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होम्योपैथी में संभव है कोरोना का इलाज? कई मरीजों के ठीक होने का दावा…

नयी दिल्ली: वैश्विक महामारी कोरोना से लड़ाई में होम्योपैथी कारगर हथियार साबित हो सकती है. होम्योपैथ और नेमीनाथ होम्योपैथी कॉलेज और अस्पताल के प्रिंसिपल डॉ प्रदीप गुप्ता ने बताया कि होम्योपैथिक दवाओं से कोविड-19 के रोगियों के इलाज के जो प्रयोग किये गए हैं, उनके सफल परिणाम मिले हैं.
डॉ गुप्ता ने अब सभी संबंधित विभागों को पत्र लिखकर मौजूदा स्वास्थ्य संकट से देश को बचाने के लिए होम्योपैथी द्वारा मरीजों के इलाज की अनुमति देने की मांग की है.
डॉक्टर गुप्ता के मुताबिक, ICMR से अनुमति मिलने के बाद, हमने FH मेडिकल कॉलेज से 44 कोविड-19 मरीजों को 5 मई को अपने अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया था. हमने 22 मरीजों के दो समूह बनाये. पहले समूह को हमने होम्योपैथिक दवाएं दीं. तीन दिनों में इस समूह के सभी मरीज कोरोना के लक्षण से मुक्त हो गए और सात दिनों के भीतर वह पूरी तरह स्वस्थ हो गए. उनकी दोनों रिपोर्ट्स इसकी पुष्टि करती हैं. जबकि दूसरे समूह के मरीजों का अभी भी इलाज चल रहा है.
गौरतलब है कि भारत में पांच लाख से अधिक होम्योपैथ हैं. डॉ प्रदीप गुप्ता ने आगे कहा, मैंने सभी से यह कहा है कि मैं देश में कहीं भी अपने खर्चे पर कोरोना मरीजों का इलाज करने के लिए तैयार हूं. होम्योपैथी दवाओं के बारे में लोग पहले से ही जानते हैं. कंटेनमेंट जोन में इन दवाओं को मुफ्त में वितरित किया जा सकता है, इससे काफी दबाव कम होगा. डॉक्टर गुप्ता ने सवाल किया कि जब आपके पास कोई विकल्प नहीं है और कोरोना की वैक्सीन बनने में काफी वक्त लगने वाला है, तो फिर होम्योपैथी को आजमाने में हर्ज क्या है?

वहीं, एक अन्य होम्योपैथ डॉ. सिद्धार्थ मिश्रा प्रिवेंटिव पैकेज की पेशकश कर रहे हैं. जिसके बारे में उनका दावा है कि कई मरीजों को उससे राहत मिली है. विशेषज्ञों का कहना है कि होम्योपैथी सस्ती और प्रभावी दोनों है. वे चाहते हैं कि सरकार होम्योपैथी को COVID-19 रोगियों के इलाज का मौका दे.

होम्योपैथ डॉ अभय छेड़ा (मुंबई) सम्पर्क क्र. +91- 90221 65333

महाराष्ट्र सरकार दे होम्योपैथी से कोविड-19 रोगियों के इलाज का मौका: डॉ अभय छेड़ा
मुंबई में होम्योपैथ डॉ. अभय छेड़ा का कहना है कि यहाँ कई होम्योपैथ विशेषज्ञ हैं पर सरकार ने उनका हाथ बांधकर रखा है. सरकार को जल्द से जल्द ऐलान करना चाहिए जिससे ‘क्‍वारंटाइन’ किये गए मरीजों को तुरंत राहत दी जा सके.
डॉ. छेड़ा ने कहा है कि आईसीएमआर, विश्व स्वास्थ्य संगठन माफिया की तरह हैं, इन्होंने बिना हम सभी से कोई बात किये, आयुर्वेद, होम्योपैथी से संपर्क किये बिना ही यह घोषित कर दिया कि आयुर्वेद और होमियोपैथ में कोरोना का कोई इलाज नही है. जबकि अब तक इनके पास भी कोई इलाज नही है. इस तरह देश के लाखों करोड़ों लोगों के जान के साथ विश्व स्वास्थ्य संगठन और आईसीएमआर खिलवाड़ कर रहा है.

आयुर्वेद में है कोरोना का इलाज
आगे उन्होंने कहा कि हम कुछ नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि कानून से हमारे हाथ बांध दिए गए हैं. हमें बिना डरे, बिना आत्मविश्वास खोए, हार न मानते हुए अपनी आवाज एकजुट करनी चाहिए, और यह मुद्दा स्वास्थ्य मंत्रालय, भारत सरकार के पास रखना ही चाहिए.