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..अब चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों को विज्ञापन के जरिए देनी होगी आपराधिक मामलों का ब्योरा..

मुंबई, ..तो अब दागी उम्मीदवारों को आगामी लोकसभा चुनाव लड़ते समय अपने आपराधिक रेकॉर्ड अखबारों और टीवी चैनलों के माध्यम से मतदाताओं को बताने होंगे। उन्हें सभी लंबित आपराधिक मामलों का ब्योरा बड़े अक्षरों में अखबारों छपवाना होगा। टीवी चैनलों में भी ऐसे मामलों की जानकारी विस्तार से देनी होगी। यहीं नहीं, ऐसे नेताओं को टिकट देने वाले राजनीतिक दलों को भी इस बारे में अपनी वेबसाइट पर भी विस्तार से बताना होगा।
दरअसल यह कवायद देश की राजनीति से आपराधिक पृष्ठभूमि के नेताओं को दूर रखने के लिए है। इसके लिए सर्वोच्च न्यायालय ने दिशानिर्देश जारी किए थे। अब चुनाव आयोग उनका सख्ती से पालन करने जा रहा है। इसलिए केंद्रीय चुनाव आयोग ने सभी राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को पत्र भेजकर इस बारे में नए दिशानिर्देश दिए हैं। उप मुख्य चुनाव अधिकारी अनिल वलवी ने कहा कि राज्य के सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को चुनाव आयोग का नोटिस भेजा जा रहा है।
अभी तक आपराधिक रेकॉर्ड वाले उम्मीदवार चुनाव आयोग को शपथपत्र देकर काम चला लेते थे। इससे आम जनता को उन पर चल रहे मुकदमों की जानकारी नहीं मिलती थी। अब आयोग ने साफ कहा है कि केवल शपथपत्र से काम नहीं चलने वाला है, उन्हें केसों के बारे में आम जनता को सार्वजनिक तौर से बताना होगा। उम्मीदवारों को जिला निर्वाचन अधिकारी के पास अपने चुनाव खर्च के साथ उन समाचार पत्रों की प्रतियां जमा करनी होंगी, जिनमें ये विज्ञापन प्रकाशित हुए थे।
जानें कैसे होगा बताना :
ऐसे नेताओं को अपने आपराधिक रेकॉर्ड और सजा आदि का विवरण अपने इलाके के सर्वाधिक प्रसार संख्या वाले अखबारों में तीन अलग-अलग तारीखों में विज्ञापन के रूप में छपवाना होगा।
यह सूचना बड़े अक्षरों में (12 पॉइंट) में छपवानी होगी।
ये विज्ञापन नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख से मतदान से दो दिन पहले तक छपवाने होंगे।
टीवी चैनलों पर तीन अलग-अलग दिन खुद पर लगे आरोप बताने होंगे।
फैक्ट्स:
2014 के लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीटों पर 833 उम्मीदवार थे।
285 उम्मीदवारों पर तरह-तरह के आपराधिक मामले दर्ज थे।
20 फीसदी के खिलाफ थे आपराधिक मामले।
12 फीसदी के खिलाफ थे गंभीर आपराधिक मामले थे।