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जीआरपी के जवान ने लौटाए ट्रेन में भूले 6 लाख के गहने..!

मुंबई , लोकल ट्रेनों में सामान भूलना मुंबईकरों की आदत सी बन गई है। रेलवे पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, हेल्पलाइन पर हर साल औसतन 12 हजार कॉल केवल ट्रेनों में सामान भूल जाने से जुड़ी आती हैं। इनमें से 80 प्रतिशत सामान रिकवर नहीं होता है लेकिन गिरगांव में रहने वाली नीलम सोलंकी की किस्मत अच्छी थी। शुक्रवार को ट्रेन में लाखों रुपये के गहने भूल जाने के कुछ ही देर बाद उन्हें सामान मिल गया।
बता दें कि गिरगांव में रहने वाली नीलम अपने पति मनीष सोलंकी के साथ भाईंदर में रिश्तेदार की शादी में गई थीं। करीबी रिश्तेदार की शादी होने के कारण सजने-संवरने के लिए सोने-चांदी के असली गहने लेकर गई थीं। शादी समारोह खत्म होने के बाद पति-पत्नी भाईंदर से मुंबई लौट रहे थे। वे बातों में इतने मशगूल थे कि ग्रांट रोड स्टेशन उतरने से पहले रेक पर रखा अपना बैग लेगा ही भूल गए, यह घटना रात के लगभग साढ़े नौ बजे हुई। प्लैटफॉर्म पर उतरने के बाद मनीष और नीलम को लगा कि उनके हाथ में जो बैग था, वह ट्रेन में ही छूट गया। ट्रेन अब तक चर्चगेट स्टेशन ही पहुंची होगी। दोनों आनन-फानन में चर्चगेट स्टेशन गए। वहां स्टेशन मास्टर से संपर्क किया, जिन्हें सामान के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। दोनों पति-पत्नी की चिंता बढ़ने लगी क्योंकि बैग में 180 ग्राम वजन के सोने के गहने और चांदी का कुछ सामान था। इसकी बाजार में कीमत करीब 6 लाख 20 हजार रुपये होगी। एक ओर पति-पत्नी चिंता में इधर-उधर भटक रहे थे तो दूसरी ओर ड्यूटी पर तैनात जीआरपी के जवान दातार को ट्रेन में एक बैग मिला, जिसे उसने चर्चगेट चौकी में पहुंचाया। यहां उन्होंने अपनने सीनियर बालासाहेब पवार को सामान सौंप दिया। पुलिस सामान के मालिक की खोज में लगी ही थी कि कुछ ही देर में मनीष और नीलम चौकी पहुंच गए। यहां उन्होंने अपनी आपबीती सुनाई। पुलिस ने घटना सुनी तो लगा कि दातार ने जो बैग दिया, वह इन्हीं का हो सकता है। पुलिस ने नीलम से सामान की थोड़ी बहुत निशानदेही पूछी और जब मिलान हो गया तो बैग लौटा दिया। बैग मिलते ही नीलम और मनीष के चेहरे पर सोने के गहनों की तरह चमक लौट आई।