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UP के भदोही के थे मॉब लिंचिंग के शिकार कल्पवृक्ष गिरी महाराज, 10 वर्ष की आयु में हुए थे संत

मुंबई: महाराष्ट्र के पालघर जिले में 16 अप्रैल की रात उग्र भीड़ ने जिस दो संतों की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी उनमें से एक संत कल्पवृक्ष गिरी महाराज यूपी के भदोही जिले के रहने वाले थे। जूना अखाड़े से जुड़े संत कल्पवृक्ष की हत्या से भदोही में शोक की लहर दौड़ गई है।
पालघर में मॉब लिंचिंग के शिकार संतों की मौत पर देशभर में लोगों में गुस्सा है। मॉब लिंचिंग के शिकार हुए संत कल्पवृक्ष गिरी के भदोही स्थित गांव में शोक की लहर छा गई है।
यहां बता दें कि जूना अखाड़े के जिन दो संतों को पालघर में पुलिस की मौजूदगी में मौत के घाट उतार दिया गया था। उनमें से एक संत कल्पवृक्ष गिरी भदोही जिले के वेदपुर गांव के निवासी थे। गांव में संतों के हत्यारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की मांग लोगों में उठने लगी है।

कृष्णचंद्र बन गए संत कल्पवृक्ष महाराज
मृतक संत के छोटे भाई राकेशचंद्र तिवारी ने बताया कि संत कल्पवृक्ष महाराज के बचपन का नाम कृष्णचंद्र तिवारी था। वेदपुर के चिंतामणि तिवारी के छह बेटे हैं। छह भाइयों में वह चौथे नंबर पर थे। संन्यास और सनातन धर्म के प्रति उनकी बचपन से ही आस्था थी। राकेशचंद्र ने बताया कि 10 साल की अवस्था में भासौला गांव में स्थित प्राइमरी स्कूल पढ़ने गए थे वहीं से वह लापता हो गए। परिजनों ने काफी खोजबीन की थी लेकिन उनका कहीं अता-पता नहीं चला। करीब 30 वर्ष बाद पता चला कि मुंबई के जोगेश्वरी में जूना अखाड़े के महंत हो गए हैं और संत कल्पवृक्ष महाराज के रूप में प्रसिद्ध हो गए हैं। इस बात की जानकारी होते ही उनके परिजन उन्हें लेने गए परन्तु वह घर आने को राजी नहीं हुए थे।

NHRC ने पालघर केस को लेकर महाराष्ट्र पुलिस को भेजा नोटिस
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने महाराष्ट्र के पालघर में तीन व्यक्तियों की कुछ लोगों द्वारा पीट-पीटकर की गई कथित हत्या (लिचिंग) की घटना के सिलसिले मंगलवार को राज्य के पुलिस प्रमुख को नोटिस भेजा।
आयोग ने एक बयान में कहा कि उसने राज्य सरकार से चार सप्ताह में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है और अपराधियों के खिलाफ की गई कार्रवाई एवं मारे गए व्यक्तियों के रिश्तेदारों को यदि कोई राहत पहुंचाई गई हो तो उसका ब्योरा बताने कहा है।
एनएचआरसी ने कहा कि इस घटना के संबंध में उसे शिकायत मिली थी जिसके आधार पर महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक को 16 अप्रैल को पालघर में पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में तीन व्यक्तियों की भीड़ द्वारा पीट-पीटकर की गई कथित हत्या को लेकर नोटिस जारी किया गया है। आयोग ने कहा कि यह घटना जनसेवकों की लापरवाही को दर्शाती है। आयोग ने कहा कि अनियंत्रित भीड़ द्वारा वह भी तब, जब देशव्यापी लॉकडाउन के चलते प्रशासन एवं पुलिस की अतिरिक्त व्यवस्था और चौकसी है, उस दौरान ऐसे वहशियाना तरीके से पीट-पीटकर तीन व्यक्तियों की हत्या कर देना इन व्यक्तियों के मानवाधिकार का घोर उल्लंघन है।