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महाराष्ट्र विधानसभा बजट सत्र: BJP ने उद्धव ठाकरे को सराहा लेकिन चाय पीने से किया इनकार

मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा का बजट सत्र आज से शुरू हो गया। विपक्ष ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की सराहना जरूर की लेकिन उनके चाय पार्टी का यह कहते हुए बहिष्कार किया कि पहले वह महाविकास आघाडी सरकार के तीनों दलों के बीच संवाद करें।उसके बाद सरकार विपक्ष को संवाद के लिए बुलाएं।
सोमवार से शुरू होने वाले बजट सत्र में रणनीति बनाने के लिए विरोधी दल बीजेपी ने बैठक बुलाई। बैठक के बाद महिला विकास मंडल में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में विधानसभा में प्रतिपक्ष नेता देवेंद्र फडणवीस व विधान परिषद के नेता प्रवीण दरेकर ने सरकार पर आरोपों की झड़ी लगा दी। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार में शामिल दलों में कोई आपसी संवाद नहीं है। वे बोलते कुछ हैं और करते कुछ और हैं। ऐसे में उन्हें पहले आपस में बातचीत करनी चाहिए, फिर हमें चाय पार्टी पर बातचीत के लिए बुलाना चाहिए।
फडणवीस ने कहा कि इस सरकार की ऐसी अवस्था है कि वह अपनी दिशा तय नहीं कर पा रही है। इनके बीच आपस में इतनी कलह है कि इसका नुकसान आम गरीब, किसान को भुगतना पड़ रहा है। किसानों के साथ सरकार ने बड़ी धोखाधड़ी की है। बेमौसम बारिश की वजह से नुकसान में आए किसानों को कोई मदद नहीं मिली है। किसानों की कर्जमाफी में केवल फसल कर्ज को शामिल किया गया।

चरम पर है महिलाओं पर अत्याचार
विरोधी पक्ष नेता फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र में महिलाओं पर अत्याचार चरम पर है। सरकार पुलिस को उसका काम नहीं करने दे रही है। ऐसे में पुलिस बल का मनोबल गिर रहा है। राज्य की कानून-व्यवस्था पूरी तरह से धवस्त हो गई है। महिलाओं, बच्चों, गरीबों और मजदूरों पर बढ़ते अत्याचार की बातें वे विधानमंडल में जरूर उठाएंगे। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार के सभी अच्छे काम रोके जा रहे हैं। जलयुक्त शिवार योजना को सरकार बंद जरूर करे, लेकिन जनता इस योजना को बंद नहीं होने देगी।

जो जांच कराना है, करा लें: फडणवीस
राज्य के पूर्व सीएम फडणवीस ने कहा कि हमारे कार्यकाल के जिस भी काम की जांच सरकार कराना चाहती है, करा ले। हम डरते नहीं हैं, क्योंकि हमारी सरकार ने ऐसा कोई काम ही नहीं किया है। यह सरकार जान-बूझकर पिछली बीजेपी सरकार के खिलाफ आम जनता के मन में भ्रम पैदा कर रही है। पूर्व वन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने बेहतरीन काम किया था। उन्होंने कहा कि सरकार वर्ष 1999 से 2019 तक की आर्थिक स्थिति की श्वेत पत्रिका जरूर निकाले। इससे जनता के सामने असली तस्वीर आएगी।

मुस्लिम मतों के लिए स्पर्धा
फडणवीस ने कहा कि इन दिनों देश में मुस्लिम मतों के लिए राजनीतिक दलों में स्पर्धा जारी है। अब शरद पवार को भी मालूम है कि राम मंदिर के लिए ट्रस्ट बनाने का आदेश देश की सर्वोच्च अदालत ने दिया है। पवार मुस्लिम ट्रस्ट की बात करते हैं। मुस्लिम समाज के सभी स्थल वक्फ बोर्ड के अंतर्गत आते हैं। फडणवीस ने कहा कि मुख्यमंत्री की सीएए और एनपीआर संबंधी भूमिका का हम स्वागत करते हैं। फडणवीस ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री एनपीआर पर कोई प्रस्ताव सदन में लाते हैं तो हम उसका समर्थन करेंगे।

बीजेपी ने मुख्यमंत्री का किया अभिनंदन
एल्गार परिषद की जांच एनआईए को देने और नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और एनपीआर का समर्थन करने पर विरोधी दल नेता फडणवीस ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का अभिनंदन किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने दोनों मामलों में मजबूती से अपना पक्ष रखा। भीमा-कोरेगांव और एल्गार परिषद अलग नहीं हैं। जांच का दायरा बढ़ गया है, इसलिए यह जांच केंद्र सरकार के पास जाना उचित है। फडणवीस ने सवाल किया कि वीर सावरकर को लेकर मौन क्यों हैं? शिदोरी पत्रिका पर कार्रवाई करनी ही होगी।
आरएसएस के सरकार्यवाह भैयाजी जोशी के बयान पर फडणवीस ने कहा कि यह बात उन्होंने कही है। इस पर मैं क्या कहूंगा।
बता दें कि इससे पहले जोशी ने फडणवीस की मौजूदगी में एक कार्यक्रम में कहा था कि फडणवीस के नाम के आगे पूर्व मुख्यमंत्री बहुत ही कम समय के लिए है।

चाय-पान का बहिष्कार बन गई है परंपरा
गौरतलब है कि विधानमंडल सत्र शुरू होने की पूर्व संध्या पर सरकार विपक्ष को चाय-पान के लिए आमंत्रित करती है। इसका मकसद है कि सत्र के दौरान विपक्ष और सरकार में बेहतर तालमेल बना रहे और विधानमंडल सत्र चलता रहे। लेकिन महाराष्ट्र में सरकार के चाय-पान के बहिष्कार की एक परंपरा शुरू हो गई है। खुद मुख्यमंत्री कार्यालय को भी जानकारी नहीं है कि पिछली बार विपक्ष ने कब सरकार का चाय-पान स्वीकार किया था। राज्य में जब से ठाकरे सरकार बनी है, तब से विरोधी दल बीजेपी चाय पान का बहिष्कार कर रही है। इससे पहले सन 2014-19 के बीच शिवसेना-बीजेपी की सरकार थी, तब विरोधी दल कांग्रेस-एनसीपी ने लगातार पांच साल बहिष्कार किया था। 2014 से पहले विपक्ष वहिष्कार करता रहा है।