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कोरोना: शिवसेना पर फडणवीस का निशाना- इनकी लड़ाई कोरोना से या मोदी से हैं?

मुंबई: कोरोना वायरस की लड़ाई में सहयोग करने के लिए बीजेपी के जनप्रतिनिधि अपना एक महीने का वेतन बीजेपी के आपदा कोष में जमा करवा रहे हैं। इस पर शिवसेना नेता संजय राउत ने सवाल उठाए थे। राउत ने कहा कि बीजेपी के नेताओं को यह पैसा सीधे मुख्यमंत्री द्वारा कोरोना के खिलाफ बनाए गए विशेष खाते में जमा करने चाहिए।
शिवसेना नेता राउत के इन सवालों पर विधानसभा में विरोधी पक्ष नेता व राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सवाल किया कि इनकी (सत्ता पक्ष) लड़ाई कोरोना वायरस से है, या फिर प्राधानमंत्री नरेंद्र मोदी से? फडणवीस ने याद दिलाया कि बाढ़ पीढ़ियों की मदद के समय शिवसेना ने भी ऐसा ही किया था। उसे बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।
दूसरी ओर, भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से महाराष्ट्र भाजपा के नेताओं से संवाद कर पार्टी की ओर से चलाए जा रहे सेवा कार्य की समीक्षा की। गौरतलब है कि शिवसेना के सांसद संजय राऊत ने भाजपा जनप्रतिनिधियों के एक महीने का वेतन भाजपा आपदा कोष में जमा करने पर सवाल उठाए थे।
कोरोना वायरस से लड़ी जा रही लड़ाई में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि तिजोरी पर भार पड़े तो पड़े लेकिन सरकार को साहसिक निर्णय लेने से पीछे नहीं हटना चाहिए।

जुड़वा बहनों ने पिगी बैंक से दिए 7 हजार रुपये
कोरोना वायरस के इस जंग में दो छोटी बच्चियों ने शानदार उदाहरण पेश किया है। पालघर की रहने वाली पांच साल की दो जुड़वा बहनों ने अपने गुल्लक में सेव करके रखे गए पैसों को मुख्यमंत्री रिलीफ फंड में दान कर दिया। दोनों बच्चियों का नाम कशिश और मिष्टी है। उनके पिता कमलेश ग्राम विकास अधिकारी हैं। दोनों बच्चियों ने अपने पिगी बैंक में सेव किए गए रुपयों में से पालघर जिला प्रशासन को 7 हजार 775 रुपये देने का फैसला किया। कमलेश ने बताया कि अपने घरों को लौट रहे मजदूरों को उनके ग्राम पंचायत की तरफ से खाना और पानी दिया जा रहा था। उनकी बेटियां यह जानना चाह रही थीं कि पंचायत की तरफ से ऐसा क्यों किया जा रहा है। वायरस के बारे में बताने पर बच्चियों ने अपनी पॉकेट मनी से पैसे दे दिए।

गौरतलब है कि महाराष्ट्र मुख्यमंत्री राहत कोष को राज्य में कोरोना वायरस से लड़ाई में मदद के लिए अब तक कुल 93.05 करोड़ रुपये मिल चुके हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय के एक अधिकारी ने इस बात की जानकारी दी। मंगलवार को ही इस फंड में 80 करोड़ रुपये आए। अधिकारी ने कहा कि सबसे बड़ा दान शिरडी के साईं बाबा ट्रस्ट द्वारा किया गया है, जिसने 51 करोड़ रुपये दिये हैं। इसके बाद महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम (एमआईडीसी) के अधिकारियों का नंबर आता है, जिन्होंने अपना एक-एक दिन का वेतन दान करते हुए कुल 11 करोड़ रुपये दिये।