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महाराष्ट्र विधानसभा बजट सत्र: फडणवीस ने कहा- सत्ता की लाचारी में उद्धव सह रहे सावरकर का अपमान

मुंबई: स्वतंत्रता संग्राम सेनानी विनायक दामोदर सावरकर के गौरव प्रस्ताव को लेकर बजट सत्र के तीसरे दिन बुधवार को विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ। भाजपा विधायक सुधीर मुनगंटीवार के प्रस्ताव को विधानसभा अध्यक्ष नाना पटोले ने नियमों का हवाला देते हुए इसे अस्वीकार कर दिया। इसके बाद भाजपा सदस्यों ने मांग की कि अगर उस प्रस्ताव में कुछ आपत्तिजन है तो सरकार अपनी ओर से दो लाइन का अभिनंदन प्रस्ताव लाए। लेकिन शिवसेना के मंत्री अनिल परब ने यह कहते हुए भाजपा पर पलटवार किया कि पहले आप सावरकर को भारत रत्न दीजिए इसके बाद हम मोदी के लिए भी अभिनंदन प्रस्ताव लाएंगे। मंत्री के जवाब से असंतुष्ट भाजपा सदस्य वेल में उतरकर नारेबाजी करते हुए बैनर पोस्टर लहराने लगे। लगातार हंगामें के बीच पांच विधेयक विधानसभा में मंजूर किए गए और सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई। इससे पहले मुनगंटीवार ने कहा कि सावरकर के त्याग और बलिदान के लिए उनका अभिनंदन किया जाना चाहिए। इस सदन से सभी सदस्यों के मन में सावरकर के प्रति सम्मान है और यह भावना जनता तक पहुंचनी चाहिए।

राकांपा-शिवसेना ने की भारतरत्न देने की मांग, कांग्रेस चुप
उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि सावरकर की पुण्यतिथि हर साल आती है पिछले पांच सालों में फडणवीस सरकार कभी अभिनंदन प्रस्ताव नहीं लाई ऐसे में आज इसके पीछे क्या राजनीतिक स्वार्थ है यह पता नहीं! उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने 20 अगस्त 2018 और 12 जनवरी 2019 को दो बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खत लिखकर सावरकर को भारत रत्न देने की मांग की थी लेकिन अब तक भारतरत्न नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि सावरकर की देशभक्ति और देश के लिए किए गए योगदान पर किसी को कोई शंका नहीं है राष्ट्र उसे भूल नहीं सकता। लेकिन गाय समेत कई मुद्दों पर उनका अलग दृष्टिकोण है। शिवसेना और राकांपा ने तो सावरकर को भारतरत्न देने की मांग की लेकिन कांग्रेसी सदस्यों ने इस पर चुप्पी साधे रखी।

हिंदुत्व की परीक्षा में फेल हुई शिवसेना-फडणवीस
देवेंद्र फडणवीस ने शिवसेना पर हमला करते हुए कहा कि मैं पिछले 25-30 सालों से शिवसेना को देख रहा हूं लेकिन इतनी लाचार शिवसेना कभी नहीं देखी। उद्धव सत्ता की लाचारी में सावरकर का अपमान सह रहे हैं। हिंदुत्व की परीक्षा में शिवसेना फेल हो गई है। फडणवीस ने कहा कि शिवसेना के संस्थापक स्वर्गीय बालासाहेब ठाकरे ने सावरकर का अपमान करने लिए कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर की तस्वीर वाले बैनर को जूते मारे थे। अगस्त 2004 में शिवसेना ने अय्यर और कांग्रेस की निंदा करने के लिए जोडा मारो (जूता मारो) आंदोलन शुरू किया था। शिवसेना ने वह आंदोलन अंडमान की सेलुलर जेल में सावरकर के उद्धरण युक्त पट्टिका हटाने के चलते उठे विवाद के बाद शुरू किया था। बालासाहेब ठाकरे ने खुद तत्कालीन केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री अय्यर का पुतला फूंककर आंदोलन की शुरूआत की थी। लेकिन उनके पुत्र उद्धव अब उन लोगों के बगल में बैठे हैं जिनके मुखपत्र में सावरकर को बलात्कारी कहा गया है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग सावरकर के बारे में आपत्तिजनक बयान दे रहे हैं इसलिए आज इस अभिनंदन प्रस्ताव की जरूरत है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने ज्योतिबा फुले, सावित्री बाई फुले और वीर सावरकर को भारतरत्न देने की मांग करते हुए केंद्र सरकार को पत्र लिखा था। उन्हें अब भी उम्मीद है कि यह मांग पूरी होगी।

कांग्रेस की पत्रिका पर पाबंदी की मांग
विधानसभा में कांग्रेस की पत्रिका ‘शिदोरी’ की प्रतियां लहराते हुए फडणवीस ने कहा कि इसमें वीर सावरकर को बलात्कारी बताया है। नाराज फडणवीस ने शिदोरी की प्रति फाड़ते हुए प्रदेश कांग्रेस के मुखपत्र पर पाबंदी लगाने की मांग की। फडणवीस ने सवाल किया कि सावरकर का सम्मान करने में शिवसेना को शर्म क्यों आ रही है। विधानभवन परिसर में मीडिया से बातचीत के दौरान फडणवीस ने कहा कि भाजपा सदस्यों ने विधानसभा के भीतर समानांतर सत्र चलाते हुए वीर सावरकर का अभिनंदन और शिदोरी पर पाबंदी लगाने का प्रस्ताव पास किया।

नारेबाजी के बीच स्थगित हुई विधानसभा
भाजपा सदस्य बुधवार को भगवा टोपी पहनकर विधानमंडल पहुंचे थे जिस पर मी पण सावरकर (मैं भी सावरकर) लिखा हुआ था। अभिनंदन प्रस्ताव की मांग स्वीकार न होने से नाराज भाजपा सदस्य विधानसभा की वेल में उतर आए और नारेबाजी करने लगे। भाजपा सदस्यों के हाथ में बैनर, पोस्टर और सावरकर की तस्वीरें भी थीं। हंगामे के बीच ही महिला अत्याचार के मुद्दे पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर बहस हुई। इसके बाद विधेयक मंजूर कराए जाने लगे तो फडणवीस ने आपत्तिजताते हुए कहा कि सरकार को इतनी जल्दबाजी किस बात की है। हंगामें के बीच सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित हो गई। दूसरी ओर विधान परिषद में भी भाजपा सदस्यों ने यह मुद्दा उठाने की कोशिश की लेकिन इसी बीच विधानपरिषद की सभापति नीलम गोर्हे ने सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी।