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भय्यूजी के बेडरूम में रहने लगी थी युवती..40 करोड़ कैश, कार और फ्लैट की मांग कर रही थी युवती..!

इंदौर, पिछले साल जब भय्यूजी महाराज की आत्महत्या की खबर आयी तो उनके अनुयायियों में शोक की लहर दौड़ गई थी। कई दिनों तक उनके भक्त अपने आंसू नहीं रोक पा रहे थे। जैसे-जैसे भक्तों और परिजनों के आंसू सूखे, वैसे-वैसे इस खुदकुशी की जांच तेज होती चली गई। जांच में जैसे-जैसे आगे बढ़ी, वैसे-वैसे आत्महत्या की यह गुत्थी सुलझने की बजाय उलझती चली गई। अब इस कहानी में एक युवती की एंट्री हुई है, जो भय्यूजी के बेडरूम में ही रहने लगी थी।
भय्यू महाराज के करीबी वकील और कॉन्ट्रैक्टर से पुलिस ने बुधवार को पूछताछ की। दोनों ने कहा कि फूटी कोठी निवासी युवती महाराज को ब्लैकमेल करती थी। पुलिस ने युवती को भी तलब करके पूछताछ की। पुलिस ने युवती से कुहू द्वारा लगाए आरोपों पर सवाल दागे। युवती पर यह भी आरोप है कि वह भय्यूजी से 40 करोड़ कैश, कार और फ्लैट की मांग कर रही थी।
सीएसपी अगम जैन (प्रोबेशनर आईपीएस) के मुताबिक बुधवार दोपहर युवती को बुलाया गया था। उससे कुछ अंदरूनी बातों के संबंध में जानकारी ली गई है। सूत्रों के मुताबिक युवती से पूछा गया कि तुमने कुहू की केयर टेकर होने का दावा किया था, लेकिन कुहू इससे इनकार करके गई है। उसने यह भी कहा है कि तुम पिता के बेडरूम में रुकने लगी थीं। इन सवालों पर युवती ठोस जवाब नहीं दे पाई।
सीएसपी ने विनायक दुधाले, शरद देशमुख, शेखर शर्मा, कृष्णा ड्राइवर, गोलू नौकर, अनूप राजोरकर, योगेश चौहान, अमोल चव्हाण से भी पूछताछ की। सभी को दिनभर आजादनगर और तेजाजीनगर थाने में बैठाए रखा। उधर, महाराज के करीबी निवेश उर्फ राजा बड़जात्या (वकील) व मनमीत अरोरा (कॉन्ट्रैक्टर) ने भी ड्राइवर कैलाश के बयानों की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि महाराज की मौत के बाद यह सुना था कि युवती ने संबंध बना लिए थे। वह महाराज को ब्लैकमेल करती थी।
भय्यूजी महाराज की मां का दावा : वह युवती भय्यू के पास काम करने आई थी। धीरे-धीरे घर में राज करने लगी। भय्यू के बेडरूम में ही रुकती थी। उनकी अलमारी में कपड़े रखने लगी। उन्हीं के बाथरूम में नहाती थी। विनायक और शेखर भी उसके गिरोह में शामिल थे। सबने षड्यंत्रपूर्वक भय्यू को जाल में फंसाया और ब्लैकमेल करने लगे। यह खुलासा भय्यू महाराज (उदयसिंह देशमुख) की मां 75 वर्षीय कुमुदनी देशमुख ने हाल ही में किया है।
कई लोगों के मोबाइल जब्त : जांच के दौरान पुलिस अभी तक छह संदेहियों से मोबाइल जब्त कर चुकी है। तत्कालीन सीएसपी मनोज रत्नाकर ने भी महाराज के मोबाइल जब्त किए थे, लेकिन उन्होंने फॉरेंसिक जांच नहीं करवाई थी।