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पालघर मॉब लिंचिंग: VHP के संतों ने राज्यपाल से की मुलाकात, दोषियों को सख्त सजा देने की मांग

मुंबई: पालघर में हुई दो साधु और एक ड्राइवर की मॉब लिंचिंग के विरोध में विश्व हिंदू परिषद के संतों ने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात करके दोषियों को सख्त सजा देने की मांग की।
राजभवन में हुई इस मुलाकात में विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल के तीन सदस्यों महामंडलेश्वर स्वामी विश्वेश्वरानंद महाराज, स्वामी शंकारानंद महाराज एवं स्वामी सुखदेवानंद महाराज ने भीड़ द्वारा बेगुनाह संतों की अमानवीय हत्या के विरोध में विश्व हिंदू परिषद के आगामी एक्शन प्लान से भी राज्यपाल को अवगत कराया।
बता दें कि 16 अप्रैल को पालघर में दो साधुओं और उनके ड्राइवर की भीड़ द्वारा निर्मम हत्या की गई थी। पुलिस ने एफआईआर में 5 आरोपियों की पहचान की गई है। इनमें जयराम भावर, महेश ​सीताराम रावते, गणेश देवजी राव, रामदास रूपजी असारे और सुनील सोमजी रावते, शामिल हैं। इन पर धारा 302 हत्या, 120(बी), 427, 147, 148, 149 और 188 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

वहीं महाराष्ट्र के मंत्री व एनसीपी प्रवक्ता नवाब मलिक का कहना है कि संतों को बोलने का अधिकार है। किसी के बोलने के अधिकार को कौन छीन सकता है। पुलिस ने कार्रवाई की है। मामले की जांच भी बैठाई है जो भी होगा वह सामने आएगा। 
उधर महाराष्ट्र के कांग्रेस महासचिव राजेश शर्मा ने भी माना है कि ये बेल्ट कम्युनिस्टों का गढ़ है इसमें शंका नहीं है। लेकिन यह कहना मुश्किल है कि किसका हाथ है। जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगी। फिलहाल, मामले की जांच सीआईडी को सौंपी गई है।

गढ़चिंचले गांव की सरपंच ने मांगी पुलिस सुरक्षा
बीते 16 अप्रैल को पालघर जिले के जिस गढ़चिंचले गांव में जूना अखाड़े के दोनों साधु महंत कल्पवृक्ष महाराज (70), सुशील महाराज (35) और ड्राइवर निलेश तेलगड़े (30) की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। उस गांव की सरपंच चित्रा चौधरी को जान से मारने की धमकी मिल रही है।
चित्रा ने पुलिस से सुरक्षा की गुहार लगाई है। चित्रा का कहना है कि जिस दिन साधुओं पर हमला हुआ वह उन्हें बचाने का प्रयास कर रही ही थीं, लेकिन आसपास के गांव से जुटी भीड़ ने उन्हें ही मारने का प्रयास किया।
वह जान बचाकर घर आई। लेकिन भीड़ ने उनके घर पर भी पत्थरबाजी की। अब उन्हें और परिवार को जान से मारने की धमकी मिल रही है। इसलिए पुलिस सुरक्षा की मांग की है।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक इलाके में बनी नाजुक स्थिति को देखते हुए यहां सीआरपीएफ जवानों की तैनाती कर दी गई है।
इलाके में कॉम्बिंग ऑपरेशन जारी है। गांव आने-जाने वाले मार्गों को सील कर दिया गया है। सीआईडी (CID) की टीम मामले में अब तक तकरीबन 50 लोंगों से पूछताछ कर चुकी है। बताया जा रहा है कि घटना के बाद से गांव के अधिकांश लोग गांव छोड़कर चले गए हैं।