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महाराष्ट्र सरकार के सशर्त ऐलान के बाद- आज से मुंबई और पुणे में खुलेंगी शराब की दुकानें

आज से छलकेंगे ‘जाम’ तो भरेगा सरकारी खजाना

मुंबई: महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के चलते राज्य की अर्थव्यवस्था पटरी से उतर गई है।अर्थव्यवस्था पटरी पर लाने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने लॉकडाउन-3 में मुंबई और पुणे में सोमवार से शराब की दुकानें खोलने की अनुमति दे दी है, परन्तु महाराष्ट्र सरकार ने शर्त रखी है कि शराब की दुकानें उन इलाकों में खोली जाएंगी जहां कोरोना वायरस का संक्रमण न हो और वो इलाका कंटेनमेंट जोन घोषित नहीं किया गया हो। शराब की दुकानें स्टैंडअलोन (रिहायशी इलाके से अलग-थलग) होना चाहिये। एक लेन मे महज पांच दुकानें ही खुली होने की छूट होगी। हालांकि, लॉकडाउन के दौरान सार्वजनिक स्थानों पर शराब पीने, पान, गुटखा, तंबाकू आदि खाने की इजाजत नहीं होगी।

दरअसल, रेड जोन में भी राज्य सरकार ने गैर-जरूरी दुकानों को खोलने का फैसला किया है जिसमें शराब की दुकानें भी शामिल हैं। हालांकि सरकारी ऐलान का विरोध भी हो रहा है। शराब की दुकानें रिहायशी इलाकों से थोड़ा अलग और स्टैंड एलोन जगहों पर होनी चाहिए। महाराष्ट्र सरकार के प्रधान सचिव भूषण गगरानी ने बताया कि मुंबई और पुणे में सोमवार से गैर-जरूरी वस्तुओं की दुकानें खुलेंगी। इसमें शराब की दुकानें भी शामिल हैं। बस शर्त ये है कि ये दुकानें रहवासी इलाके से अलग होनी चाहिए और एक लेन में महज 5 दुकानें ही खुली रह सकेंगी।
बता दें कि महाराष्ट्र में हर महीने शराब की बिक्री से औसतन 1500 करोड़ का राजस्व सरकार को मिलता है। 22 मार्च से देश में लॉकडाउन लागू होने से महाराष्ट्र में शराब की बिक्री पर भी पूरी तरह से पाबंदी थी और हजारों करोड़ रुपए का राजस्व घाटा सरकार को सहना पड़ रहा था। शराब की दुकानों पर ताला जड़ा होने से सूबे की उद्धव ठाकरे सरकार को महज दो महीने मार्च और अप्रैल में 40,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का राजस्व का नुकसान हो चुका है।
प्रदेश की अर्थव्यवस्था पटरी पर लाने की सोच में महाराष्ट्र सरकार ने आखिरकार शराब की दुकानें खोल दी हैं। शराब की दुकानें खोलने की सबसे पहली मांग मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने मुख्यमंत्री कार्यालय को पत्र लिखकर की थी।