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आचरेकर को नम आंखों से श्रद्धांजलि देने वालों का ताँता , शिवाजी पार्क श्मशान घाट में किया गया अंतिम संस्कार..

मुंबई , महान भारतीय बल्लेबाज भारत रत्न सचिन तेंदुलकर और उनके दोस्त विनोद कांबली को प्रशिक्षित करने वाले आचरेकर का 87 साल की उम्र में मुंबई में बुधवार को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। शिवाजी पार्क श्मशान घाट में आचरेकर का अंतिम संस्कार किया गया। इस मौके पर हजारों लोग उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे। उन्हें उनकी खास ग्रे गोल्फ कैप पहने देखा गया। सचिन तेंदुलकर के साथ कई युवा क्रिकेट खिलाड़ियों और हजारों लोगों ने गुरुवार को नम आंखों से आचरेकर को अंतिम विदाई दी। 
महाराष्ट्र सरकार ने भीष्मचार्या पुरस्कार से सम्मानित आचेरकर का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार नहीं किया। आवास मंत्री प्रकाश मेहता ने मीडिया से कहा कि आचरेकर को राजकीय सम्मान के साथ विदाई नहीं दिया जाना दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है। यह किसी की गलती और संवादहीनता के कारण हुआ। सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर मैं माफी मांगता हूं। यह काफी दुखद है। मैं पता लगाऊंगा कि ऐसा क्यों नहीं किया गया। 
सुबह से ही दादर में आचरेकर के घर में लोगों का तांता लग गया था। इनमें शीर्ष स्तरीय क्रिकेट खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर, विनोद कांबली, चंद्रकांत पंडित, बलविंदर सिंह संधू और अन्य प्रथम श्रेणी क्रिकेट खिलाड़ी अपने गुरु को अंतिम विदाई देने पहुंचे थे। इसके साथ ही महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना अध्यक्ष और आचरेकर के पड़ोसी राज ठाकरे, नितिन सरदेसाई, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मुंबई प्रमुख आशीष शेलार के साथ कई अन्य राजनेता भी आचरेकर को श्रद्धांजलि देने पहुंचे।
आचरेकर की अंतिम विदाई के दौरान जब उनके पार्थिव शरीर को ले जाया जा रहा था, तब सड़क के दोनों ओर पंक्तिबद्ध खड़े कुछ युवा क्रिकेट खिलाड़ियों को उन्हें सलामी देने के अंदाज में अपने बल्लों को हवा में उठाते हुए देखा गया।
आचरेकर को वर्ष 1990 में द्रोणाचार्य पुरस्कार और 2010 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। उनके योगदान की एक झलक पिछले साल आई सचिन की बायोपिक ‘सचिन : ए मिलियन ड्रीम्स’ में दशाई गई थी। 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को दिग्गज क्रिकेट कोच रमाकांत आचरेकर के निधन पर शोक व्यक्त किया और कहा कि उनका निधन खेल जगत के लिए ‘बड़ी क्षति’ है। प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट में कहा कि रमाकांत आचरेकर गुरु परंपरा की एक चमकती हुई मशाल थे। एक उत्कृष्ट गुरु, जिन्होंने वर्षों तक क्रिकेट की प्रतिभाओं को निखारा। उन्होंने जिन रत्नों का प्रशिक्षित किया उन्होंने देश को अपार गौरव दिलाया। उनका निधन खेल जगत के लिए बहुत बड़ी क्षति है। मेरी संवेदनाएं..!