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कानपुर: ढहाया गया कुख्यात अपराधी विकास दुबे का अवैध मकान, प्रशासन ने की कार्रवाई

(ऊपर इनसेट में काले कोट में विकास दुबे-फाइल फोटो)

कानपुर: कानपुर के कुख्यात अपराधी विकास दुबे के खिलाफ प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है. पुलिस टीम पर हमले के बाद से फरार चल रहे विकास दुबे के आलीशान घर को मिट्टी में मिला दिया गया. विकास दुबे का यह किलेनुमा घर बिकरू गांव में स्थित है, जहां से उसने पुलिस पर गोली बरसाई थी.

विकास दुबे के आलीशान घर को मिट्टी में मिला दिया गया

पिछले 24 घंटे में यूपी पुलिस का मोस्ट वांटेड चेहरा बने विकास दुबे की तलाश में यूपी पुलिस पूरी रात छापेमारी करती रही. आठ पुलिसकर्मियों पर फायरिंग का आरोपी विकास दुबे घटना के बाद फरार होकर कहीं छिपा बैठा है. इधर सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, पुलिस की अबतक की जांच में सामने आया है कि चौबेपुर थाने के ही एक दारोगा ने विकास दुबे को पुलिस रेड की जानकारी कार्यवाई से पहले ही दे दी थी. अब पुलिस के शक के घेरे में एक दारोगा, एक सिपाही और एक होमगार्ड हैं.

शुक्रवार रात पुलिस की करीब बीस टीमें अलग-अलग जिलों में विकास दुबे की तलाश में दबिश देता रही. ये वो जगहें थी, जहां पर विकास दुबे के रिश्तेदार और परिचित रहते हैं. पुलिस ने इस मामले में 12 और लोगों को हिरासत में लिया है. पुलिस इनसे पूछताछ कर रही है. पुलिस ने इन लोगों को मोबाइल कॉल डिटेल के आधार पर उठाया है.

कारों को चकनाचूर किया गया

विकास के कॉल डिटेल में पुलिसकर्मियों के नंबर
हैरानी की बात है कि विकास दुबे के फोन की कॉल डिटेल में कुछ पुलिसवालों के नंबर भी सामने आए हैं. ये बेहद हैरान करने वाला तथ्य है. सूत्रों के मुताबिक पिछले 24 घंटे में इन लोगों से विकास दुबे की बातचीत हुई थी.

दारोगा ने दी विकास दुबे को रेड की सूचना
जानकारी के मुताबिक, पुलिस की जांच में सामने आया है कि चौबेपुर के थानाध्यक्ष ने विकास दुबे को पुलिस के आने की जानकारी पहले ही दे दी थी. एसटीएफ ने चौबेपुर के थानाध्यक्ष विनय तिवारी को हिरासत में लिया है, जबकि वहां के थानाध्यक्ष का चार्ज पुष्पराज सिंह को दिया गया है. कानपुर में पुलिस ने 500 से अधिक मोबाइल नंबर को ट्रेस करने के लिए सर्विलांस पर लगा दिया है. शक के घेरे में एक सिपाही और एक होमगार्ड भी है. तीनों की कॉल डिटेल के आधार पर पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है.

बता दें कानपुर से सटे चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव में गुरुवार देर रात और शुक्रवार तड़के पुलिस और विकास दुबे गिरोह के बीच हुए खूनी मुठभेड़ में 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे. इस मुठभेड़ में गिरोह के दो हमलावर भी मारे गए हैं.

ढहाया गया विकास दुबे का अवैध मकान
चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव में जहां एनकाउंटर हुआ, उस मकान को ढहाने की कार्रवाई लगभग पूरी हो गई है. बताया जा रहा है कि विकास दुबे ने गांव की जमीनों पर अवैध कब्जा करके ये मकान बनाया था. इस मकान को लेकर ग्रामीणों में हमेशा से आक्रोश था. मकान गिराने की कार्रवाई की चलते विकास दुबे की नौकरानी और बच्चों को पुलिस ने अपनी कस्टडी में ले लिया है.

मकान को ढहाने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया है. मौके पर जेसीबी मशीन से मकान को गिराया जा रहा है. वहीं इस दौरान मीडिया के कैमरे को 300 मीटर दूर ही रोक लिया गया है. जिले के एसपी पश्चिम अपर्णा गुप्ता खुद मौके पर आ गए हैं.

ग्रामीणों में विकास दुबे से बदला लेने की भावना: आईजी
आईजी मोहित अग्रवाल ने कहा कि गांववालों में विकास दुबे से बदला लेने की भावना महसूस हुई. दरअसल विकास दुबे ने अपनी गुंडई के बल पर इस मकान को तमाम जमीनों पर अवैध तरीके से कब्जा कर बनाया था और इस मकान को अड्डे की तरह इस्तेमाल करता था. ग्रामीण काफी अरसे से उसके आतंक से परेशान थे.

