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महाराष्ट्र: पालघर मॉब लिंचिंग- साधुओं की हत्या से निशाने पर ठाकरे सरकार?

शर्मनाक कृत्य के अपराधियों को कठोर दण्ड दिया जाएगा : मुख्यमंत्री

मुंबई, (राजेश जायसवाल): महाराष्ट्र के पालघर में अफवाहों के चलते उग्र भीड़ ने तीन लोगों को चोर समझकर लाठी-डंडों से पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया! वीडियो में यह साफ दिखाई दे रहा है कि बार-बार वृद्ध साधु पुलिसवाले का हाथ पकड़ते अपने आप को बचाने की कोशिश कर रहा है और खाकी वर्दी वाला हाथ झटककर उन्हें उग्र भीड़ को सौंप देता है!
मिली जानकारी के अनुसार, पालघर में गत 16 अप्रैल को चोरी के संदेह में सैकड़ों ग्रामीणों द्वारा 3 लोगों की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। भीड़ को पीड़ितों पर चोर होने का शक था? इस मामले में 19 अप्रैल, रविवार को ग्रामीणों और 110 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इनमें से 101 लोगों को 30 अप्रैल तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है और 9 नाबालिगों को एक किशोर आश्रय गृह में भेज दिया गया है।
बता दें कि जूना अखाड़े के दो साधुओं की निर्मम हत्या पर उद्धव सरकार अब ऐक्शन में आई है। पुलिस ने साधुओं की हत्या के सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इस बात की जानकारी आज महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने खुद दी। इस घटना को लेकर सोशल मीडिया पर भी लोगों में खासा आक्रोश देखने को मिल रहा है।
महाराष्ट्र मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से किए गए ट्वीट में भी कहा गया, पालघर की घटना पर कार्रवाई की गई है। जिन्होंने 2 साधुओं, एक ड्राइवर और पुलिसकर्मियों पर हमला किया था, पुलिस ने घटना के दिन ही उन सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इस अपराध और शर्मनाक कृत्य के अपराधियों को कठोर दण्ड दिया जाएगा।

राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने रविवार को इस घटना को कोई सांप्रदायिक रंग नहीं देने की चेतावनी भी दी है। उधर महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी हत्या के आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। फडणवीस ने ट्वीट करते हुए कहा- पालघर में मॉब लिंचिंग घटना का वीडियो हैरान करने वाला और अमानवीय है। ऐसी विपदा के समय इस तरह की घटना और भी ज्यादा परेशान करने वाली है। उन्होंने आगे लिखा कि मैं राज्य सरकार से गुजारिश करता हूं कि वह इस मामले की हाई लेवल जांच करवाएं और जो दोषी हैं उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो।

क्या है पूरा मामला?
पालघर के जिलाधिकारी कैलाश शिंदे के मुताबिक, मुंबई के कांदीवली स्थित एक आश्रम में रहने वाले सुशील गिरि अपने दो साथियों के साथ एक किराए के वाहन से किसी के अंतिम संस्कार में भाग लेने सूरत जा रहे थे। गाड़ी महाराष्ट्र के अंदरूनी हिस्से से होकर गुजर रही थी। उनके वाहन को वन विभाग के एक संतरी ने महाराष्ट्र एवं केंद्र शासित प्रदेश दादरा एवं नगर हवेली की सीमा पर स्थित गढ़चिचले गांव के पास रोका। क्षेत्र में पिछले कुछ दिनों से रात में फसल काटने एवं बच्चा चुराने वाला गिरोह सक्रिय होने की अफवाह फैली हुई थी।
इससे बचने के लिए स्थानीय ग्रामीणों ने एक निगरानी दल का गठन कर लिया था। पिछले सप्ताह यह दल एक मेडिकल अफसर एवं एक पुलिस टीम की भी पिटाई कर चुका था। गुरुवार की रात करीब 10 बजे सूरत जा रहे सुशील गिरि वन विभाग के संतरी से बात कर ही रहे थे, तभी गांव का निगरानी दल आ गया। इस दल ने कुछ देर बाद ही गाड़ी में मौजूद लोगों की पिटाई करनी शुरू कर दी।
वन विभाग के संतरी ने तुरंत इस घटना की सूचना 35 किलोमीटर दूर स्थित कासा पुलिस थाने को दी। पुलिस के पहुंचने तक ग्रामीण गाड़ी में मौजूद तीनों लोगों की बुरी तरह पिटाई कर चुके थे। गाड़ी भी पलट कर तोड़ डाली थी। इस घटना के समय कुछ लोग इसका वीडियो भी बना रहे थे। पुलिस टीम ने वहां पहुंचकर पिट रहे तीनों लोगों को अपने वाहन में बैठाया। लेकिन करीब 300 से अधिक ग्रामीणों ने उन तीन यात्रियों सहित पुलिस टीम पर भी हमला बोल दिया और पुलिस की गाड़ी में ही सुशील गिरि और उनके दो साथियों की जान ले ली। हमले में कई पुलिसकर्मी के भी घायल होने की जानकारी सामने आयी है।

