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प्रचंड जीत के बाद केजरीवाल बोले- दिल्ली ने अपने बेटे पर भरोसा किया, नई राजनीति का जन्म

नयी दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव-२०२० में प्रचंड जीत मिलने के बाद आम आदमी पार्टी के नेता अरविन्द केजरीवाल कार्यकर्ताओं के सामने आए और आते ही सबसे पहले भारत माता की जय और इंकलाब जिंदाबाद, वंदे मातरम के नारे लगवाए। उन्होंने कहा कि दिल्लीवालो, गजब कर दिया…आई लव यू। फ़्लाइंग किस करते हुए केजरीवाल ने इस जीत को हर दिल्ली वालों की और विकास की जीत करार दिया। केजरीवाल ने यह भी कहा कि आज मंगलवार है यानी हनुमानजी की का दिन है और उन्होंने दिल्ली पर अपनी कृपा बरसाई है। इसके लिए उन्हें भी धन्यवाद।
केजरीवाल ने कहा, दोस्तों मैं सभी दिल्लीवासियों को तहेदिल से शुक्रिया अदा करना चाहता हूं कि उन्होंने तीसरी बार अपने बेटे पर भरोसा किया है। यह जीत मेरी जीत नहीं है ये सभी दिल्लीवालों की जीत है। यह दिल्ली के हर उस परिवार की जीत है, जिन्होंने मुझे अपना बेटा मानकर जबर्दस्त वोट किया। यह हर उस परिवार की जीत है जिन्हें फ्री बिजली, बच्चों को अच्छी शिक्षा मिलने लगी। जिनका दिल्ली के अस्पतालों में अच्छा इलाज होने लगा है।
दिल्ली ने एक नई किस्म की राजनीति को जन्म दिया- काम की राजनीति
दिल्ली में लगातार दूसरी बार एकतरफा जीत हासिल करने के बाद आम आदमी पार्टी के मुखिया ने कहा कि यह नई किस्म की राजनीति की शुरुआत है। उन्होंने कहा, दिल्ली के लोगों ने आज एक नई किस्म की राजनीति को जन्म दिया है। जिसका नाम है काम की राजनीति। दिल्ली के लोगों ने अब संदेश दे दिया कि वोट उसी को जो मोहल्ला क्लीनिक बनवाएगा। वोट उसी को सस्ती बिजली, घर घर को पानी देगा। हमारे मोहल्ले में सड़क बनवाएगा। यह नई किस्म की राजनीति है और यह देश के लिए शुभ संकेत है। यह केवल दिल्ली के लिए जीत नहीं है बल्कि भारत माता की जीत है, यह पूरे देश की जीत है।

बीजेपी से टक्कर लेने के लिए ‘हनुमान भक्त’ बने केजरीवाल
आम आदमी पार्टी ने अपने प्रचार की शुरुआत पांच साल किए गए कामों के दम पर शुरू की थी। वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अगुआई में बीजेपी राष्ट्रवाद, हिंदुत्व जैसे पारंपरिक मुद्दों को केंद्र में रखकर मैदान में उतरी। इन दोनों एजेंडे से जनता को जोड़ने के लिए बीजेपी ने शाहीन बाग जैसे तात्कालिक मुद्दे को पूरी तरीके से उछाला। बीजेपी के पूरे प्रचार में यह बताने की कोशिश की गई कि अगर AAP दोबारा सत्ता में आई तो दिल्ली में फिर से मुगल काल आ जाएगा। इसलिए हिंदुओं को एकजुट होकर बीजेपी को वोट देना चाहिए ताकी राम राज्य स्थापित हो सके।
बीजेपी की इस रणनीति से निपटने के लिए सीएम केजरीवाल हनुमान जी की शरण में पहुंच गए। दरअसल, रामचरित मानस जैसे पवित्र धर्मग्रंथों में कहा गया है कि हनुमान जी भगवान श्रीराम के सबसे बड़े भक्त हैं। इस धर्म ग्रंथ में कई मौकों पर कहा गया है कि भगवान राम ने खुद कहा था कि वह अपने परम भक्त हनुमान की भक्ति करने वालों का सदैव साथ देंगे। इन बातों का हिंदू धर्म में गहरा प्रभाव है। शायद इसलिए सीएम केजरीवाल ने खुद को राम भक्त कहने वाले बीजेपी नेताओं से टक्कर लेने के लिए पूरे चुनाव प्रचार में हुनमान जी के नाम का सहारा लिया। वह कई न्यूज चैनलों पर हनुमान चालीसा भी पढ़ते दिखे। हनुमान मंदिर की इस यात्रा से केजरीवाल साफ संकेत दे रहे थे कि वे सॉफ्ट हिंदुत्व के एजेंडे पर काम कर रहे हैं। बीजेपी जहां बार-बार शाहीन बाग और वहां बिरयानी की बात कर रही थी, वहीं सीएम केजरीवाल इस पर कोई भी ठोस बयान देने से बचते रहे। चुनाव प्रचार के दौरान ही जब अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट का ऐलान हुआ तो केजरीवाल ने कहा कि अच्छे कामों के लिए कोई समय नहीं होता है।

वोटिंग संपन्न होने तक केजरीवाल समझ चुके थे कि हनुमान जी का नाम लेने से उन्हें फायदा हो रहा है। वह बीजेपी की ओर से उनके लिए बनाई जा रही छवि से भी बच रहे हैं। तभी वोटिंग संपन्न होने के बाद भी केजरीवाल कनॉट प्लेस वाले हनुमान मंदिर में मत्था टेकने पहुंच गए। अब चुनाव परिणाम आने के बाद भी केजरीवाल ने अपने पहले संबोधन में हनुमान जी का नाम लिया और सबसे पहले कनॉट प्लेस के उसी हनुमान मंदिर में पूजा करने पहुंच गए। हनुमान मंदिर की यात्राओं से केजरीवाल ने संकेत दे दिया है कि वह आगे भी सॉफ्ट हिंदुत्व के मुद्दे को अपने साथ जोड़े रहेंगे।