आईजी ने बताया कि फिलहाल कई टीमें विकास दुबे को गिरफ्तार करने का प्रयास कर रही हैं. एक टीम भारत के बाहर भी भेजी गई है. इसके अलावा यूपी के कई जिलों में भी छापेमारी जारी है. वहीं पुलिस के अंदर से ही मुखबिरी होने की बात पर आईजी ने कहा कि जांच जारी है, जो भी दोषी पाया जाएगा, उसकी नौकरी तो जाएगी ही, गिरफ्तार कर जेल भी भेजा जाएगा.

पुलिसकर्मियों को मारकर शव जलाने के प्रयास में थे बदमाश
चौबेपुर मुठभेड़ में बदमाशों ने बड़ी साजिश रची थी. वो पुलिसकर्मियों को मारकर शव जलाने के प्रयास में थे. इसीलिए एक के ऊपर एक रखकर शवों के ढेर लगा दिए थे. पुलिस की गाड़ियों को भी फूंकने की तैयारी थी. मगर तभी भारी पुलिस बल पहुंच गया और बदमाश फरार हो गए. गांव की सड़कें खून से रंगी थीं. हालात बयां कर रहे थे कि किस कदर रात के अँधेरे में पुलिसकर्मियों पर बर्बरता हुई है.

पुलिसकर्मियों को मारकर शव जलाने के प्रयास में थे बदमाश…

बताया जा रहा है कि आतंक का पर्याय बने विकास दुबे की अपने गांव बिकरू और आसपास में अच्छी-खासी दहशत है. आसपास के दर्जनों गांवों तक उसकी हनक है. यहां होने वालीं हर छोटी-बड़ी घटनाएं, कहासुनी विकास तक पहुंचती ही हैं. मामला थाना पुलिस से न निपटे तो विकास की अदालत में उसका हल निकलता है. बिकरू के लोगों में उसके नाम की इतनी दहशत है कि कोई उसका फैसला पलटने की जुर्रत नहीं करता. पड़ोसी गांव के लोग बताते हैं कि जब कोई मसला नहीं सुझलता तो वह विकास की चौखट पर जाता है. इलाके में उसकी पहचान पंडितजी के तौर पर है.

भाजपा नेता के मर्डर के बाद से चमका विकास
इस वारदात के बाद इलाके में उसका दबदबा बनने लगा. तभी चालीस बीघा जमीन के मामले में कानपुर देहात के ताराचंद इंटर कॉलेज, शिवली के प्रिंसिपल सिद्देश्वर पांडेय की सन 2000 में हत्या की. ये मामला ठंडा नहीं हुआ था कि 2001 में विकास ने भाजपा नेता संतोष शुक्ला को वर्चस्व व राजनीतिक रंजिश में शिवली थाने के भीतर घुसकर गोली मारकर मौत के घाट उतारा.
इस घटना के बाद विकास की शहर, देहात में दहशत कायम हो गई. फिर विकास ने 2002 और 2004 में भी हत्या की वारदातों को अंजाम दिया. हत्या के प्रयास, बलवा, लूट, डकैती, जालसाजी जैसे 71 केस उस पर दर्ज हैं. केवल चौबेपुर में ही उसके खिलाफ 60 मामले दर्ज हैं.

भाई की दी थी सुपारी 
विकास का चचेरा भाई अनुराग दुबे जेल में बंद था. दोनों का विवाद चल रहा था. इस बीच जेल में ही विकास ने अनुराग को मारने के लिए सुपारी दी थी. जेल में उस पर हमला भी हुआ था. विकास पर एफआईआर दर्ज हुई थी. जिसमें वह सालभर पहले जेल गया था. पांच महीने पहले ही वो वहां से छूटा और फिर से जघन्य अपराधों को अंजाम देने लगा.

यूपी का कुख्यात अपराधी विकास अपराध के सहारे पूरा साम्राज्य खड़ा कर रखा है. गांव में सिक्योरिटी से लैस किले की तरह मकान का बाउंड्री जेल की दीवारों की तरह है इन पर कांटेदार तारों से घेराव है. मकान में 50 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगे हैं. व्यवस्था ऐसी कि परिंदा भी पर मारे तो विकास को इसकी खबर हो जाए. दीवारों की ऊंचाई तीस से चालीस फीट है. इन पर कटीले तारों की घेरेबंदी से यहां किसी का दाखिल होना ना मुमकिन है. अगर कोई दाखिल हो भी जाए तो उसका पकड़ा जाना तय है. उसके पास कई लग्जरी कारें हैं. घर में लाखों के फर्नीचर व लग्जरी इलेक्ट्रॉनिक के सामान हैं. कुल मिलाकर वह गांव में लग्जरी लाइफ जीता आया है. दंभ में चूर विकास लोगों से कहता रहा है कि पंडितजी के गांव में सिर्फ सेना ही घुस सकती है. सूत्रों की मानें तो विकास ने कानपुर के अलावा कई अन्य शहरों में करोड़ों की जमीनें कब्जा की हैं. अरबों की संपत्ति बनाई है.