हैरत की बात यह है कि यह पूरी घटना वहां मौजूद कुछ पुलिसकर्मियों के सामने हुई। आरोपियों ने साधुओं के साथ एक ड्राइवर और पुलिसकर्मियों पर भी हमला किया। ऐसे में पुलिस ने अपने हथियार डाल दिए! हमले के बाद साधुओं को अस्पताल ले जाया गया जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।

गौरतलब है कि राज्य की उद्धव सरकार इस घटना की उच्च स्तरीय जांच की आदेश दे चुकी है। इस बात की जानकारी खुद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री व उनके कार्यालय ने दी।
वहीं इस मामले को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से बात की। गृह मंत्रालय ने महाराष्ट्र सरकार से घटना की रिपोर्ट भी मांगी है।

साधुओं की हत्या से पूरे देश में उबाल
साधुओं समेत 3 लोगों की हत्या को लेकर अब पूरे देश में उबाल दिखने लगा है। उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने महाराष्ट्र सीएम उद्धव ठाकरे से फोन पर बात की और कसूरवारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया- पालघर, महाराष्ट्र में हुई जूना अखाड़ा के संतों स्वामी कल्पवृक्ष गिरि, स्वामी सुशील गिरि और उनके ड्राइवर नीलेश तेलगड़े की हत्या के संबंध में कल शाम महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से बात की और घटना के जिम्मेदार तत्वों के खिलाफ कठोर कार्रवाई के लिए आग्रह किया।

स्वामी विश्वेश्वरानंद गिरि ने पूछा-यह घटना क्यों हुई?
स्वामी विश्वेश्वरानंद गिरि ने राज्यपाल को लिखे पत्र में कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री को सीधा जवाब देना चाहिए कि यह घटना क्यों हुई? यदि अन्य किसी धर्म विशेष या व्यक्ति के साथ यह घटना होती, क्या तो भी मानवाधिकारवादी एवं मीडिया के लोग चुप बैठते?
साधुओं की निर्मम हत्या का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही लोगों में उद्धव सरकार के प्रति बेहद गुस्सा दिखाई दे रहा है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर भी इसको लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। सोशल मीडिया पर महाराष्ट्र की कानून व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े किए जा रहे हैं।

साधु-संतों ने जताया ऐतराज, रासुका लगाने की मांग
साधुओं की हत्या के बाद संत समाज काफी आक्रोश में हैं। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने घटना को लेकर सरकार को चेतावनी दी थी कि अगर हत्यारों पर कार्रवाई नहीं हुई तो महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ आंदोलन होगा। वहीं, दूसरी तरफ बीजेपी सांसद साक्षी महाराज ने भी ट्वीट करके आरोपियों पर रासुका लगाने की मांग की है। ऐसा न होने पर उन्होंने भी महाराष्ट्र सरकार को साधुओं के क्रोध का सामना करने की चेतावनी दी।

उद्धव ठाकरे के बचाव में सामने आए आदित्य
पालघर मॉब लिंचिंग मामले में घिरे मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बचाव में उनके बेटे आदित्य ठाकरे सामने आए हैं। मंत्री आदित्य ठाकरे ने महाराष्ट्र सीएम के बयान को री-ट्वीट करते हुए लिखा- सीएम ने पालघर अपराध में अपना बयान दे दिया है। मैं खासकर सभी राजनीतिक दलों को यह ध्यान दिलाना चाहता हूं कि साधुओं पर हमला करने वालों को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। महाराष्ट्र सरकार इस तरह के अपराधों को माफ नहीं करेगी।