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महाराष्ट्र: यस बैंक और DHFL धोखाधड़ी के आरोपी वधावन परिवार के लॉकडाउन तोड़ने पर गृहमंत्री ने की गुप्ता पर कार्रवाई

मुंबई: महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि महाराष्ट्र के प्रधान सचिव अमिताभ गुप्ता को तत्‍काल प्रभाव से अनिवार्य अवकाश पर भेज दिया गया है, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
गौरतलब है कि अमिताभ गुप्ता ने ही वधावन परिवार को महाबलेश्वर जाने का अनुमति पत्र दिया था। इस मामले को लेकर देवेंद्र फडणवीस ने ट्वीट कर गृहमंत्री अनिल देशमुख से जवाब मांगा था कि वधावन परिवार के 22 लोगों को लॉकडाउन के दौरान महाबलेश्वर जाने की अनुमति कैसे मिल गयी?
कोरोना वायरस के लगातार बढ रहे मामलों को रोकने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन लागू किया गया है। देश में सबसे ज्‍यादा कोरोना सकंमण के मामले महाराष्ट्र में सामने आ रहे हैं। राज्‍य में अब तक 1364 लोग इस बीमारी से संक्रमित पाये गये हैं।
गौरतलब है कि पुलिस ने वधावन परिवार के सदस्‍यों को लॉकडाउन का उल्‍लंघन करने के आरोप में गुरुवार को महाराष्ट्र के सतारा जिले के महाबलेश्‍वर में हिरासत में ले लिया था।
मिली जानकारी के अनुसार इस परिवार के 22 लोग वहां एक फार्महाउस में थे जबकि कोरोना वायरस के चलते पुणे और सतारा जिलों को सील कर दिया गया है। इसके बावजूद वधावन परिवार के लोग पांच कारों में सवार होकर खंडाला से महाबलेश्‍वर गये।

बता दें कि कपिल व धीरज वधावन यस बैंक और डीएचएफएल धोखाधड़ी मामले में आरोपी हैं। हैरत वाली बात ये है कि महाराष्ट्र सरकार के प्रधान सचिव अमिताभ गुप्ता की सिफारिश पर ही वधावन परिवार की पांच कारों को खंडाला से महाबलेश्‍वर की यात्रा करने की मंजूरी मिली थी। इस मामले में एक पत्र भी मिला है जिसमें अमिताभ गुप्ता ने वधावन को अपना “फैमिली फ्रेंड” बताया है।

उद्धव सरकार पर बीजेपी हमलावर
अमिताभ गुप्ता के पत्र ने इस माहौल में विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को उद्धव सरकार पर हमला बोलने का सुनहरा मौक़ा दे दिया है।
पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फड़नवीस ने उद्धव सरकार से सीधा सवाल किया है कि जब लॉकडाउन के दौरान पूरा देश घरों में बंद है, तो अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक स्तर का एक अधिकारी कैसे किसी को इस तरह की अनुमति प्रदान कर सकता है? ये अनुमति सरकार में किसकी शह पर दी गई? जबकि कई केंद्रीय जांच एजेंसियां पहले से कई मामलों में वाधवान बंधुओं की जांच कर रही हैं। फड़नवीस ने मांग की है कि इस मामले की किसी केंद्रीय या निष्पक्ष जांच एजेंसी से जांच करवाई जानी चाहिए।इस मामले में आईपीएस अधिकारी अमिताभ गुप्ता को राज्य सरकार द्वारा अवकाश पर भले ही भेज दिया गया है, लेकिन इतनी कार्रवाई से उद्धव सरकार की मुसीबत नहीं टलने वाली हैं।