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कोरोनावायरस संक्रमण का शक होने पर खुद ना करें हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवाई का प्रयोग: स्वास्थ्य मंत्रालय

नयी दिल्ली: भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 606 हो गई है। स्वास्थ्य विभाग की वेबसाइट के मुताबिक 563 संक्रमित लोग ऐसे हैं जो भारत में ही रह रहे हैं, जबकि 43 केस विदेशों से आए भारतीय हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से मंगलवार को किए गए लॉकडाउन की घोषणा पर स्वास्थ्य मंत्रालय और गृहमंत्रालय ने बुधवार को साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस की।
इसमें स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने देशवसियों को ताकीद किया कि वे कोरोना वायरस के संक्रमण की आशंका होने पर खुद से हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवाई ना लें। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवाई केवल उन हेल्थ वर्कर को दी जाएगी जो कोरोना के संदिग्ध मरीजों को डील कर रहे हैं। या उन लोगों के परिजन को दी जाएगी, जिनके किसी अपने में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है। इस आदेश का पूर्ण तरीके से पालन हो। उन्होंने कहा कि इस दवाई के कुछ साइड इफेक्ट हैं, जिन्हें डॉक्टर ही समझ सकते हैं। उन्होंने देशवासियों से अनुरोध किया कि वे अपने मन से मेडिकल स्टोर से हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवाई ना खरीदें और ना प्रयोग करें। साथ ही मेडिकल स्टोर्स से कहा कि वे बिना डॉक्टर के पर्चा के यह दवाई किसी को ना दें।

पीपीई मास्क के आयात में आ रही दिक्कत
उन्होंने बताया कि फिलहाल भारत सरकार विदेशों से पीपीई मास्क आयत कर सप्लाई पूरी कर रही है। फिलहाल आयात होने में दिक्कतें हो रही हैं। अब देश में भी डिमांड के हिसाब से तैयार किए जा रहे हैं।
इससे पहले लव अग्रवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को देश को संबोधित करते हुए पूरे देश में 21 दिनों के लिए लॉकडाउन घोषित किया था। कोरोना वायरस के संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए यह फैसला लिया है। इसके लिए सामाजिक दूरी बनाने के नियम का सख्ती से पालन करना होगा। इसके साथ ही पीएम मोदी ने कोरोना से जंग में देशवासियों का सहयोग मांगा था।
पीएम मोदी की अपील के बाद नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत सभी मंत्रालयों और राज्य सरकारों को आदेश जारी किए गए हैं। उन आदेशों के अनुसार किस-किस एरिया में क्या-क्या करना चाहिए, उसके हिसाब से गृहसचिव की अध्यक्षता में बनी राष्ट्रीय कार्यकारी समिति की ओर से भी आदेश जारी किए गए हैं। सारे आदेशों का सही से पालन हो इसकी गृह मंत्रालय निगरानी कर रही है। इसके तहत केंद्र सरकार और राज्य सरकार के जितने भी दफ्तर हैं उन्हें बंद करने का आदेश दिया गया है। डिफेंस, सेंट्रल आर्म्स पैरामिलिट्री फोर्सज, ट्रेजरी, पावर जेनरेशन, डिजास्टर मैनेजमेंट, पोस्ट ऑफिस के दफ्तर खुले रहेंगे, लेकिन इसमें कम से कम स्टॉफ होंगे।
राज्य सरकारें पुलिस, इमरजेंसी सर्विस, सिविल डिफेंस, डिजास्टर मैनजमेंट, बिजली विभाग, जिला कार्यालय, ट्रेजरी, जल विभाग और सफाई विभाग के दफ्तर खुला रख सकते हैं। साथ ही हॉस्पिटल, दवाई और सेनेटाइज बनाने वाली फैक्ट्रियां और इन्हें बेचने वाली दुकानें खुली रहेंगी।
राज्य सरकारों से कहा गया है कि वे ई-कॉमर्स सर्विस को और भी ज्यादा प्रमोट किया जाए, ताकि लोगों को किसी भी प्रकार की दिक्क्त ना हो। जो लोग इन आदेशों का पालन नहीं करेंगे उनके खिलाफ डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के सेक्शन 51 के तहत कार्रवाई होगी। इसके अलावा सीआरपीसी 188C के तहत भी कार्रवाई होगी।