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नए App से दुर्घटनास्थल पर मदद के लिए तुरंत पहुंचेगी ऐम्बुलेंस

नयी दिल्ली, सड़क दुर्घटना के शिकार हुए लोगों को मदद के लिए अब इंतजार नहीं करना पड़ेगा। एक मोबाइल ऐप जल्द ही उन तक ऐम्बुलेंस पहुंचाएगा। मोबाइल में ऐप (App) डाउनलोड करके कोई भी इसका फायदा ले सकेगा। हेल्थ मिनिस्ट्री जल्द एक ऐप लॉन्च करने जा रही है। इस ऐप का कॉन्सेप्ट एक युवा ब्यूरोक्रैट ने तैयार किया था। इसका मकसद रोड एक्सीडेंट में घायल हुए लोगों को जल्द से जल्द हॉस्पिटल पहुंचाना है, ताकि उन्हें उचित इलाज मिल सके।
दुर्घटनास्थल से फोन करने वाले व्यक्ति की लोकेशन का तुरंत पता लगाने और उसे रियल-टाइम बेसिस पर करीबी ऐम्बुलेंस की सूचना देने के लिए 2015 बैच के एक IAS ऑफिसर ने Google के साथ मिलकर एक सॉफ्टवेयर डिवेलप किया था। पिछले साल युवा ब्यूरोक्रैट्स के साथ बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस आइडिया से काफी प्रभावित हुए और हेल्थ मिनिस्ट्री से इस प्रॉजेक्ट पर काम करने के लिए कहा गया।
यह सॉफ्टवेयर कॉल करने वाले व्यक्ति की लोकेशन को बिना वक्त गंवाए पहचान लेता है और दुर्घटनास्थल के सबसे नजदीक में मौजूद ऐम्बुलेंस की जानकारी पीड़ित या दुर्घटना की जानकारी देने वाले व्यक्ति को एक टेक्स्ट मेसेज के जरिए भेज देता है। मेसेज मिलते ही पीड़ित या उसके आसपास मौजूद लोग फौरन पीड़ित की मदद के लिए ऐम्बुलेंस को कॉल कर सकेंगे। इतना ही नहीं, ऐप द्वारा भेजे गए टेक्स्ट मेसेज में ऐम्बुलेंस के पहुंचने में लगने वाले वक्त के बारे में भी जानकारी उपलब्ध होगी।
बता दें कि साल 2017 में भारत में 1,46,000 से ज्यादा लोगों की सड़क दुर्घटना में मौत हुई थी। प्रोजेक्ट से जुड़े एक उच्चाधिकारी ने बताया कि इस ऐप की मदद से ऐम्बुलेंस तक पहुंचना काफी आसान हो जाएगा और इसके जरिए ज्यादा से ज्यादा ऐम्बुलेंस पीड़ित की मदद के लिए काम आ सकेंगे। इस ऐप की सबसे खास बात यह होगी कि ज्यादातर मामलों में पीड़ित खुद ही नजदीकी ऐम्बुलेंस को अपनी मदद के लिए बुला सकेंगे। यह सॉफ्टवेयर दुर्घटनास्थल से कॉल सेंटर में कॉल करेगा और इस कॉल से दुर्घटना की जगह और नजदीकी ऐम्बुलेंस दोनों की लोकेशन को आसानी से ट्रैक किया जा सकेगा। कॉल के तुरंत बाद ही कॉल सेंटर से कॉलर को नजदीकी ऐम्बुलेंस की जानकारी एक मेसेज के द्वारा सेंड कर दी जाएगी। इस मेसेज से कॉलर ऐम्बुलेंस के लिए रिक्वेस्ट डाल सकेंगे।
पीड़ित या कॉलर को इन्फर्मेशन देने के साथ ही कॉल सेंटर नजदीकी ऐम्बुलेंस को भी दुर्घटनास्थल की जानकारी देते हुए उसे तुरंत वहां पहुंचने को कहेगा। इसके साथ ही ऐम्बुलेंस दुर्घटनास्थल की सही लोकेशन को ऐप या कॉल सेंटर की मदद से ऐक्सेस कर सकेगी। उम्मीद की जा रही है कि एस ऐप के लॉन्च होने के बाद ऐम्बुलेंस को दुर्घटनास्थल पर पहुंचने में ज्यादा वक्त नहीं लगेगा। फिलहाल ऐसी मामलों में लोगों को इमरजेंसी नंबर 108 का सहारा लेना पड़ता है जिसमें कई बार दुर्घटना के बाद शुरुआती इलाज मिलने में काफी देरी हो जाती है।