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पुणे के इस गांव का फैसला, 1 जुलाई से नहीं खरीदे-बेचे जाएंगे चीनी सामान

पुणे: भारत और चीन के बीच सीमा पर जारी तनाव के बीच देश में चीनी सामानों के बहिष्कार को लेकर आवाज उठ रही है। इसी कड़ी में महाराष्ट्र के पुणे जिले की कोंधवे-धावडे ग्राम पंचायत ने प्रस्ताव पास कर 1 जुलाई से गांव में चीनी सामान की खरीद-बिक्री पर रोक लगा दी है।
ग्राम पंचायत ने इस संबंध में एक सर्कुलर जारी किया है, जिसे दुकानदारों व ग्रामीणों के बीच बांटा जा रहा है। इसमें कहा गया है कि गांव का कोई भी दुकानदार चीनी सामान नहीं रखेगा। इसके साथ ही गांव का कोई भी व्यक्ति चीनी सामान नहीं खरीदेगा।

बता दें कि देश के कई व्यापारिक संगठन भी इसे लेकर मुहिम शुरू कर चुके हैं। कोंधवे-धावडे गांव के सरपंच नितिन धावडे ने बताया कि, ‘यह निर्णय मासिक बैठक के दौरान लिया गया था। हम ग्राम पंचायत के ठेकेदारों को भी अपने निर्णय के बारे में बता रहे हैं। उनके साथ अनुबंध के दौरान भी चीनी उत्पादन का इस्तेमाल नहीं किए जाने की शर्त रखेंगे। हम दुकानदारों और ग्रामीणों को भी चीनी उत्पादों की खरीद-बिक्री पर रोक लगाने के लिए कह रहे हैं। इसके लिए हम पोस्टर-बैनर भी लगाएंगे।

गलवान में हुई थी हिंसक झड़प
गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख में स्थित गलवान घाटी में एलएसपी पर 15 जून को सैंकड़ों चीनी सैनिकों ने भारतीय जवानों पर धोखे से हमला कर दिया था। अचानक हुए इस हमले में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे, वहीं 76 जवान घायल हो गए थे। चीन की इस करतूत के खिलाफ देशभर में गुस्सा भड़का हुआ है। यही वजह है कि एक बार फिर चीन से व्यापारिक रिश्तों को तोड़ने पर आवाजें उठने लगी हैं।