मुंबई से दिल्ली तक निकाली जा रही गांधी शांति यात्रा को हरी झंडी दिखाने से पहले वहां उपस्थित लोगों को संबोधित कर रहे थे। संशोधित नागरिकता कानून (CAA), राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) और जेएनयू की हिंसा के खिलाफ यशवंत सिन्हा यह गांधी शांति यात्रा निकाल रहे हैं।
पवार ने कहा कि जेएनयू में छात्रों पर हमले की घटना से विद्यार्थियों और नौजवानों की भावनाएं आहत हुई हैं। सरकार तानाशाही वाली नीतियों का इस्तेमाल कर रही है। जेएनयू में जो कुछ भी हुआ, उसका पूरे देश में विरोध हो रहा है। सरकार की तानाशाही का जवाब गांधीजी के अहिंसक तरीके से देने की जरूरत है। पवार ने सभी भारतीय नागरिकों को स्वतंत्र भारत का प्रतिनिधि और देश का हिस्सेदार बताते हुए दावा किया कि सरकार ने CAA जैसे कदमों से जनता को निराश किया है।
पवार ने CAA पर हो रहे प्रदर्शनों का जिक्र करते हुए दावा किया कि समाज का बड़ा हिस्सा सरकार से निराश है। केंद्र सरकार के कुछ कदमों से देश की एकता को झटका लगा है। समाज के कुछ छोटे वर्गों के सदस्य महसूस करते हैं कि उनके हितों की रक्षा नहीं हो रही। अल्पसंख्यक समेत समाज के कई वर्गों के सदस्य ऐसे हैं, जो नहीं बता सकते कि कहां से आए हैं और कहां रहेंगे।
पवार ने आरोप लगाया कि सरकार ने ऐसे हालात पैदा कर दिए हैं जहां लोगों को लग रहा है कि अगर उनके पास आवश्यक कागजात नहीं होंगे, तो उन्हें सरकार द्वारा बनाए गए शिविरों में रहना होगा। अब वक्त आ गया है कि सरकार को गांधीजी की अहिंसा का रास्ता दिखाना होगा। उसी से संविधान बचाने में मदद मिल सकती है।
इस मौके पर यशवंत सिन्हा ने कहा, हम बाबासाहेब आंबेडकर द्वारा बनाए गए संविधान की रक्षा करेंगे। हम देश को फिर से बंटने नहीं देंगे। हम दोबारा गांधी की हत्या नहीं होने देंगे। हम एक हैं और एक रहेंगे।
इस ‘गांधी शांति यात्रा’ में वंचित बहुजन आघाडी के नेता प्रकाश आंबेडकर, पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण, पूर्व सांसद भालचंद्र मुणगेकर, मंत्री नवाब मलिक, तृणमूल कांग्रेस सांसद नदीमुल हक और अन्य नेताओं समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।