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माधुरी कानितकर बनीं तीसरी महिला लेफ्टिनेंट जनरल

नयी दिल्ली: लेफ्टिनेंट जनरल माधुरी कानितकर ने शनिवार को लेफ्टिनेंट जनरल पद संभाल लिया। माधुरी इस पद तक पहुंचने वाली तीसरी महिला हैं। लेफ्टिनेंट जनरल कानितकर ने नयी दिल्ली में डिप्टी चीफ, इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ (डीसीआईडीएस), मेडिकल (चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के तहत) का कार्यभार संभाला। शुक्रवार को विभाग ने माधुरी के प्रमोशन को मंजूरी दी थी।
माधुरी कानितकर के पति राजीव भी लेफ्टिनेंट जनरल के पद पर भारतीय सेना में सेवा दे रहे हैं। इस तरह माधुरी और राजीव देश के पहले ऐसे पति-पत्नी हैं जो लेफ्टिनेंट जनरल हैं। माधरी पिछले 37 साल से भारतीय मिलिट्री में सेवा दे रही हैं। कानितकर को पिछले साल लेफ्टिनेंट जनरल के पद के लिए चुना गया था, लेकिन पद खाली नहीं होने के चलते उन्होंने शनिवार को यह पद ग्रहण किया।
नौसेना में पहली बार वाइस एडमिरल डॉ पुनीता अरोड़ा को यह उपलब्धि हासिल हुई थी। वायुसेना की महिला एयर मार्शल पद्मावती बंदोपाध्याय इस पद पर पहुंचने वाली दूसरी महिला हैं। अब माधुरी कानितकर ने यह उपलब्धि हासिल की है।
महिलाओं की कमांड पोस्टिंग पर SC ने क्या कहा?
गौरतलब हो कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने सेना में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने के हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि सेना में सभी महिला अफसरों को स्थायी कमीशन मिलेगा। सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला सेना के 10 विभागों के लिए है यानी कॉम्बेट (सीधे युद्ध) वाली विंग के लिए नहीं है।
शीर्ष अदालत ने फैसले में कहा, काबिलियत के हिसाब से महिला सैनिकों को कमांड पद भी मिले, महिलाएं भी पुरुषों की तरह सेना में कमांड पोस्ट संभाल सकती हैं। स्थायी कमीशन पाने वाली महिलाओं को सिर्फ प्रशासनिक पद देने की नीति गलत है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सामाजिक और मानसिक वजह बताकर महिला अधिकारियों को इस हक से वंचित रखना न केवल भेदभावपूर्ण है बल्कि यह परेशान करने वाला और अस्वीकार्य भी है।