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महाराष्ट्रः नासिक रोड स्टेशन से 839 प्रवासी मजदूरों को लेकर यूपी में लखनऊ के लिए रवाना हुई ‘श्रमिक स्पेशल’

मुंबई: खतरनाक कोरोना वायरस का कहर दुनिया के साथ-साथ भारत में भी तेजी से बढ़ता जा रहा है। सरकार ने शुक्रवार को तीसरे लॉकडाउन की घोषणा की। इसके साथ ही देशभर में फंसे करोड़ों मजदूर, विद्यार्थी और प्रवासियों को अपने-अपने राज्यों में भेजने के लिए काम शुरू हो गया है। ‘श्रमिक एक्सप्रेस’ के नाम से चलने वाली इन ट्रेनों में महाराष्ट्र से फिलहाल नासिक को शामिल किया गया। अभी 18 मई तक मुंबई से कोई ट्रेन नहीं चलाई जाएगी।
नासिक से लखनऊ और भोपाल ट्रेन चलाने की योजना है। इन ट्रेनों में खाने और पानी की व्यवस्था प्रशासन द्वारा की जाएगी। ट्रेन का किराया एक्सप्रेस ट्रेन के स्लिपर क्लास, जिसमें सुपरफास्ट चार्ज जोड़ा जाएगा और 20 रुपये का अतिरिक्त शुल्क होगा। ये ट्रेनें एक पॉइंट से दूसरे पॉइंट तक ही चलेंगी। यात्रा के दौरान मास्क पहनना और सामाजिक दूरी बनाए रखना अनिवार्य होगा।

स्क्रीनिंग के बाद ही अनुमति
यात्रियों की स्टेशन पर अडवांस में स्क्रीनिंग होगी। यात्रियों को स्टेशन तक स्थानीय प्रशासन द्वारा सैनेटाइज्ड बसों में चरणबद्ध तरीके से लाया जाएगा। जिन यात्रियों में संक्रमण के कोई लक्षण न दिखाई देते हों, उन्हें ही अनुमति दी जाएगी। गंतव्य स्टेशन तक पहुंचने के बाद आगे ले जाने की जिम्मेदारी राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन की होगी।

पंजीकरण कराना होगा जरुरी
पहले पंजीकरण, फिर परिवहन की प्रक्रिया हो रही है। इस काम को संजीदगी से अंजाम देने के लिए राज्य सरकारों ने उच्चाधिकारी नियुक्त किए हैं। लाने-ले जाने के काम को और सुगम बनाने के लिए अब रेलवे मंत्रालय से भी आग्रह किया है। देश में लगभग 40 दिनों के बाद शुक्रवार को पहली ट्रेन तेलंगाना के लिंगमपल्ली से हटिया के बीच चली है। इसे देखते हुए मुंबई में फंसे लोगों को भी उम्मीद जगी है। आज नासिक रोड रेलवे स्टेशन से 839 प्रवासी मजदूरों को लेकर श्रमिक स्पेशल ट्रेन यूपी में लखनऊ के लिए रवाना हुई।

मुंबई की स्थिति ठीक नहीं
एक अधिकारी ने बताया कि मुंबई, पुणे और नागपुर की स्थिति संवेदनशील है। ऐसे में राज्य सरकार यहां से ट्रेन चलाने के निर्णय को लेकर विचार-विमर्श कर रही है। हालांकि, राज्य सरकार में कुछ बड़े स्तर के मंत्रियों ने मुंबई से ट्रेन चलाने का सुझाव दिया था। नई गाइडलाइन में देशभर में रेड, ग्रीन और ऑरेंज जोन बनाए गए हैं। इनमें से केवल ग्रीन और ऑरेंज जोन में ही नियमों में शिथिलता होगी।
मुंबई में कोरोना के आंकड़ों के देखते हुए 18 मई तक कोई ट्रेन नहीं चलाई जाएगी। एक अधिकारी ने कहा कि म्युनिसिपल हद में भी जोन बनाए जा रहे हैं, यदि इसमें कोई वॉर्ड या इलाके ग्रीन और ऑरेंज जोन की श्रेणी में होंगे, तो यात्रियों के आने-जाने पर कोई निर्णय लिया जा सकता है।

कैंसर से लेकर बाईपास तक, सरकार ने तय किए प्राइवेट अस्पतालों में इलाज के रेट
कोरोना त्रासदी से जूझ रहे महाराष्ट्र में बिना इंश्योरेंस के लोगों को किफायती इलाज दिलाने के लिए राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। राज्य सरकार ने प्राइवेट अस्पतालों में अलग-अलग बीमारियों के इलाज के रेट तय कर दिए हैं। महाराष्ट्र में इस वक्त महामारी ऐक्ट, डिजास्टर मैनेजमेंट ऐक्ट लागू हैं।
सरकार को कोविड और नॉन कोविड मरीजों की ओर से लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि ऐसी त्रासदी के समय भी कई प्राइवेट अस्पताल डिलिवरी, डायलिसिस और बाईपास जैसी समस्याओं के लिए मनमाने दाम वसूल रहे हैं। सरकार ने इन शिकायतों को देखते हुए 173 तरह की बीमारियों/प्रोसीजर्स के लिए रेट तय कर दिए हैं। इससे ज्यादा पैसे वसूलने वाले अस्पतालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
राज्य सरकार ने महामारी खत्म होने तक एंजियोग्राफी, बाईपास, नी और हिप रिप्लेसमेंट, कैटरैक्ट, हर्निया जैसी समस्याओं के रेट तय करने के लिए एक नोटिफिकेशन जारी किया है। आदेश में साफ कहा गया है कि अस्पताल इससे ज्यादा दाम नहीं वसूल सकते हैं। राज्य सरकार ने कहा कि ये रेट महामारी खत्म होने तक लागू रहेंगे।

किसी भी मरीज को बिना जांच न लौटाएं अस्पताल
उधर राज्य में कोरोना वायरस के बढ़ते मरीजों को देखते हुए सरकार ने स्वास्थ्य विभाग को सख्त निर्देश दिया है कि किसी भी स्थिति में अस्पताल आने वाले किसी भी बीमारी के मरीजों को बिना जांच या उचित जांच पड़ताल के वापस नहीं भेजना है। अस्पताल आने वाले हर मरीज की स्क्रीनिंग करनी है और समस्या के अनुसार उसे जल्द से जल्द उपचार देना होगा।
बता दें कि कोरोना के कारण कई अस्पताल सामान्य मरीजों को इलाज देने से मना कर रहे हैं। किडनी की बीमारियों से जूझ रहे मरीजों को डायलिसिस के लिए भी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में प्रशासन के इस फैसले से मरीजों को राहत मिल सकती है।