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गृह मंत्रालय में खत्म हुआ अंग्रेजी राज, अब सिर्फ हिंदी में करना होगा पत्र व्यवहार

नयी दिल्ली: गृह मंत्रालय में ‘अंग्रेजी’ राज खत्म हो गया है। यानी अब जो कोई भी गृह मंत्रालय के साथ पत्र व्यवहार करेगा, उसे हिंदी में अपनी बात लिखनी होगी। केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को ऐसे दिशा निर्देश जारी किए गए हैं कि वे मंत्रालय के साथ सौ फीसदी हिंदी में पत्राचार करें। जितने भी क्लर्क या स्टैनो हैं, उन्हें एक माह के भीतर हिंदी टाइपिंग सीखनी होगी। इसके लिए संबंधित अर्धसैनिक बल अपने कर्मियों के लिए ट्रेनिंग का इंतजाम करेंगे। साथ ही ये भी कहा गया है कि आगे से इन पदों पर केवल हिंदी टाइपिंग वाले क्लर्क भर्ती होंगे। अर्धसैनिक बलों ने इस आदेश को सख्ताई से लागू करने की तैयारी कर ली है।
बता दें कि अमित शाह के केंद्रीय गृहमंत्री बनने के बाद राजभाषा हिंदी के इस्तेमाल पर अधिक जोर दिया जा रहा है। पिछले कुछ महीनों के दौरान शाह ने विभिन्न केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के मुख्यालयों का दौरा किया था। कई जगह पर उनके सामने बल को लेकर जो प्रस्तुतिकरण दिया गया, वह अंग्रेजी में था।
केंद्रीय गृह मंत्री ने अधिकारियों की बैठक में यह बात साफतौर से कही कि वे अपना कामकाज सौ फीसदी हिंदी में करना सुनिश्चित करें। अगर उन्हें मंत्रालय में आकर कोई प्रस्तुतिकरण देना है, रिपोर्ट भेजनी है या कोई अन्य पत्राचार करना है तो वे हिंदी भाषा का इस्तेमाल करें।
सूत्रों के अनुसार, एसएसबी मुख्यालय में आयोजित बैठक में गृहमंत्री ने इस तरह के कई सुझाव भी दिए थे। जैसे हिंदी सीखने से कामकाज कितना आसान हो जाता है। कोई एक फाइल जो विभिन्न चरणों से होती हुई अंतिम टेबल तक पहुंचती है, अगर वह हिंदी में होती है तो हर स्तर पर उसे समझने में आसानी होगी। इसके बाद सभी अर्धसैनिक बलों में हिंदी को लेकर समीक्षा बैठक आयोजित की गई। यह पता किया गया है कि अभी ऐसी कौन सी शाखाएं हैं जो हिंदी में कामकाज नहीं कर रही। अब सीआईएसएफ, सीआरपीएफ, आईटीबीपी और एसएसबी सहित दूसरे केंद्रीय अर्धसैनिक बलों ने हिंदी में कामकाज करने के आदेश जारी कर दिए हैं।
सीआईएसएफ और एसएसबी ने अपनी सभी शाखाओं से कहा है कि वे केंद्रीय गृह मंत्रालय के साथ केवल हिंदी में पत्र व्यवहार करें। सभी टाइपिस्ट को एक माह में हिंदी सीखनी होगी। टाइपिस्ट की श्रेणी यानी क्लर्क और स्टैनो जैसे पदों पर भविष्य में सभी भर्तियां हिंदी टाइपिस्ट की जाएं।