विकास दुबे के घर से बरामद हुए कारतूस (फोटो)

पूरे प्रदेश को हिलाकर रख देने वाली बिकरू गांव में हुई आठ पुलिसकर्मियों को गोलियों से भून देने की घटना में चौबेपुर के थानेदार विनय तिवारी की भूमिका संदिग्ध लग रही है. पहले थानेदार ने विकास दुबे पर रिपोर्ट दर्ज न कर पीड़ित राहुल को भगा दिया था. इसके बाद सीओ ने रिपोर्ट दर्ज कराई और गिरफ्तारी के लिए दबिश दी. दबिश में चौबेपुर थानेदार तिवारी गए तो लेकिन पीछे-पीछे रहे और हमले से ठीक पहले वहां से भाग निकले. इससे वे शक के घेरे में आ गए हैं. मोहिनी नेवादा निवासी राहुल तिवारी ने दो दिन पहले चौबेपुर थाने में विकास दुबे के खिलाफ हत्या के प्रयास का आरोप लगाकर तहरीर दी थी. थानेदार विनय तिवारी की भूमिका संदिग्ध मानते हुए आईजी रेंज कानपुर ने उन्हें तत्काल प्रभाव से सस्पेंड करने का ऑर्डर जारी कर दिया है. एसटीएफ की एक टीम विनय तिवारी से मुठभेड़ के संबंध में पूछताछ भी कर रही है.

बता दें कि विकास के फोन से कुछ पुलिसवालों के नबंर मिले हैं. जिनसे पूछताछ की जा रही है. आरोप है कि एसओ विनय तिवारी ने रिपोर्ट दर्ज नहीं की. जानकारी होने पर सीओ बिल्हौर देवेंद्र मिश्रा ने रिपोर्ट दर्ज कराई. इसी केस में विकास दुबे को उठाने के लिए आला अधिकारियों की अनुमति पर पुलिस ने दबिश दी.
यूपी पुलिस बिकरू में बने दुबे के किलेनुमा घर को आज जेसीबी से ढहा दिया. हालांकि कत्ल केस के गवाह बने इस घर को क्यों ढहाया जा रहा है, इसकी वजह अभी साफ नहीं है.
इसके साथ ही विकास दुबे की तलाश में पुलिस की 25 टीमें अलग-अलग इलाकों में दबिश दे रही हैं. इन सभी इलाकों में विकास के परिवार वाले रहते हैं. पुलिस ने अब तक इस मामले में पूछताछ के लिए 12 लोगों को हिरासत में लिया है. ताकि जल्द से जल्द विकास दुबे को पकड़ा जा सके. विकास दुबे का अब तक पता नहीं चला है, ऐसे में उसके मध्य प्रदेश, राजस्थान या फिर नेपाल भागने के संदेह पर पुलिस गौर कर रही है और तलाशी मुहिम में सख्ती की जा रही है.

मुठभेड़ में शहीद हुए शिवराजपुर थाने के एसओ महेश यादव

हम फंस गए हैं, अब बचना मुश्किल है…
अपराधियों से मुठभेड़ में शहीद हुए शिवराजपुर थाने के एसओ महेश यादव ने अपराधियों की गोलियों से बचते हुए किसी तरह थाने के एएसआई को फोन किया और कहा कि बदमाशों ने हम लोगों को घेर लिया है. हम फंस गए हैं. गोलियां चल रही हैं. अब बचना मुश्किल है. जल्दी फोर्स भेजें.

एसओ की एक कॉल ने बचाई कई पुलिसकर्मियों की जान!
इसी कॉल के बाद भारी फोर्स और पुलिस अफसर मौके पर पहुंचे और इससे अन्य कई पुलिसकर्मियों की जान बच सकी. दरअसल विकास दुबे के घर दबिश देने वाली टीम में एसओ महेश यादव सबसे आगे थे. हमला होते ही उन्होंने मोर्चा लेने की कोशिश की लेकिन बदमाशों की फायर पावर के आगे एक-एक कर पुलिसकर्मी गिरने लगे. इस दौरान किसी तरह से महेश यादव घर के एक कमरे में छिपे, यहीं से उन्होंने थाने के एसएसआई को फोन कर घटना की जानकारी दी. इस कॉल के बाद फौरन वायरलेस किया गया. और भारी संख्या में पुलिस फोर्स मौके पर पहुंची.

विकास के घर से मिले दो फोन
उधर विकास दुबे के घर से पुलिस को दो मोबाइल फोन मिले हैं. पता चला है कि इससे पुलिस को अहम सुराग हाथ लगे हैं. पुलिस कॉल रिकॉर्ड की छानबीन में जुटी है. पता लगाया जा रहा है कि 48 घंटे में किन-किन लोगों से इन फोन से संपर्क किया गया? पुलिस इन सभी को ट्रैक कर रही है.

सूचना देने वाले को 50,000 का इनाम
वहीं पुलिस महानिरीक्षक मोहित अग्रवाल ने ऐलान किया गया है कि विकास दुबे की सूचना देने वाले को 50,000 का इनाम मिलेगा. कोई भी शख्स 9454400211 पर संपर्क कर सकता है. सूचना देने वाले व्यक्ति का नाम गोपनीय रखा जाएगा.